पहली बार! SpaceX के साथ अंतरिक्ष में पहुंचा भारत का पहला प्राइवेट सैटेलाइट

3 days ago

Last Updated:March 27, 2025, 17:32 IST

Kerala में बनी एक निजी कंपनी हेक्स20 द्वारा विकसित पहला निजी उपग्रह 'नीला' स्पेसएक्स के ट्रांसपोर्टर-13 मिशन के जरिए अंतरिक्ष में पहुंच गया. इस मिशन को ISRO का सहयोग मिला और यह भारतीय निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के ल...और पढ़ें

पहली बार! SpaceX के साथ अंतरिक्ष में पहुंचा भारत का पहला प्राइवेट सैटेलाइट

केरल सैटेलाइट नीला मिशन

केरल ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक नया इतिहास रच दिया है. इस छोटे से भारतीय राज्य में बने पहले निजी उपग्रह ने अंतरिक्ष में अपनी जगह बना ली है. यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि इसे किसी बड़े सरकारी संगठन ने नहीं, बल्कि एक छोटी स्टार्टअप कंपनी ने तैयार किया है. अब पूरी दुनिया इस मिशन को एक नई नजर से देख रही है.

कैसे हुआ यह मिशन संभव
यह उपग्रह 15 मार्च को स्पेसएक्स के ट्रांसपोर्टर-13 मिशन के जरिए लॉन्च किया गया था. इस उपग्रह का नाम केरल की सबसे लंबी नदी के नाम पर रखा गया है. इस मिशन में ‘नीला’ नाम का पेलोड भी शामिल था, जिसे जर्मनी की डेक्यूबेड कंपनी के उपकरणों के साथ भेजा गया. खास बात यह है कि इस मिशन को पूरी तरह से भारत की निजी कंपनी हेक्स20 ने तैयार किया है.

पहली बार अंतरिक्ष में भारत का पूरी तरह निजी उपग्रह
भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि पहली बार कोई निजी भारतीय उपग्रह अंतरिक्ष में पहुंचा है. इसरो जैसी सरकारी संस्था के बिना, एक स्टार्टअप ने इसे पूरी तरह से अपने बलबूते पर बनाया और लॉन्च किया. यह दिखाता है कि भारत में अब अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में निजी कंपनियां भी तेजी से आगे बढ़ रही हैं.

कैसे किया गया उपग्रह का संचालन शुरू
इस उपग्रह के प्रक्षेपण के बाद, 16 मार्च को इसने अपना पहला संकेत तिरुवनंतपुरम के मैरियन इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थित हेक्स20 नियंत्रण केंद्र को भेजा. यह संकेत इस बात का प्रमाण था कि उपग्रह ने सही तरीके से काम करना शुरू कर दिया है. इस पूरे मिशन को भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) का समर्थन मिला, जो कि भारत में अंतरिक्ष से जुड़े स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाने में मदद करता है.

पांच दोस्तों ने मिलकर बनाया यह उपग्रह
इस उपग्रह को बनाने के पीछे पांच दोस्तों की मेहनत थी. ये दोस्त हैं – लॉयड जैकब लोपेज, अनुराग रघु, अमल चंद्रन, अश्विन चंद्रन और अरविंद एमबी. इन सभी ने मिलकर 2020 में हेक्स20 नाम की कंपनी बनाई. इसके बाद, 2023 में तिरुवनंतपुरम टेक्नोपार्क में उन्होंने अपना मुख्यालय बनाया और काम शुरू किया. यह उनका पहला बड़ा मिशन था, जो पूरी तरह से निजी क्षेत्र के सहयोग से पूरा हुआ.

इसरो से मिला बड़ा सहयोग
इस मिशन की सफलता में इसरो का भी अहम योगदान रहा. इसरो ने मैरियन इंजीनियरिंग कॉलेज को तकनीकी सहायता प्रदान की, जिससे उपग्रह निर्माण की पूरी प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सकी. हेक्स20 के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) लॉयड जैकब लोपेज़ का कहना है कि इस मिशन का उद्देश्य केवल एक उपग्रह लॉन्च करना नहीं था, बल्कि यह एक नई पीढ़ी को अंतरिक्ष की दुनिया में रुचि लेने के लिए प्रेरित करने का भी काम करेगा.

First Published :

March 27, 2025, 17:32 IST

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