नामनाथपुरम (रामेश्वरम). रामेश्वरम को देश से रेल मार्ग से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री आज समुद्र पर बने पंबन ब्रिज का आज उद्घाटन करेंगे. यह एशिया का पहला वर्टिकल ब्रिज है जो शिप के आने पर ऊपर उठेगा और उसके गुजरने के बाद नीचे आ जाएगा. पंबन ब्रिज के कंट्रोल रूम कैसा है और जब ब्रिज ऊपर हवा में होता है तो कैसे दो हिस्सो में बंट जाता है? यहां फोटों में देखें.
News18 हिंदी Last Updated :April 6, 2025, 08:48 ISTSharad Pandey
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नामनाथपुरम (रामेश्वरम). रामेश्वरम को देश से रेल मार्ग से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री आज समुद्र पर बने पंबन ब्रिज का आज उद्घाटन करेंगे. यह एशिया का पहला वर्टिकल ब्रिज है जो शिप के आने पर ऊपर उठेगा और उसके गुजरने के बाद नीचे आ जाएगा. पंबन ब्रिज के कंट्रोल रूम कैसा है और जब ब्रिज ऊपर हवा में होता है तो कैसे दो हिस्सो में बंट जाता है? यहां फोटों में देखें.
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समुद्र के ऊपर वर्टिकल ब्रिज को ऊपर नीचे करने के लिए बिजली व अन्य उपकरण के लिए रूम बना है. जब आप ट्रेन से रामेश्वरम जाएंगे तो मंडपम पार करने के बाद बाएं ओर यह कंट्रोल रूम आप को दिखेगा.
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समुद्र पर बने रेलवे ट्रैक से 17 मीटर ब्रिज के ऊपर कंट्रोल बना हैं. पुल के दोनों ओर मंडपम छोर ओर रामेवरम छोर पर टॉवर ए और बी बने हैं. यह बी टॉवर के ऊपर बने कंट्रोल रूम है. यहां से शिप के आने के दौरान ब्रिज को वर्टिकल लिफ्ट किया जाता है.
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17 मीटर ऊंचाई पर बने कंट्रोल रूम के अंदर विशालकाय गियर लगे हैं. इनसे तारों के सहारे के ब्रिज ऊपर और नीचे आता जाता है. पूरा ब्रिज 5 मिनट में ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर की ओर आ जा सकता है. पुराने ब्रिज को 45 डिग्री उठाने के लिए 45 मिनट का समय लगता था.
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जब ट्रेनें ब्रिज से आ-जा रही होंगी तो इस तरह बिल्कुल सामान्य सा ब्रिज होगा. यानी सामने से आपको समझ में नहीं आएगा कि कहां से ब्रिज ऊपर उठेगा. क्योंकि चलती ट्रेन में इस तरह का अंदाजा लगा पाना मुश्किल होगा.
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जब ब्रिज ऊपर चला जाएगा तो तब ऐसा दिखेगा. लेकिन आप कभी इस तरह ब्रिज देख नहीं पाएंगे. जब आपकी ट्रेन गुजर रही होगी तो ब्रिज नीचे होगा. जब शिप गुजर रहा होगा तो आपकी ट्रेन यहां पर नहीं होगी. इस तरह ब्रिज का बीच का हिस्सा ऊपर चला जाएगा और ब्रिज दो हिस्सों में बंट जाएगा .