Last Updated:March 24, 2025, 13:34 IST
Obesity prevention: बच्चों में बढ़ते मोटापे को देखते हुए सरकार ने स्कूलों में मिलने वाले मध्याह्न भोजन में तेल की मात्रा 10% कम करने का फैसला किया है. यह नियम सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में लागू होगा,...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर
आज के समय में बच्चे तेजी से मोटापे का शिकार हो रहे हैं. मोबाइल, टीवी और फास्ट फूड की लत के कारण बच्चे पहले के मुकाबले कम एक्टिव हो गए हैं. स्कूल जाने वाले बच्चों में यह समस्या और ज्यादा बढ़ रही है, जिससे उनके स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि मोटापा सिर्फ वजन बढ़ना नहीं है, बल्कि यह कई बीमारियों की जड़ बन सकता है. हृदय रोग, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं अब छोटे बच्चों में भी देखने को मिल रही हैं.
स्कूलों में खाने के तेल की मात्रा होगी कम
बच्चों के बढ़ते वजन और सेहत को ध्यान में रखते हुए, स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. अब स्कूलों में मिलने वाले मिड-डे मील यानी मध्याह्न भोजन में खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले तेल की मात्रा को 10% तक कम किया जाएगा. सरकार का मानना है कि तला-भुना और ज्यादा तेल वाला खाना बच्चों के मोटापे को बढ़ा रहा है. इसलिए अब स्कूलों में हल्का और सेहतमंद खाना बनाने पर जोर दिया जाएगा.
बच्चों में मोटापा क्यों बढ़ रहा है?
मोटापे की सबसे बड़ी वजह बच्चों की लाइफस्टाइल में आया बदलाव है. पहले के समय में बच्चे ज्यादातर बाहर खेलते थे, दौड़ते-भागते थे, लेकिन अब वे ज्यादातर मोबाइल, लैपटॉप और टीवी पर समय बिताते हैं. स्कूल और कोचिंग के बाद वे बाहर खेलने के बजाय वीडियो गेम्स में व्यस्त हो जाते हैं. इसके अलावा, खाने की आदतें भी बदल गई हैं. आजकल के बच्चे घर का खाना कम और पिज्जा, बर्गर, नूडल्स, चिप्स और पैकेज्ड फूड ज्यादा खाते हैं. यह सब चीजें मोटापे को बढ़ावा देती हैं.
क्या तेल कम करने से बच्चों की सेहत पर असर पड़ेगा?
तेल का ज्यादा सेवन शरीर में चर्बी जमा करता है और धीरे-धीरे मोटापे को बढ़ाता है. डॉक्टरों का कहना है कि तैलीय खाने में कैलोरी ज्यादा होती है, जिससे शरीर में फैट बढ़ता है. अगर तेल की मात्रा कम कर दी जाए, तो बच्चों की सेहत पर सकारात्मक असर पड़ेगा. उनका वजन नियंत्रित रहेगा और वे ज्यादा एक्टिव महसूस करेंगे. हालांकि, यह भी जरूरी है कि सिर्फ तेल कम करने से ही हल नहीं निकलेगा, बल्कि बच्चों को खेलने-कूदने और एक्सरसाइज करने की आदत भी डालनी होगी.
क्या यह फैसला सभी स्कूलों में लागू होगा?
हां, यह नया नियम सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में लागू किया जाएगा. शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे इस फैसले का सख्ती से पालन करें. स्कूल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि खाने में तेल कम किया जाए और बच्चों को सेहतमंद भोजन दिया जाए.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय
इस फैसले का स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने समर्थन किया है. पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बच्चों के खाने में तेल की मात्रा कम की जाए और उन्हें हेल्दी डाइट दी जाए, तो उनकी सेहत में सुधार होगा. हालांकि, कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि सिर्फ खाने में बदलाव करने से पूरी समस्या हल नहीं होगी. बच्चों को खेलों और फिजिकल एक्टिविटी के लिए भी प्रेरित करना होगा.
सरकार बनाएगी निगरानी समिति
सरकार इस फैसले के असर को जानने के लिए एक निगरानी समिति भी बनाएगी. यह समिति देखेगी कि क्या तेल कम करने से बच्चों की सेहत में सुधार हो रहा है या नहीं. इसके अलावा, स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा और खेल गतिविधियों को बढ़ाने के लिए भी नई योजनाएं बनाई जा सकती हैं.
First Published :
March 24, 2025, 13:34 IST