भारत में नर्सरी स्कूल कैसे खोलें? कितने समय के लिए मिलेगा लाइसेंस?

3 days ago

Last Updated:August 17, 2025, 11:27 IST

Nursery School: भारत में नर्सरी स्कूल खोल पाना आसान नहीं है. इसका लाइसेंस कुछ सालों के लिए मिलता है और फिर उसे रिन्यू करवाना पड़ता है. इसके साथ ही छोटे बच्चों की तरफ जिम्मेदारी निभा पाना भी काफी मुश्किल होता है...और पढ़ें

भारत में नर्सरी स्कूल कैसे खोलें? कितने समय के लिए मिलेगा लाइसेंस?Nursery School Regulations: नर्सरी स्कूल खोलने के लिए लाइसेंस होना अनिवार्य है

नई दिल्ली (How to Open Nursery School). देश में शिक्षा का स्तर लगातार बदल रहा है. अब माता-पिता बच्चों को कम उम्र से ही सीखने के बेहतर अवसर देने की कोशिश करते हैं. इसी कारण नर्सरी स्कूल या प्री-स्कूल की मांग तेजी से बढ़ी है. ये संस्थान बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई, अनुशासन और सामाजिक गुण सिखाने का बेहतरीन जरिया बनते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर कोई खुद नर्सरी स्कूल खोलना चाहे तो शुरुआत कहां से करे? इसके लिए कौन-कौन से लाइसेंस और डॉक्यूमेंट चाहिए?

नर्सरी स्कूल खोलना मुश्किल हो सकता है लेकिन अगर इसकी प्रक्रिया ठीक से समझ ली जाए तो यह प्रोसेस आसान लगने लगेगा. नर्सरी स्कूल खोलने की पूरी प्रक्रिया समझ लेने के बाद आप न केवल बच्चों के लिए एक बेहतर शैक्षिक वातावरण बना सकते हैं, बल्कि अपना करियर भी स्टेबल बना सकते हैं. कई बार नर्सरी या प्ले स्कूल में बच्चों के चोटिल होने जैसे हादसे सामने आते हैं. नर्सरी स्कूल खोलने वालों को क्वॉलिफाइड स्टाफ की हायरिंग पर फोकस करना चाहिए.

नर्सरी स्कूल कैसे खोलें?

नर्सरी स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले आपको यह तय करना होगा कि स्कूल किस क्षेत्र में खोलना है. इसमें बजट का भी अहम रोल होता है. आमतौर पर रिहायशी इलाकों में नर्सरी स्कूल की मांग ज्यादा होती है. जगह चुनने के बाद स्थानीय नगर निगम/नगर पालिका से अनुमति (Trade License) लेनी पड़ती है. यह लाइसेंस आमतौर पर 1 से 3 साल के लिए दिया जाता है और समय पूरा होने पर इसे रिन्यू करवाना होता है.

नर्सरी स्कूल खोलने के लिए कौन-सी डिग्री और योग्यता चाहिए?

नर्सरी स्कूल चलाने के लिए फाउंडर के पास कम से कम 10+2 यानी 12वीं पास होना चाहिए. अगर आपके पास Diploma in Early Childhood Care & Education (ECCE), Pre-Primary Teacher Training (PPTT) या Bachelor’s in Child Development जैसी डिग्रियां हैं तो यह और भी फायदेमंद होता है. साथ ही, शिक्षकों के पास भी ऐसी ट्रेनिंग होना अनिवार्य है. तभी बच्चों को सही ढंग से कुछ सिखाया जा सकेगा.

नर्सरी स्कूल खोलने के लिए कानूनी प्रक्रिया

ट्रेड लाइसेंस – स्थानीय नगरपालिका से

बिल्डिंग फिटनेस सर्टिफिकेट – सुरक्षित भवन के लिए

फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट – बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए

GSTIN/Udyam Registration – अगर फीस और रसीदों का फॉर्मल लेखा-जोखा रखना है

नर्सरी स्कूल में क्या पढ़ाया जाता है?

नर्सरी स्कूल सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं होने चाहिए. इसमें खेल-कूद, म्यूजिक, आर्ट और स्टोरीटेलिंग जैसी एक्टिविटीज करवाना जरूरी है. आप चाहें तो किसी मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम (जैसे Montessori या Play-Way Method) को अपनाकर स्कूल को बेहतर बना सकते हैं. नर्सरी स्कूल में बच्चों को खेल-खेल में जिंदगी की सीख दी जाती है.

नर्सरी स्कूल खोलने के लिए बजट

एक छोटे नर्सरी स्कूल के लिए शुरुआती खर्च लगभग 5-10 लाख रुपये तक आ सकता है (बजट आमतौर पर लोकेशन, इंटीरियर, फर्नीचर, खिलौने और स्टाफ पर निर्भर करता है). अगर आप फ्रेंचाइजी मॉडल अपनाते हैं तो खर्च थोड़ा बढ़ सकता है लेकिन ब्रांड का फायदा भी ज्यादा मिलता है.

नर्सरी स्कूल खोलने की स्टेप-बाय-स्टेप चेकलिस्ट

1. प्लानिंग

तय करें कि स्कूल किस इलाके में खोलना है (रिहायशी और सुरक्षित क्षेत्र बेहतर). बच्चों की संख्या, क्लासरूम की जरूरत और बजट का अनुमान लगाएं. यह भी तय करें कि स्कूल इंडिपेंडेंट होगा या फ्रेंचाइजी मॉडल पर चलेगा.

2. कानूनी औपचारिकताएं

स्थानीय नगरपालिका से Trade License लें (आमतौर पर 1-3 साल के लिए वैध). बिल्डिंग फिटनेस सर्टिफिकेट – सुनिश्चित करें कि बिल्डिंग सुरक्षित है. Fire Safety Certificate – बच्चों की सुरक्षा के लिए अनिवार्य. GSTIN या Udyam Registration – फीस और रसीदों का ऑफिशियल लेखा-जोखा रखने के लिए.

3. शैक्षिक योग्यता और स्टाफ

न्यूनतम योग्यता: 12वीं पास (10+2) अतिरिक्त योग्यता: Diploma in ECCE / PPTT / Bachelor’s in Child Development शिक्षकों के लिए भी Pre-Primary Teacher Training अनिवार्य. सहायक स्टाफ (आया/केयरटेकर) की भर्ती बच्चों की संख्या के अनुसार करें.

4. इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं

क्लासरूम: रोशनी और वेंटिलेशन वाला, रंगीन और बच्चों के हिसाब से. फर्नीचर: हल्का, सुरक्षित और बच्चों की लंबाई के अनुसार. गेम्स: इनडोर और आउटडोर खेलों की सुविधा. टॉयलेट्स: साफ-सुथरे और बच्चों की लंबाई के अनुसार डिजाइन किए हुए. सीसीटीवी और सुरक्षा गार्ड.

5. कोर्स और एक्टिविटीज

किसी मान्यता प्राप्त पद्धति (जैसे Montessori / Play-way Method) अपनाएं. बच्चों के लिए एक्टिविटीज: ड्रॉइंग, म्यूजिक, स्टोरीटेलिंग, योग, ग्रुप गेम्स. नियमित पेरेंट-टीचर मीटिंग्स और प्रोग्रेस रिपोर्ट.

6. निवेश और बजट

5-10 लाख रुपये का अनुमानित खर्च (लोकेशन, फर्नीचर, स्टाफ, खिलौने, सुरक्षा, आदि). मार्केटिंग बजट भी रखें (ब्रोशर, लोकल विज्ञापन, सोशल मीडिया कैंपेन).

7. प्रचार और प्रवेश प्रक्रिया

स्कूल का आकर्षक नाम और लोगो चुनें. स्थानीय अखबार, फ्लेक्स बोर्ड और सोशल मीडिया के जरिए प्रचार करें. एडमिशन प्रक्रिया आसान और ट्रांसपेरेंट रखें.

8. संचालन और सुधार

बच्चों की सुरक्षा और हाइजीन पर लगातार ध्यान दें. स्टाफ के लिए समय-समय पर ट्रेनिंग आयोजित करें. माता-पिता से फीडबैक लेकर सुधार करते रहें.

Deepali Porwal

Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...और पढ़ें

Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...

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First Published :

August 17, 2025, 11:27 IST

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