बौद्ध भिक्षुओं की वो कौन सी साधना, जिससे याद आ जाती है पूर्वजन्म की हर बात

9 hours ago

Past Life : जाने माने लेखक और भारतीय आध्यात्म के प्रशंसक ब्रिटेन के पाल ब्रंटन ने अपनी किताब "ए हरमिट इन द हिमालया" में कई रहस्य खोले हैं. इसी किताब में उन्होंने लिखा है कि भगवान बुद्ध अपने शिष्यों को एक खास मानसिक विधि साधना सिखाते थे, जिससे उन्हें पूर्वजन्म की हर छोटी बड़ी बात याद आ जाती थी.

News18 हिंदी Last Updated :April 19, 2025, 10:04 ISTEditor pictureFiled by
  Sanjay Srivastava

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बौद्ध धर्म एक ऐसी रहस्यमयी साधना भी है, जो बहुत कम बौद्ध साधक कर पाते हैं और बहुत ही कम बौद्ध साधकों को पता है कि ध्यान की एक अवस्था और तरीका ऐसा भी जिससे हम अपने पूर्वजन्मों की याद के सारे बंद दरवाजे खोल सकते हैं. (news18ai)

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पाल ब्रंटन एक ऐसे यूरोपीय पत्रकार और लेखक थे, जिन्होंने भारतीय आध्यात्म पर कई प्रामाणिक किताबें लिखीं. यूरोप में भारतीय योग साधना और आध्यात्म के परिचय के दरवाजे अपनी किताबों के जरिए खोले. वह कई बार भारत आए. उन्होंने जब हिमालय और तिब्बत की यात्रा की, तब कोई यूरोपीय व्यक्ति वहां नहीं जा सकता था. लेकिन खतरों के बावजूद ब्रंटन ने वहां की यात्रा की और 'ए हरमिट इन द हिमालया' नाम की किताब लिखी, जो काफी हिट रही. इस किताब में उन्होंने रहस्यों की कई ऐसी बातों से भी पर्दा उठाया, जो बहुत कम लोगों को मालूम है. इसी में एक पूर्वजन्म से संबंधित यादें भी हैं.  (shutterstock)

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उन्होंने लिखा,, मुझे बौद्ध धर्म की दीक्षा देने वाले भिक्षु ने एक बार एक मानसिक विधि बताई थी. जिसकी मूल दीक्षा खुद भगवान बुद्ध ने दी थी, जो उनके मठ में सिखाई जाती थी. उसके पूर्वजन्म संबंधी ज्ञान के निश्चित परिणाम आते थे. इस विधि से अपने पिछले जन्मों की जानकारी पाई जा सकती थी.

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दैनिक अभ्यास में स्मृति को दिन प्रतिदिन, सप्ताह- प्रति सप्ताह, माह-प्रतिमाह पीछे की ओर ले जाया जाता था. जब तक कि पूरे एक वर्ष की स्मृति ताजा नहीं हो जाए. इसके बाद इसी तरीके से धीरे धीरे पिछले वर्षों की स्मृति दोहराई जाती थी. आखिर में ऐसा करते हुए साधक के पास ऐसी ताकत आ जाती है कि वह उसे नवजात अवस्था तक लेकर जाती है और पिछले जन्म की यादों के दरवाजे खोल देती थी.

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सुनने में भले अजीब लगे लेकिन बौद्ध धर्म की साधना में ऐसा तरीका है जिससे पिछले जन्म की सारी यादें पता लगने लगती हैं.  बौद्ध धर्म पूरे तरीके से पूर्वजन्म को ना सिर्फ मानता है बल्कि उसके तमाम साधको इस विधि के जरिए अपने पूर्वजन्मों की यात्रा भी की. किताब लिखती है कि हमारा सारा पिछला जन्म अवचेतन मन की स्मृति में छिपा है.

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किताब लिखती है कि जो बौद्ध भिक्षु ये बता रहे थे, वो केवल यहीं पर नहीं रुके बल्कि उन्होंने कहा, अपने जन्म की यादों को जानने के बाद अभ्यास के बल पर उससे भी पुरानी यादों में जा सकते हैं. मृत्यु से भूतपूर्व जन्म तक की सारी जानकारी को इस विचित्र मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया और अभ्यास के बल पर जाना जा सकता है. हालांकि इस साधना को करना बहुत मुश्किल होता है और अब शायद ये तरीका बहुत सिद्ध साधकों को ही मालूम होगा. (reuters)

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भिक्षु ने कहा, ये अभ्यास इतना कठिन था कि कुछ बौद्ध ही इस उपाय से इतनी दूर तक जा सके हैं. उन्होंने खुद 20 सालों तक इसका अभ्यास किया और इसके प्रभाव के साक्षी थे लेकिन इतनी लंबी यादों को वापस लाने के लिए वाकई बहुत प्रयत्नों की जरूरत थी. कहा जाता है कि हिमालय और तिब्बत के गुप्त स्थानों में जो बौद्ध साधक साधना में लगे हुए हैं, वो इस तरीके को सिद्ध कर चुके होते हैं.

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