Last Updated:August 26, 2025, 15:42 IST
Study Tips: 9वीं से 12वीं क्लासेस तक के ज्यादातर स्टूडेंट्स स्कूली पढ़ाई के साथ ही जेईई और नीट जैसी परीक्षाओं की तैयारी भी करते हैं. दोनों प्रमुख परीक्षाओं की तैयारी को बैलेंस कर पाना आसान नहीं है.

नई दिल्ली (Study Tips). स्कूल में क्लास 9 से 12वीं तक की पढ़ाई करियर की दिशा तय करती है. यहीं से फाइनल होता है कि आगे कौन-सा रास्ता चुना जाएगा- इंजीनियरिंग, मेडिकल या कुछ और.. ज्यादातर स्टूडेंट्स स्कूल सिलेबस के साथ ही जेईई और नीट जैसी कठिन परीक्षाओं की तैयारी भी करते हैं. हालांकि स्कूल सिलेबस और इन प्रतियोगी परीक्षाओं का स्तर बिल्कुल एक जैसा नहीं है. स्कूल में हर विषय को समान महत्व देना पड़ता है, वहीं JEE और नीट की तैयारी के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी/मैथ्स पर गहरी पकड़ जरूरी है.
इस डबल तैयारी के बीच बैलेंस बना पाना कई आसान नहीं होता है. अब स्टूडेंट्स केवल किताबों के बोझ से नहीं, बल्कि प्रतिस्पर्धा के लेवल से भी जूझ रहे हैं. हर साल लाखों उम्मीदवार JEE और NEET देते हैं, लेकिन सफल होने वालों की संख्या सीमित होती है. ऐसे में 9वीं से ही प्रॉपर प्लानिंग और बैलेंस्ड स्ट्रैटेजी जरूरी हो जाती है. बिना सही टाइम मैनेजमेंट के न तो स्कूल की परीक्षाओं में अच्छे नंबर आ पाते हैं और न ही प्रतियोगी परीक्षा में. Educamy के डायरेक्टर विकाश चौहान से जानिए, दोनों की तैयारी एक साथ कैसे करें.
स्कूली पढ़ाई के साथ जेईई, नीट की तैयारी कैसे करें?
पिछले कुछ सालों में जेईई और नीट के उम्मीदवारों की तैयारी का तरीका पूरी तरह से बदल गया है. जहां पहले स्टूडेंट्स स्ट्रेस में घंटों पढ़ाई किया करते थे, वहीं अब स्ट्रैटेजिक प्लानिंग पर फोकस करते हैं. जैसे-जैसे कॉम्पिटीशन का स्तर बढ़ता जा रहा है, परीक्षाओं का प्रकार भी बदलता जा रहा है. अब कॉन्सेप्चुअल नॉलेज की मांग बढ़ रही है. इसलिए स्टूडेंट्स किसी एक परीक्षा पर ही सारा फोकस करने के बजाय ऐसा इंटीग्रेटेड प्लान बना रहे हैं, जो दोनों परीक्षाओं पर फिट बैठ सके.
एनसीईआरटी पर ज्यादा फोकस
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा का सिलेबस एनसीईआरटी पर आधारित है. जेईई और नीट परीक्षाओं का सिलेबस भी इसी पर बेस्ड है. इसलिए अब स्टूडेंट्स बोर्ड परीक्षा और जेईई/नीट की तैयारी के लिए एक स्ट्रैटेजिक प्लान बनाते हैं, जिससे दोनों को आसानी से कवर कर सकें. जेईई के लिए फिजिक्स न्यूमेरिकल्स प्रैक्टिस करते समय ही वे बोर्ड्स के लिए थ्योरी की तैयारी कर लेते हैं. अब पढ़ाई-लिखाई में टेक्नोलॉजी का रोल भी काफी अहम हो गया है. टेस्ट सीरीज, परफॉर्मेंस ट्रैकर और ऑनलाइन प्लानर से उनकी तैयारी परफेक्ट हो जाती है.
दोनों की तैयारी साथ में करने से क्या चुनौती आती है?
बोर्ड परीक्षा और जेईई, नीट परीक्षाओं की तैयारी साथ में करने के दौरान कई तरह की चुनौतियां आती हैं. जानिए उनके बारे में-
बोर्ड्स और जेईई, नीट की तैयारी साथ में कैसे करें?
बोर्ड परीक्षा और जेईई, नीट की तैयारी साथ में करने के लिए स्ट्रैटेजिक प्लान बनाना जरूरी है. इस मामले पर जानिए एक्सपर्ट की राय.
1- काम आएगा पर्सनल स्टडी प्लान: कुछ स्टूडेंट्स एक ही तरीके से दोनों परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. लेकिन यह अप्रोच सब पर फिट नहीं बैठती है. हर स्टूडेंट की स्ट्रेंथ, वीकनेस और स्टडी पैटर्न अलग होता है. आप जब बोर्ड्स के लिए फिजिक्स की तैयारी करें, उसी समय सेम टॉपिक पर जेईई/नीट के न्यूमेरिकल्स प्रैक्टिस कर सकते हैं. इससे समय का सही इस्तेमाल करने में मदद मिलती है.
2- जरूरी है NCERT पर फोकस: नीट एस्पिरेंट्स को एनसीईआरटी किताबों से पढ़ाई करनी चाहिए. उनका बेस वहीं से मजबूत हो सकता है. बायोलॉजी विषय के लगभग सभी सवाल वहीं से पूछे जाते हैं. फिजिक्स और केमिस्ट्री के कॉन्सेप्चुअल बेस पर मजबूत पकड़ के लिए भी एनसीईआरटी में मास्टरी जरूरी है. इससे आप बिना किसी कंफ्यूजन के एडवांस-लेवल वाले सवाल अटेंप्ट कर सकते हैं.
3- मददगार है 60-30-10 नियम: पढ़ाई के घंटों को बैलेंस्ड तरीके से बांटकर imbalance से बचा जा सकता है. आप स्टडी टाइम का 60% समय दोनों परीक्षाओं के कॉमन टॉपिक्स पर इन्वेस्ट कर सकते हैं. बाकी बचे समय में से 30% एग्जाम स्पेसिफिक तैयारी के लिए रिजर्व रहना चाहिए (बोर्ड्स के लिए आंसर लिखने की तैयारी या जेईई के लिए न्यूमेरिकल्स प्रैक्टिस करना). बाकी का 10% समय रिवीजन और टेस्ट प्रैक्टिस के लिए रखें.
3- डिस्क्रिप्टिव और ऑब्जेक्टिव प्रैक्टिस का कॉम्बो: बोर्ड परीक्षाओं में लॉन्ग फॉर्मेट में जवाब लिखने होते हैं, जबकि प्रतियोगी परीक्षाएं बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQ) पर फोकस्ड होती हैं. इसलिए स्टूडेंट्स को दोनों की तैयारी करनी चाहिए. डबल रिवीजन से टॉपिक को बेहतर तरीके से समय सकते हैं. साथ ही मेमोरी बेहतर होती है और फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ती है.
4- ज्यादा किताबों से बढ़ेगी समस्या: कई स्टूडेंट्स मल्टीपल रेफरेंस बुक्स से पढ़ाई करते हैं. उन्हें लगता है कि जितना स्टडी मटीरियल होगा, उतनी ही समझ बढ़ेगी. लेकिन यह गलत है. दरअसल, इस आदत से फोकस बंटता है और कंफ्यूजन बढ़ता है. जेईई और नीट की परफेक्ट तैयारी का सबसे अच्छा सोर्स हैं एनसीईआरटी किताबें. इनके साथ आप कुछ रेफरेंस बुक्स से प्रैक्टिस कर सकते हैं.
5- मॉक टेस्ट से प्रैक्टिस है जरूरी: परीक्षाओं में नॉलेज के साथ ही टाइम मैनेजमेंट की कला आना भी जरूरी है. असली एग्जाम वाली सेटिंग में मॉक टेस्ट देने से टाइम मैनेजमेंट में मदद मिलती है. इससे स्ट्रेस कम होता है. साथ ही बोर्ड परीक्षा और जेईई, नीट परीक्षा का फॉर्मेट भी समझ सकते हैं. रेगुलर टेस्ट देने से अपने कमजोर एरियाज़ पर भी फोकस करना आसान हो जाता है.
हेल्थ पर रखें फोकस
दोनों परीक्षाओं की तैयारी करते समय अपनी फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर फोकस करना जरूरी है. रोजाना 6-8 घंटे की अच्छी नींद लें, पढ़ाई के बीच में ब्रेक्स लें, फिजिकल एक्टिविटी पर फोकस करें और मेडिटेशन से खुद को रिलैक्स करें. अपनी पसंदीदा हॉबी पर भी टाइम इन्वेस्ट कर सकते हैं. अभिभावकों और शिक्षकों को भी बच्चों पर बिना मतलब का प्रेशर नहीं डालना चाहिए. हेल्दी और बैलेंस्ड माइंडसेट से बच्चे दोनों परीक्षाओं की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं.
Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...और पढ़ें
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First Published :
August 26, 2025, 15:42 IST