Last Updated:October 06, 2025, 16:08 IST
Bhagalpur Division Chunav Date: बिहार चुनाव में अंग प्रदेश भागलपुर, मुंगेर, बांका, नवादा और लखीसराय की 21 सीटें निर्णायक होंगी. एनडीए सवर्ण और अति पिछड़ा वर्ग पर, महागठबंधन मुस्लिम-यादव समीकरण पर निर्भर है. सुरक्षा भी बड़ा मुद्दा है.

Bhagalpur Chunav Date: बिहार चुनाव की तारीखों का आज ऐलान हो गया. बिहार में कुल…चरणों में चुनाव होंगे. लेकिन अंग प्रदेश का इस बार का चुनावी गणित बहुत निर्णायक साबित होने वाला है. अंग प्रदेश में मुख्य रूप से भागलपुर, बांका, मुंगेर, जमुई और लखीसराय जिले आते हैं, जिनमें करीब 21 विधानसभा सीटें हैं. यह क्षेत्र एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए अपर कास्ट और अति पिछड़ा वर्ग के वोटों को साधने के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है. चुनावी पंडितों की निगाहें बिहार के सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण अंग प्रदेश पर टिकी हैं, जो एक समय प्राचीन अंग महाजनपद का हिस्सा था. अंग प्रदेश में लगभग 21 से 25 विधानसभा सीटें आती हैं और इस क्षेत्र का फैसला ही अक्सर बिहार में सत्ता की चाबी तय करता है.
भागलपुर की 7, बांका की 5, मुंगेर की 3, जमुई की 4 और लखीसराय की 2 सीटें पर…तारीख को वोट डाले जाएंगे. यह क्षेत्र गंगा नदी के दक्षिणी तट पर स्थित है और इसमें मुंगेर प्रमंडल के कई हिस्से शामिल हैं. बांका और जमुई जैसे जिलों की सीमाएं झारखंड से लगती हैं, जिसके कारण यहां का चुनावी समीकरण अक्सर जटिल होता है.
जिला | विधानसभा सीट | चुनाव की तारीख | नतीजों का दिन |
भागलपुर | बिहपुर गोपालपुर पीरपैंती कहलगांव भागलपुर सुल्तानगंज नाथनगर | ||
मुंगेर | मुंगेर जमालपुर | ||
बांका | अमरपुर धोरैया बांका कटोरिया बेलहर | ||
लखीसराय | सूर्यगढ़ा लखीसराय | ||
नवादा | नवादा हिसुआ गोविंदपुर रजौली वारसलीगंज |
21 सीटों पर इस बार कौन मारेगा बाजी?
मुंगेर, जमुई और लखीसराय जैसे क्षेत्रों में भूमिहार और राजपूत मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है, जो पारंपरिक रूप से एनडीए खासकर बीजेपी के कोर वोट बैंक रहे हैं. अति पिछड़ा वर्ग यानी EBC भागलपुर के शहरी और बांका के ग्रामीण क्षेत्रों में निर्णायक साबित होते हैं. अति पिछड़ा वर्ग बीते कई कई चुनावों से सीएम नीतीश के साथ रहा है. जेडीयू अपनी सत्ता की दावेदारी को मजबूत करने के लिए इसी वर्ग पर निर्भर है.
भूमिहार-राजपूतों का दबदबा
वहीं, महागठबंधन खासर आरजेडी यहां पर एम-वाई फैक्टर के भरोसे है. भागलपुर और मुंगेर के कुछ हिस्सों में मुस्लिम और यादव मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है, जो आरजेडी के महागठबंधन को मजबूती प्रदान करती है. जमुई और बांका के कुछ क्षेत्र अब भी नक्सल प्रभावित माने जाते हैं. सुरक्षा और कानून-व्यवस्था यहां एक बड़ा चुनावी मुद्दा है, जिसका फायदा अक्सर एनडीए को मिलता है. चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) भी इस एरिया में ठीकठाक वर्चस्व रखती है. जमुई सुरक्षित सीट पर पहले चिराग और अब उनको बहनोई एमपी हैं. अंग प्रदेश के कई आरक्षित और सामान्य सीटों पर दलित मतदाता निर्णायक भूमिका में होते हैं.
कुलमिलाकर इस बार के बिहार चुनाव में अंग प्रदेश की करीब 21 सीटें एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए जीवन रेखा का काम करेंगी. एनडीए जहाँ सवर्णों और नीतीश के अति पिछड़ा वर्ग को साधकर अपनी बढ़त सुनिश्चित करना चाहेगा, वहीं तेजस्वी यादव मुस्लिम-यादव समीकरण और युवाओं के रोजगार के मुद्दे के सहारे एनडीए के इस किले में सेंध लगाने की कोशिश करेंगे. (अपडेट हो रहा है)
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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First Published :
October 06, 2025, 16:03 IST