नौ बैंक खाते, लाखों नकद और हीरे-सोने… एसीएस नूपुर बोरा की आलीशान जिंदगी

1 month ago

Last Updated:September 17, 2025, 19:59 IST

Nupur Bora corruption: एसीएस नूपुर बोरा ने सिर्फ पाँच साल में सरकारी सैलरी से कहीं अधिक संपत्ति जमा की. गुवाहाटी और बारपेटा घरों से लाखों रुपये, नौ बैंक खाते और महंगे आभूषण बरामद हुए.

नौ बैंक खाते, लाखों नकद और हीरे-सोने… एसीएस नूपुर बोरा की आलीशान जिंदगीनूपुर बोरा भ्रष्टाचार केस

एसीएस अधिकारी नूपुर बोरा की संपत्ति का मामला अब धीरे-धीरे खुलकर सामने आ रहा है. सीएम के सतर्कता अभियान ने उनके भ्रष्टाचार और करोड़ों रुपये की कमाई के कई सनसनीखेज पहलुओं को उजागर किया है. बस पांच साल की नौकरी में ही नूपुर बोरा करोड़ों की मालकिन बन गईं. अपनी कमाई से कहीं ज़्यादा संपत्ति रखने वाली नूपुर ने हर किसी को हैरान कर दिया है. सरकारी नंबर दो की नौकरी करने वाली नूपुर की सैलरी अब तक सिर्फ 45 लाख रुपये थी, लेकिन उनकी संपत्ति इससे 416% ज्यादा बताई जा रही है.

गुवाहाटी और बारपेटा स्थित उनके घरों से कुल 92 लाख रुपये ज़ब्त किए जा चुके हैं. हाल ही में सीएम के निगरानी प्रकोष्ठ ने गुवाहाटी के गोटानगर में नूपुर के घर छापा मारा. शुरुआत में वहां 4 लाख रुपये बरामद हुए. नूपुर का कहना था कि यह पैसा जमीन खरीदने के लिए था, लेकिन डील नहीं हुई और पैसे घर पर रखे.

फिर 24 लाख रुपये नकद बरामद हुए. इस बार नूपुर ने बताया कि यह फ्लैट खरीदने के लिए रखा था, लेकिन फैसला रद्द कर दिया. इसके अलावा, विजिलेंस टीम की नजर एक ट्रॉली बैग पर पड़ी, जिसमें पुराने और पिघले हुए नोटों के बंडल थे. यह साफ़ कर रहा था कि नूपुर कितने लंबे समय से भ्रष्टाचार कर रही थीं.

सिर्फ पैसे ही नहीं, उनके घर से चार बड़ी ट्रॉलियों में महंगे ब्रांड के लाखों रुपये के कपड़े भी मिले. नूपुर के नौ बैंक अकाउंट हैं, जिनमें से एक में 15 लाख रुपये जमा हैं. साथ ही, 14 सोने की चेन, दो हीरे के हार, 15 हीरे की अंगूठियां और तीन हीरे के कंगन भी बरामद हुए हैं. सच कहें तो, नूपुर बोरा की कहानी एक आम सरकारी अधिकारी से रानी बनने तक की भ्रष्टाचार की मिसाल बन गई है.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

First Published :

September 17, 2025, 19:59 IST

homenation

नौ बैंक खाते, लाखों नकद और हीरे-सोने… एसीएस नूपुर बोरा की आलीशान जिंदगी

Read Full Article at Source