बनारस में तो कमाल हो गया! घर की छतों के ऊपर से रोज 90 हजार लोग करेंगे सफर

1 month ago

Varanasi City Traffic : बनारस जिसे आध्‍यात्मिक शहर भी कहा जाता है और यहां हर साल लाखों लोग बाबा विश्‍वनाथ के दर्शन करने जाते हैं. वाराणसी के स्‍टेशन से बाबा के मंदिर तक जाने के लिए भारी ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ता है और इसमें कई बार घंटों का समय लग जाता है. लेकिन, इससे निपटने के लिए यहां देश का पहला शहरी रोपवे बनाया जा रहा है.

News18 हिंदीLast Updated :February 21, 2025, 15:59 ISTEditor pictureWritten by
  Pramod Kumar Tiwari

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बनारस में बन रहे इस रोपवे प्रोजेक्‍ट के तहत 5 स्‍टेशन बनाए जा रहे हैं. यह रोपवे शहर के बीच से होकर गुजरेगा और लोगों की छतों के ऊपर से सफर कर सकेंगे. रोपवे के लिए बनाए जा रहे 5 स्‍टेशन वाराणसी कैंटोनमेंट, विद्यापीठ, रथ यात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौक में बनेंगे.

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इस रोपवे की कुल लंबाई करीब 4 किलोमीटर की बताई जा रही है, जो जमीन से 40 मीटर की ऊंचाई पर चलाई जाएंगी. एक बार यह प्रोजेक्‍ट पूरा होने पर सरकार यहां 150 केबल कार चलाने की तैयारी में है, ताकि रोजाना करीब 90 हजार लोगों को लाने-ले जाने की सुविधा मुहैया कराई जा सके.

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वाराणसी रोपवे को बनाने का मकसद बाबा विश्‍वनाथ के दर्शन करने आने वालों को जल्‍दी मंदिर तक पहुंचाना है. अभी कैंट स्‍टेशन से मंदिर तक पहुंचने में करीब 1 घंटे का समय लग जाता है. लेकिन, एक बार रोपवे का प्रोजेक्‍ट पूरा हो गया तो यह दूरी महज 16 मिनट में पूरी की जा सकेगी.

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रोपवे प्रोजेक्‍ट में इस्‍तेमाल की जाने वाली हर केबल कार में शीशे की खिड़कियां लगाई जा रही हैं, ताकि हवा का प्रवाह लगातार बना रहे. साथ ही शीशे की विंडो लगाने के बाद इसमें बैठे लोगों को केबल कार के अंदर से भी पूरे शहर का नजारा दिखेगा. एक केबल कार में 10 लोगों के बैठने की जगह होगी.

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वाराणसी में शुरू होने वाला रोपवे प्रोजेक्‍ट इसलिए भी काफी खास माना जा रहा है, क्‍योंकि यह वोलिविया और मैक्सिको के बाद सिर्फ भारत में ही शुरू किया जा रहा है. भारत अब दुनिया में तीसरा देश बन गया है, जहां शहर में रोपवे प्रोजेक्‍ट शुरू किया जा रहा है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च, 2023 में इस प्रोजेक्‍ट को शुरू किया था. तब इसके निर्माण के लिए 806 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया था. इसका एकमात्र मकसद शहर के ट्रैफिक से बचाकर शृद्धालुओं को बाबा विश्‍वनाथ के मंदिर तक पहुंचाना है. इस प्रोजेक्‍ट का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है.

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इस प्रोजेक्‍ट का कामकाज देखने वाली कंपनी विश्‍व समुद्र होल्डिंग्‍स प्राइवेट लिमिटेड का कहना है कि 2025 के आखिर तक प्रोजेक्‍ट पूरा हो जाएगा. 5 में से 3 रेलवे स्‍टेशन का काम तो पूरा भी हो चुका है और सिर्फ 2 का काम बाकी है, जो जमीन अधिग्रहण की वजह से देरी हो रही है.

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