Last Updated:April 23, 2025, 16:21 IST
Pahalgam Terrorists Attack: पहलगाम की बैसरन घाटी में हमला करने वाले आतंकी कोड नामों का इस्तेमाल कर रहे थे. ऐसा करने का मकसद पहचान छिपाने के साथ ही आतंकी संगठन में पहचान बनाना भी है.

पहलगाम हमले में आतंकी कोड नामों का इस्तेमाल कर रहे थे.(Image:PTI)
हाइलाइट्स
पहलगाम हमले में 28 लोग मारे गए, 10 घायल हुए.आतंकियों ने मूसा, यूनुस, आसिफ कोड नामों का इस्तेमाल किया.तीनों संदिग्ध आतंकियों का रेखाचित्र जारी किया गया.नई दिल्ली. पहलगाम की बैसरन घाटी में तथाकथित पाकिस्तानी आतंकियों ने कायराना हमला करके कम से कम 28 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. इस हमले में कम से कम 10 लोग घायल हो गए. इस हमले में कुल 4 आतंकियों के शामिल होने की खबर खुफिया सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है. बताया जाता है कि हमले में शामिल आतंकी अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी नामों का इस्तेमाल कर रहे थे.
सुरक्षा एजेंसियों ने बुधवार को खुलासा किया कि घातक पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीन संदिग्ध आतंकवादियों ने ऑपरेशन के दौरान अपनी पहचान छिपाने के लिए मूसा, यूनुस और आसिफ जैसे कोड नामों का इस्तेमाल किया था. हमलावर संदिग्ध आतंकियों की पहचान आसिफ शेख, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के रूप में की गई है. माना जाता है कि वे लश्कर-ए-तैयबा के फर्जी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के आतंकी हैं.
तीनों पहले पुंछ में एक्टिव थे
सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक ये तीनों पहले पुंछ में एक्टिव थे और इस इलाके में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने का उनका इतिहास रहा है. आतंकवादियों का फर्जी नामों का इस्तेमाल करना कोई नई बात नहीं है. सुरक्षा एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये नाम भ्रम पैदा करने, पहचान से बचने और आतंकवादी नेटवर्क के भीतर परस्पर पहचान कायम करने की कोशिश का हिस्सा लगते हैं.
तीनों संदिग्ध आतंकियों का रेखाचित्र बना
इस बीच, पहलगाम हमले में जिंदा बचे लोगों से मिली जानकारी के आधार पर तीनों संदिग्ध आतंकियों का रेखाचित्र बनाया गया और उन्हें सार्वजनिक रूप से जारी किया गया. इस हमले की एक धुंधली तस्वीर भी सामने आई है जिसमें एक शख्स AK-47 लेकर भाग रहा है. यह हमला मंगलवार को दोपहर 1:30 बजे पहलगाम के पास हरे-भरे बैसरन घास के मैदानों में हुआ. जिंदा बचे लोगों ने बताया कि भारतीय सेना की वर्दी पहने हमलावरों ने पीड़ितों से अपना धर्म बताने और गोली चलाने से पहले इस्लामी कलमा पढ़ने को कहा.
Location :
Jammu and Kashmir
First Published :
April 23, 2025, 16:21 IST