पैसेंजर की उम्र बनी एयरलाइंस के लिए मुसीबत, खुलीं फाइलें, सच ने किया भौंचक्‍का

1 month ago

Last Updated:February 21, 2025, 13:12 IST

Airport News: पैसेंजर की उम्र लेकर शुरू हुए एक लड़ाई एयरलाइंस के वि‍जलेंस विभाग से शुरू होकर सीबीआई की तफ्तीश तक पहुंच गई. तफ्तीश में सामने आए तथ्‍यों पर हाईकोर्ट ने भरोसा जताया तो सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मोहर...और पढ़ें

पैसेंजर की उम्र बनी एयरलाइंस के लिए मुसीबत, खुलीं फाइलें, सच ने किया भौंचक्‍का

पैसेंजर की उम्र पर बवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला.

हाइलाइट्स

पैसेंजर की उम्र को लेकर एयरलाइंस में विवाद हुआ.सुरिंदर डोगरा ने बच्चे का कूपन वयस्क टिकट में बदला.सुप्रीम कोर्ट ने सुरिंदर डोगरा की सजा बरकरार रखी.

Airport News: जम्‍मू एयरपोर्ट से दिल्‍ली जाने वाली फ्लाइट आईसी-422 से सफर कर रहे एक पैसेंजर की उम्र एयरलाइंस के कई अधिकारियों के लिए मुसीबत बन गई. हालात इस कदर बिगड़ गए कि जम्‍मू और कश्‍मीर से लेकर दिल्‍ली तक तमाम फाइलों के पन्‍ने पलटने शुरू कर दिए गए. पन्‍ने पलटने के दौरान एक ऐसा सच सामने आ खड़ा हुआ, जिसने पूरी एयरलाइंस को भौचक्‍का कर दिया.

सूत्रों के अनुसार, इस मामले में इंडियन एयरलाइंस के ट्रैफिक सुपरिटेंडेंट सुरिंदर डोगरा पर आरोप था कि उन्‍होंने जम्मू एयरपोर्ट पर ड्यूटी के दौरान काल्‍पनिक नाम से एक बच्चे का टिकट तैयार किया. बाद में, धोखाधड़ी कर इस टिकट को ना केवल वयस्क टिकट में बदल दिया, बल्कि टिकट की कीमत और डेस्टिनेशन में भी बदलाव कर दिया. इसके बाद, इस टिकट को केके गुप्‍ता और आरके कोहली नाम के दो बैंक अधिकारियों को बेच दिए गए.

सीबीआई के हाथ लगा अहम सुराग
इस मामले की जांच पहले एयरलाइंस के विज‍लेंस ब्रांच और फिर बाद में सीबीआई को सौंप दी गई. तफ्तीश के दौरान, जांच एजेंसी के हाथ एक कूपन लगा, जो विक्रम नाम के एक पैसेंजर के नाम से जारी किया गया था. विक्रम ने इसी कूपन पर जम्‍मू से दिल्‍ली के बीच एयर ट्रैवल किया था. जांच में यह भी पता चला कि विक्रम के नाम से जारी यह कूपन असल में मास्‍टर अजीम नाम के एक बच्‍चे के नाम पर जारी किया गया था.

जम्‍मू से मिली यात्रा की अनुमति
इस कूपन पर मास्‍टर अजीम को जम्‍मू से श्रीनगर की यात्रा करनी थी. लेकिन, सुरिंदर डोगरा ने हेरफेर कर बच्‍चे के इस कूपन को वयस्‍क टिकट में बदल दिया. इसके अलावा, सेक्‍टर में बदलाव करते हुए उसे जम्‍मू से श्रीनगर की जगह जम्‍मू से दिल्‍ली कर दिया. इसके बाद, विक्रम के नाम से इस कूपन को जारी कर 3105 रुपए में बेच दिया गया. इसी कूपन पर विक्रम को जम्‍मू से दिल्‍ली जाने वाली फ्लाइट आईसी-422 के जरिए दिल्ली यात्रा करने की अनुमति मिल गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई सजा पर मुहर
करीब 28 साल पहले 19 नवंबर 1997 को हुए इस मामले में सीबीआई ने सुरिंदर डोगरा को गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में, जम्‍मू और कश्‍मीर हाईकोर्ट ने सुरिंदर डोगरा को दोषी माना था. साथ ही, 12 अप्रैल 2019 को सुनाए अपने फैसले में आरोपी सुरिंदर डोगरा को 6 माह की साधारण कैद और पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया था. सुरिंदर ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी. 21 फरवरी 2025 को सुनाए अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने सुरिंदर डोगरा को दोषी मानते हुए हाईकोर्ट की सजा को बरकरार रखा है.

Location :

Jammu,Jammu and Kashmir

First Published :

February 21, 2025, 13:12 IST

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