भारत का लोहा मान रहा अमेरिका, तब किस बात का पीटर नवारो को डर?

3 hours ago

Last Updated:August 22, 2025, 08:58 IST

Peter Navarro News: अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के ट्रेड एडवायजर पीटर नवारो कई मौकों पर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुके हैं. माना जाता है कि इसके बाद भी उन्‍होंने भारत पर 50 प्रतिशत टै...और पढ़ें

भारत का लोहा मान रहा अमेरिका, तब किस बात का पीटर नवारो को डर?अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के ट्रेड एडवायजर पीटर नवारो का भारत के प्रति रवैया फ्लिप-फ्लॉप वाला है. (फोटो: एपी)

Peter Navarro News: भारत और अमेरिका के बीच संबंध हमेशा से ही एक जटिल लेकिन रणनीतिक साझेदारी का हिस्सा रहे हैं. एक तरफ दोनों देश दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में रक्षा, तकनीक और व्यापार में सहयोग बढ़ा रहे हैं, तो दूसरी तरफ अमेरिकी प्रशासन, खासकर डोनाल्‍ड ट्रंप के ट्रेड एडवायजर पीटर नवारो की तीखी बयानबाजी और भारत पर लगाए गए 25% टैरिफ ने इस रिश्ते में एक नया तनाव पैदा कर दिया है. सवाल उठता है कि जब अमेरिका भारत को एक मजबूत सहयोगी मानता है, तो फिर यह टैरिफ वाली नफरत क्यों? और आखिर पीटर नवारो को भारत से क्या डर है?

भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते पिछले कुछ दशकों में अभूतपूर्व रूप से मजबूत हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई अमेरिकी दौरे और दोनों देशों के बीच रक्षा, तकनीक और व्यापार में बढ़ते सहयोग ने भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदार बनाया है. 2024-25 में अप्रैल से अगस्त तक अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया, जिसके साथ 53 अरब डॉलर का व्यापार हुआ. यह आंकड़ा दर्शाता है कि दोनों देश आर्थिक रूप से एक-दूसरे के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं.

अमेरिका की ट्रंप सरकार ने भी जुलाई 2025 में भारत के साथ एक अंतरिम व्यापार समझौते की बात कही थी, जिसे दोनों देशों के बीच लॉन्‍ग टर्म आर्थिक साझेदारी की दिशा में एक कदम माना गया. फिर भी उसी ट्रंप सरकार के सलाहकार पीटर नवारो भारत को ‘टैरिफ का महाराजा’ और ‘क्रेमलिन के लिए लॉन्ड्रोमैट’ जैसे तीखे शब्दों से नवाज रहे हैं. आखिर यह विरोधाभास क्यों? पीटर नवारो (जो ट्रंप के अमेरिका फर्स्ट नीति के प्रमुख रणनीतिकार माने जाते हैं) ने भारत की टैरिफ नीतियों और रूस के साथ ऊर्जा संबंधों पर कड़ा रुख अपनाया है. नवारो का आरोप है कि भारत रियायती दरों पर रूसी तेल खरीदकर उसे रिफाइन कर मुनाफा कमा रहा है, जिससे रूस को यूक्रेन युद्ध में आर्थिक मदद मिल रही है. उन्होंने भारत को यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देने वाला तक कह डाला. इसके जवाब में अमेरिका ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया, जिससे कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया है.

नवारो का डर

नवारो की यह आलोचना उस समय आई जब भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस के साथ ऊर्जा संबंधों का बचाव करते हुए कहा कि भारत की तेल खरीद वैश्विक ऊर्जा बाजारों को स्थिर करने में मदद करती है, और यह अमेरिका के अनुरोध पर ही शुरू हुई थी. यह दोहरा रवैया अमेरिकी नीति की जटिलता को उजागर करता है, खासकर जब चीन, जो रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है, पर ऐसी कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई. पीटर नवारो का भारत के प्रति यह रुख केवल व्यापार घाटे या रूसी तेल की खरीद तक सीमित नहीं है. इसके पीछे एक बड़ा जियो-पॉलिटिकल डर है. भारत की रूस और चीन के साथ बढ़ती नजदीकियां (खासकर BRICS जैसे मंचों पर) अमेरिका के लिए चिंता का विषय हैं. नवारो ने भारत को शी जिनपिंग के साथ नजदीकी बढ़ाने का आरोप भी लगाया है, जो अमेरिका की चीन को घेरने की रणनीति के लिए खतरा बन सकता है.

रूस-यूक्रेन के बीच शांति की राह

पीटर नवारो भारत को लेकर स्‍टैंड बदलते भी रहे हैं. उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की है. दिलचस्‍प बात यह है कि भारत पर 50 फीसद टैरिफ लगाने की वकालत करने वाले नवारो यह भी मानते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति लाने में भारत की अहम भूमिका हो सकती है. नवारो का कहना है कि रूस-यूकेन के बीच शांति का रास्‍ता भारत से होकर गुजरता है. बता दें कि भारत कई मौकों पर रूस और यूक्रेन के बीच शांति की बात कर चुका है. साथ ही इसमें एक्टिव भूमिका निभाने का ऑफर भी दे चुका है. बता दें कि भारत की विदेश नीति (जो गुट-निरपेक्षता और रणनीतिक स्वायत्तता पर आधारित है) ने उसे वैश्विक मंच पर एक मजबूत खिलाड़ी बनाया है. रूस से तेल खरीद (जो 2022 से पहले नगण्य थी और अब कुल आयात का 35% है) और चीन के साथ बढ़ता व्यापार (2024 में 118.4 अरब डॉलर) भारत की आर्थिक और कूटनीतिक ताकत को दर्शाता है. यह स्थिति अमेरिका को डराती है कि यदि भारत, रूस और चीन का त्रिकोणीय गठजोड़ मजबूत हुआ, तो वैश्विक शक्ति संतुलन में अमेरिका की स्थिति कमजोर पड़ सकती है.

Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

August 22, 2025, 08:58 IST

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