Last Updated:August 20, 2025, 19:08 IST
एक ओर अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करे, दूसरी ओर रूस भारत को भरोसेमंद दोस्त बताते हुए भारत को भारी डिस्काउंट देने की बात कर रहा है.

रूस से तेल खरीदने पर डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया. सोचा कि भारत शायद हाथ छुड़ा लेगा और तेल खरीदना बंद कर देगा. लेकिन भारत ने न तो तेल खरीदना बंद किया और ना ही रूस से दोस्ती तोड़ी. उलटे रूस ने बड़ा दांव खेल दिया. रूस सरकार ने ऐलान कर दिया है कि अगर टैरिफ जारी रहता है तो रूस भारत को तेल की खरीद पर भारी डिस्काउंट देगा. रूस पहले ही भारत को लगभग 3 डॉलर प्रतिबैरल का डिस्काउंट दे रहा है.
रूस के भारत में डिप्टी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव एवगेनी ग्रिवा ने कहा, भारतीय कंपनियों को रूसी कच्चे तेल पर लगभग 5 प्रतिशत की छूट मिलती रहेगी. उन्होंने कहा, यह एक तरह का कमर्शियल सीक्रेट है, जो बिजनेस डायलॉग पर निर्भर करता है, लेकिन औसतन यह लगभग 5% होता है, कभी ऊपर-नीचे भी होता है. ग्रिवा के साथ रूस के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बाबुश्किन भी मौजूद थे. उन्होंने कहा, यह चुनौतीपूर्ण हालात जरूर हैं, लेकिन हमें भारत पर भरोसा है. रूस-भारत का एनर्जी कोऑपरेशन जारी रहेगा, चाहे बाहर से कितना भी प्रेशर क्यों न हो.
अमेरिका का आरोप और टैरिफ
व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने एक दिन पहले कहा था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे हाई-वैल्यू प्रोडक्ट में बदलकर दुनिया को बेच रहा है और इसी से रूस को डॉलर मिल रहे हैं. भारत ग्लोबल क्लियरिंग हाउस की तरह काम कर रहा है, जिससे रूस अपनी वॉर मशीन को फंड कर पा रहा है. इसी को आधार बनाकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिए हैं. इन टैरिफ का असर भारत के टेक्सटाइल्स, मरीन और लेदर एक्सपोर्ट्स पर पड़ने की आशंका है. भारत ने इसे अनफेयर, अनजस्टिफाइड और अनरीजनेबल बताया है.
पीएम मोदी का पलटवार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कहा है कि भारत आर्थिक दबाव के आगे झुकेगा नहीं. उन्होंने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा और राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर ही फैसले करेगा. सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि रूस के साथ उनकी दोस्ती अटूट है. तभी तो ट्रंप से बातचीत के बाद पुतिन सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करते हैं. उन्हें पूरी डिटेल देते नजर आए.
ट्रंप प्रशासन चाहता क्या है?
व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लिविट ने कहा कि भारत पर टैरिफ दरअसल रूस पर सेकेंडरी प्रेशर बनाने के लिए उठाया गया है. राष्ट्रपति ने इस युद्ध को खत्म करने के लिए जबरदस्त दबाव डाला है. भारत पर लगाए गए टैरिफ इसी स्ट्रेटेजी का हिस्सा हैं. उन्होंने यह साफ कर दिया है कि युद्ध लंबा खींचने का कोई विकल्प स्वीकार्य नहीं.
रूस-भारत-चीन
अमेरिका लगातार चेतावनी दे रहा है कि अगर रूस यूक्रेन युद्ध खत्म करने के कदम नहीं उठाता, तो उसके तेल खरीदने वाले देशों खासकर भारत और चीन पर सेकेंडरी सैंक्शन लगाए जा सकते हैं. भारत और चीन फिलहाल रूस से कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदार हैं. चीन तो भारत से भी ज्यादा कच्चा तेल रूस से खरीद रहा है.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
August 20, 2025, 17:38 IST