प्रधानमंत्री ने खुद 130वें संविधान संशोधन बिल में PM पद शामिल करवाया: अमित शाह

12 hours ago

Last Updated:August 25, 2025, 11:15 IST

अमित शाह ने बताया कि संविधान संशोधन विधेयक में प्रधानमंत्री पद को नरेंद्र मोदी ने खुद शामिल किया है, विपक्ष ने विरोध किया, अब यह विधेयक JPC को भेजा जाएगा.

 अमित शाहअमित शाह ने एएनआई को खास इंटरव्यू दिया है.

Amit Shah Interview: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच साफ किया कि इस विधेयक में प्रधानमंत्री के पद को शामिल करने का प्रस्ताव स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था. हाल ही में समाप्त हुए संसद के मानसून सत्र में शाह ने यह विधेयक पेश किया जिसमें यह प्रावधान है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री गंभीर अपराधों के लिए 30 दिन से अधिक समय तक जेल में रहता है तो उसे अपने पद से हटना होगा. शाह ने कहा कि यह विधेयक लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने और नेताओं को जवाबदेह बनाने के लिए लाया गया है.

अमित शाह ने एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा- प्रधानमंत्री ने खुद इस विधेयक में PM पद को शामिल किया है. पहले इंदिरा गांधी ने 39वां संशोधन लाकर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और स्पीकर को अदालती समीक्षा से बचाने की कोशिश की थी. लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने अपने खिलाफ एक संवैधानिक संशोधन लाया, जिसमें कहा गया है कि अगर प्रधानमंत्री जेल जाते हैं तो उन्हें इस्तीफा देना होगा.

देश में NDA के मुख्यमंत्रियों की संख्या अधिक

उन्होंने यह भी बताया कि देश में आज एनडीए के मुख्यमंत्रियों की संख्या अधिक है और प्रधानमंत्री भी एनडीए से हैं. इसलिए यह विधेयक सिर्फ विपक्ष के लिए नहीं, बल्कि एनडीए के मुख्यमंत्रियों पर भी लागू होगा. शाह ने कहा कि इस विधेयक में 30 दिन तक जमानत का प्रावधान है. अगर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जमानत देता है तो कोई समस्या नहीं. लेकिन अगर जमानत नहीं मिलती, तो पद छोड़ना होगा.

उन्होंने देश और विपक्ष से सवाल किया- क्या कोई मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री या मंत्री जेल से सरकार चला सकता है? क्या यह देश के लोकतंत्र के लिए उचित है? विपक्ष ने इस विधेयक को असंवैधानिक और ब्लैक बिल करार देते हुए लोकसभा में जोरदार विरोध किया. उनका आरोप है कि यह विधेयक बीजेपी की ओर से केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों को जेल भेजने और उनकी सरकारों को अस्थिर करने की साजिश है. शाह ने विपक्ष के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह और बीजेपी इस विचार को पूरी तरह नकारते हैं कि देश को उस व्यक्ति के बिना नहीं चलाया जा सकता जो जेल में है.

अमित शाह ने कहा कि हम इस धारणा को पूरी तरह खारिज करते हैं कि देश को जेल में बैठे व्यक्ति के बिना नहीं चलाया जा सकता. क्या जेल से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई नेता सरकार चला सकता है? यह विधेयक लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने के लिए है. शाह ने विपक्ष के विरोध को गलत ठहराया और कहा कि विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा जाएगा, जहां सभी दल अपनी राय रख सकते हैं. शाह ने यह भी जोर दिया कि यह विधेयक निष्पक्षता के साथ लाया गया है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक न केवल विपक्ष के लिए, बल्कि हमारी अपनी सरकारों के लिए भी सवाल उठाता है. इसमें कोई पक्षपात नहीं है.

उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वे JPC में शामिल होकर रचनात्मक चर्चा करें, ताकि विधेयक को और बेहतर बनाया जा सके. यह विधेयक उन नेताओं को जवाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो गंभीर अपराधों में शामिल होने के बावजूद अपने पद पर बने रहना चाहते हैं. शाह ने कहा कि यह देश के लोकतंत्र को मजबूत करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि शासन की जिम्मेदारी साफ-सुथरे नेताओं के हाथों में रहे. अब यह विधेयक JPC में जाएगा जहां इस पर विस्तृत चर्चा होगी और सभी पक्षों की राय ली जाएगी.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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First Published :

August 25, 2025, 11:15 IST

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