नेपाल के पूर्व राजा पर भी एक्शन की तैयारी, पीएम ओली ने दे दी चेतावनी

1 day ago

KP Oli Gyanendra shah: नेपाल में राजशाही समर्थक प्रदर्शनों के हिंसक होने के बाद हालात तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में हैं. देश के सुरक्षाकर्मियों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प में एक कैमरामैन समेत 2 लोगों की मौत हो गई जबकि 110 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. दर्जनों लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. पीएम केपी शर्मा ओली द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में चर्चा के बाद यह तय किया कि पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ही मुख्य रूप से षड्यंत्रकारी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार हैं, जिनका मकसद संघीय लोकतांत्रिक शासन को खत्म करना है. सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस और विपक्षी माओवादी केंद्र ने शुक्रवार की घटनाओं के लिए ज्ञानेंद्र शाह को जिम्मेदार ठहराया है.

पूर्व राजा पर एक्शन की तैयारी

द काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बनी सहमति के बाद अब नेपाल की सरकार पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह पर एक्शन लेने का मन बना चुकी है. नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने चेतावनी दी कि काठमांडू में सुरक्षा बलों के साथ झड़प में शामिल पाए जाने वाले पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. काठमांडू के तिनकुने इलाके में शुक्रवार को पूर्व राजा के समर्थकों द्वारा राजशाही की बहाली की मांग को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे.

 पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के खिलाफ कम्युनिस्ट सरकार सख्त, एक्शन होना तय

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी ओली ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को पिछले हफ्ते हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, 'दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. प्रतिनिधि सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पूर्व राजा से मांग की कि वह शुक्रवार को तिनकुने इलाके में राजशाही समर्थकों द्वारा आयोजित हिंसक विरोध प्रदर्शन के बारे में अपने विचार सार्वजनिक करें. ओली ने कहा, 'पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह भी तिनकुने की घटना के लिए जिम्मेदार हैं. ओली ने अपनी बात दोहराते हुए कहा, 'घटना में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, चाहे वो कोई भी हो.

ओली ने कहा, 'इन सभी घटनाओं से ये साफ होता है कि पूर्व राजा ने संविधान सभा के ऐतिहासिक निर्णय के बाद हुए समझौते का उल्लंघन किया है.

समझौते में क्या है?

ओली ने कहा, 'समझौते में कहा गया था कि पूर्व राजा एक नागरिक के रूप में शांतिपूर्ण जीवन जीएंगे. नागरिक के कानूनी और संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करके व्यवसाय में शामिल होंगे. सरकार पूर्व राष्ट्राध्यक्ष के रूप में उनकी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करेगी और उन्हें काठमांडू के बाहरी इलाके में स्थित नागार्जुन पैलेस का उपयोग करने की अनुमति देगी. पूर्व राजा शाह ने लोकतंत्र दिवस (19 फरवरी) पर एक वीडियो जारी करते हुए भीड़ को उकसाया. उन्हें दण्ड से मुक्ति नहीं दी जाएगी. जो लोग व्यवस्था को उखाड़ फेंकना चाहते हैं और राजशाही को बहाल करना चाहते हैं, उन्हें इन कार्यों पर अपने विचार सार्वजनिक करने चाहिए.'

संविधान विरोधी गतिविधि बर्दाश्त नहींः प्रधानमंत्री ओली

प्रधानमंत्री ने कहा कि शुक्रवार को काठमांडू में आयोजित दो विरोध रैलियों में से, गणतंत्र प्रणाली के पक्ष में सोशलिस्ट फ्रंट द्वारा आयोजित एक लोकतांत्रिक और कानूनी थी, जबकि राजशाही को फिर से स्थापित करने के समर्थन में प्रदर्शन असंवैधानिक था. राजशाही समर्थकों ने मीडिया हाउस में तोड़फोड़ की, डिपार्टमेंटल स्टोर्स को लूटा, सरकारी और निजी वाहनों को आग लगाई, एक दवा कारखाने को जला दिया. फायर ब्रिगेड के इंजन में तोड़फोड़ के साथ एयरपोर्ट के मैदान में मौजूद झाड़ियों में आग लगा दी. उसी दौरान एक कार को चलाने की कोशिश हुई. पुलिस के वाहन को निशाना बनाकर प्रतिबंधित क्षेत्र का उल्लंघन किया गया. इंटरनेशनल एयरपोर्ट और ऑयल कॉर्पोरेशन के डिपो में आग लगाने जैसी आतंकवादी गतिविधियां हुईं. किसी के घर में आग लगाना, शॉपिंग मॉल में लूटपाट करना और हर्बल कंपनी में आग लगाना राजनीतिक गतिविधियां नहीं मानी जा सकतीं. इसलिए दंगाइयों और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वालों पर कार्रवाई होगी.

मांगा गया हर्जाना क्या पासपोर्ट होगा जब्त?

ओली ने कहा कि गृह मंत्रालय उचित समय पर घटना के बारे में विस्तृत जानकारी देगा. उन्होंने कहा कि घटना पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार हो रही है.  ओली की टिप्पणी पर संसद में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के सांसदों ने विरोध जताया. पार्टी हिमालयी राष्ट्र में हिंदू साम्राज्य की बहाली की वकालत करती है.

इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी (KMC) ने ज्ञानेंद्र शाह को एक पत्र के जरिए प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति और पर्यावरण को हुए नुकसान को लेकर उनसे लाखों रुपये का हर्जाना मांगा है. महापौर बालेंद्र शाह ने पूर्व राजा से नुकसान के लिए हर्जाने के रूप में 7,93,000 नेपाली रुपये का भुगतान करने को कहा है.

एक अन्य एक्शन में सरकार ने पूर्व राजा के काठमांडू के बाहरी इलाके महाराजगंज में निजी निर्मला निवास पर सुरक्षाकर्मियों की संख्या घटाकर 16 कर दी गई जबकि शुक्रवार को हुए विरोध प्रदर्शन से पहले यहां पर 25 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते थे. सूत्रों के मुताबिक सरकार उनका पासपोर्ट जब्त कर सकती है.

Read Full Article at Source