Last Updated:June 11, 2025, 14:38 IST
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बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से मानसून के फिर से रफ्तार पकड़ने की संभावना बनी है. (फोटो: पीटीआई/फाइल)
Bay of Bengal Weather Updates: नॉर्थ इंडिया का मैदानी इलाका भीषण गर्मी और लू की चपेट में है. सुबह के 10 बजते ही लोग अपने घरों की कुंडियां चढ़ा दे रहे हैं. सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है. सिर्फ कामकाजी लोग ही बाहर दिखते हैं. प्रचंड गर्मी की वजह से आमलोग घरों से निकलने से भी बच रहे हैं. लेकिन, ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. बंगाल की खाड़ी में हलचल बढ़ने लगी है. मौसम विज्ञानियों का मानना है कि बंगाल की खाड़ी में मौजूदा मौसमी दशाओं के चलते दक्षिण-पश्चिम मानसून पर जो फौरी तौर पर ब्रेक लगा है, वह अब खत्म हो सकता है. इसके साथ ही मानसून एक बार फिर से सक्रिय होगा और बारिश का थमा हुआ सिलसिला फिर से शुरू होगा.
स्काईमेट वेदर के अनुसार, पूर्वानुमान के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में दक्षिण ओडिशा और उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश के पास साइक्लोनिक सर्कुलेशन (Cyclonic Circulation) बन चुका है. इससे जुड़े बादलों का एक बड़ा समूह तट के दोनों ओर के क्षेत्रों को ढक रहा है. चूंकि यह सिस्टम जमीन के काफ़ी नज़दीक है, इसलिए इसके चक्रवात में बदलने की संभावना कम है और यह चक्रवाती सर्कुलेशन के रूप में ही अंदरुनी हिस्सों की ओर बढ़ेगा.
यहां आज हल्की से मध्यम बारिश
इस सिस्टम के बाहरी हिस्सों का असर तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण तटीय ओडिशा में आज (बुधवार 11 जून 2025) हल्की से मध्यम बारिश के रूप में देखा जाएगा. जैसे-जैसे यह साइक्लोनिक सर्कुलेशन तट के और करीब आएगा. कल यानी 12 जून को बारिश की तीव्रता और क्षेत्र दोनों बढ़ेंगे. उत्तर तमिलनाडु, दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में भारी बारिश की संभावना है.
12 जून को सिस्टम का लैंडफॉल
12 जून 2025 को बंगाल की खाड़ी में बना यह सिस्टम पूरी तरह ज़मीन पर आ जाएगा. इससे बारिश का दायरा और भी विस्तृत हो जाएगा और दक्षिण तटीय आंध्र, रायलसीमा, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और तटीय कर्नाटक को भी कवर करेगा. इसका प्रभाव महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों तक पहुंचेगा, लेकिन यह दक्षिण मध्य महाराष्ट्र और दक्षिण कोंकण तक ही सीमित रहेगा.
तटीय क्षेत्रों में मूसलधार बारिश की चेतावनी
इसके बाद दक्षिण भारत के आंतरिक क्षेत्रों से भारी बारिश कम हो जाएगी और तटीय हिस्सों में इसका प्रभाव दिखेगा. 13 से 16 जून के बीच केरल, तटीय कर्नाटक, कोंकण और गोवा में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है. हालांकि, यह बारिश धीरे-धीरे और चरणबद्ध तरीके से होगी.
मुंबई में जून की पहली जोरदार बारिश की संभावना
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी इसी अवधि के दौरान जून की पहली जोरदार बारिश दर्ज हो सकती है. जैसे-जैसे यह सिस्टम कमजोर होगा, एक नया मानसूनी सर्कुलेशन 14 जून को उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में विकसित होने की संभावना है.
14 जून से नया सिस्टम पूर्वी भारत में असर
यह नया सिस्टम एक बार फिर से पूर्वी तट से शुरू होकर ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को प्रभावित करेगा. इस दौरान लगातार होती बारिश की यह लहर मानसूनी हालात को उत्तरी मैदानों के और करीब लाने में मदद करेगी.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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