Last Updated:August 16, 2025, 18:03 IST
Agni 5 Missile: भारत ने अग्नि-5 मिसाइल को MIRV तकनीक से लैस कर दिया है. 29,401 किमी/घंटा की रफ्तार और 8000 किमी रेंज से यह बीजिंग से कराची तक मिनटों में वार कर सकती है. पाकिस्तान की शाहीन मिसाइल पीछे रह गई.

Agni 5 Missile: भारत ने अपनी सैन्य ताकत का ऐसा प्रदर्शन किया है जिसने पड़ोसी देशों की नींद उड़ा दी है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 (Agni-V) को नई MIRV तकनीक से लैस कर दिया है. यह मिसाइल न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि चीन के भी बड़े-बड़े शहरों तक सीधा हमला करने में सक्षम है. ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को वैसे ही मुंह की खानी पड़ी है. ऊपर से अब MIRV तकनीक वाली अग्नि-5 अब पाकिस्तान की नींद उड़ाने को तैयार है.
अग्नि-5 की रफ्तार 29,401 किमी/घंटा (ध्वनि की गति से 24 गुना तेज) है और इसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर से लेकर 8000 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकती है. इसका मतलब है कि भारत से छोड़ी गई यह मिसाइल मिनटों में बीजिंग से कराची तक किसी भी शहर को खाक कर सकती है. इसी वजह से इसे ‘दिव्यास्त्र’ कहा जा रहा है.
MIRV तकनीक क्या है?
MIRV का मतलब है Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicles. इस तकनीक से एक ही मिसाइल से कई वारहेड छोड़े जा सकते हैं और हर वारहेड अलग-अलग लक्ष्यों को तबाह कर सकता है. भारत की अग्नि-5 मिसाइल इस तकनीक से लैस होने के बाद और खतरनाक हो गई है. यह न सिर्फ परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है बल्कि एक ही समय में पाकिस्तान के कराची-इस्लामाबाद से लेकर चीन के बीजिंग-शंघाई तक कई शहरों को निशाना बना सकती है.
एक साथ कई शहरों पर हमला करने में सक्षम MIRV तकनीक. (फोटो PTI)
यह मिसाइल इतनी तेज है कि दिल्ली से छोड़ी जाए तो 10 मिनट से भी कम समय में बीजिंग पहुंच सकती है और कुछ ही मिनटों में कराची या रावलपिंडी को भी राख में बदल सकती है.
चीन की सबसे बड़ी टेंशन
अग्नि-5 की जद में अब चीन के कई बड़े शहर आ गए हैं. बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझाउ और हांगकांग जैसे औद्योगिक और सैन्य केंद्र भारत की मिसाइल रेंज में हैं. यही वजह है कि चीन लगातार इस पर नाराजगी जताता रहा है. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह मिसाइल चीन की आक्रामक नीति और सीमा पर उसके रवैये का सीधा जवाब है.
पाकिस्तान पूरी तरह पीछे
हाल ही में पाकिस्तान ने MIRV तकनीक वाली अबावील मिसाइल का परीक्षण किया था. लेकिन वह असफल रहा. इसके बाद से पाकिस्तान पर और दबाव बढ़ गया है.
यह मिसाइल 29,401 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़कर बीजिंग से कराची तक वार कर सकती है. (फोटो PTI)
अतीत से जुड़ा भारत का संदेश
1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को पत्र लिखकर चीन की चुनौती का जिक्र किया था. उसी रणनीति की दिशा में भारत ने आज अग्नि-5 जैसे इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइलों को विकसित किया है.
दुश्मनों में खौफ का दूसरा नाम अग्नि-5
अग्नि-5 अब सिर्फ भारत की मिसाइल नहीं, बल्कि उसकी रणनीतिक ताकत का ऐलान है. बीजिंग से कराची तक कोई भी शहर अब भारत की पहुंच से बाहर नहीं है. यही वजह है कि इसे ‘दिव्यास्त्र’ नाम दिया गया है और पड़ोसी देशों की टेंशन चरम पर है.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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First Published :
August 16, 2025, 18:03 IST