दादी ने दिया 10 लाख का कैश गिफ्ट, लेकिन कर दी एक चूक, भरना पड़ गया टैक्‍स

2 hours ago

Last Updated:September 18, 2025, 16:24 IST

Income Tax on Gift : इनकम टैक्‍स कानून के तहत गिफ्ट के रूप में दी जाने वाली रकम पर टैक्‍स नहीं लगता है. लेकिन, अगर गिफ्ट देते समय चूक की गई हो तो उसे टैक्‍स जरूर देना पड़ेगा.

दादी ने दिया 10 लाख का कैश गिफ्ट, लेकिन कर दी एक चूक, भरना पड़ गया टैक्‍सगिफ्ट डीड बनाते समय इनकम टैक्‍स से बचने के लिए कई बातें ध्‍यान रखनी होंगी.

नई‍ दिल्‍ली. इनकम टैक्‍स कानून का नियम है कि अगर कोई खून के रिश्‍ते से जुड़ा व्‍यक्ति किसी सदस्‍य को गिफ्ट के तौर पर कोई चल-अचल संपत्ति देता है तो उस पर टैक्‍स की देनदारी नहीं होगी. लेकिन, ऐसा करते समय खास ध्‍यान रखने की जरूरत है, क्‍योंकि एक चूक आपको टैक्‍स के जाल में फंसा सकती है. जैसा कि इस मामले में हुआ. विक्रम नाम के एक व्‍यक्ति को उसकी दादी ने 10 लाख रुपये का कैश दिया, जिसे विक्रम में अपने खाते में जमा भी कर दिया. दादी का दावा है कि यह पैसे उन्‍होंने बतौर गिफ्ट दिया है, बावजूद इसके इनकम टैक्‍स विभाग ने उन्‍हें नोटिस भेज दिया.

आपको लग रहा होगा कि दादी ने कैश में पैसे दिए, इसलिए ऐसा हुआ है. नहीं, दादी ने जो पैसे विक्रम को दिए उसके लिए बाकायदा 100 रुपये के स्‍टांप पेपर पर गिफ्ट डीड भी बनवाया. इस स्‍टांप पर दादी ने अगूंठा भी लगाया था, लेकिन एक गलती कर दी. उन्‍होंने सबकुछ तो किया लेकिन इस स्‍टांप पेपर और गिफ्ट डीड की नोटरी नहीं करवाई और न ही कोई गवाह रखा. इनकम टैक्‍स विभाग ने इसे बड़ी गलती और कमी माना, जिसकी वजह से उसने विक्रम को नोटिस भेजा.

क्‍या था इनकम टैक्‍स विभाग का दावा
विक्रम ने इस 10 लाख की रकम को बतौर गिफ्ट लिया था, जिसकी वजह से उन्‍होंने जब अपना आईटीआर भरा तो उसमें कुल इनकम सिर्फ 3 लाख रुपये ही बताई. टैक्‍स अधिकारी ने उन्‍हें नोटिस थमाते हुए कहा कि उनकी कुल कमाई 14.50 लाख रुपये रही थी, जबकि उन्‍होंने सिर्फ 3 लाख ही बताई. इनकम टैक्‍स विभाग ने सेक्‍शन 69ए के तहत विक्रम की कुल कमाई 17 लाख रुपये बताई और इसी हिसाब से टैक्‍स की गणना करने की बात कही.

विक्रम को छूट मिली या नहीं
विक्रम ने टैक्‍स अधिकारी के दावे के खिलाफ टैक्‍स कमिश्‍नर के पास अपील की, लेकिन उसे यहां सिर्फ 4.50 लाख रुपये पर ही राहत मिली. शेष 10 लाख रुपये पर टैक्‍स चुकाने की बात कही. विक्रम ने अब केस को 26 अगस्‍त, 2025 को पुणे की इनकम टैक्‍स अपीलीय ट्रिब्‍यूनल दाखिल किया. यहां भी विक्रम को सिर्फ 5 लाख रुपये पर ही टैक्‍स की छूट मिली. ट्रिब्‍यूनल ने टैक्‍स कमिश्‍नर के बताए 10 लाख रुपये में से 5 लाख कम कर दिया और विक्रम से 5 लाख रुपये पर टैक्‍स चुकाने की बात कही. बावजूद इसके कि उन्‍हें 10 लाख की रकम उनकी दादी ने बतौर गिफ्ट डीड दिया था.

गिफ्ट डीड बनाते समय क्‍या ध्‍यान रखें

गिफ्ट डीड की शुरुआत में ही तारीख और स्‍थान साफ अक्षरों में लिखा होना चाहिए. इसमें गिफ्ट देने वाले और उसे प्राप्‍त करने वाले का नाम, पता, परिचय और जन्‍मतिथि भी दर्ज होनी चाहिए. जो संपत्ति उपहार के तौर पर दी जा रही है, उसकी पूरी डिटेट होनी चाहिए. गिफ्ट डीड में साफ लिखा होना चाहिए कि इस उपहार को मर्जी से और बिना किसी दबाव के दिया जा रहा है. डीड में इस बात का भी उल्‍लेख होना चाहिए कि जिसे गिफ्ट दिया गया है, उसने प्राप्‍त भी कर लिया है. सबसे जरूरी बात ये है कि इस डीड पर देने वाले और लेने वाले के हस्‍ताक्षर के अलावा दो गवाहों के भी साइन होने चाहिए. डीड को उप रजिस्‍ट्रार के यहां रजिस्‍टर्ड कराना जरूरी होता है, तभी इसे माना जाएगा.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

September 18, 2025, 16:24 IST

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