भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 600 ड्रोन मार गिराए, चुन-चुन कर बनाया निशाना

9 hours ago

Last Updated:May 16, 2025, 17:52 IST

ARMY AIR DEFENCE: ऐसिमेट्री वॉरफेयर के लिए पाक ने अपने ड्रोन भेजे. कम कीमत के ड्रोन से गहरी चोट पहुंचाने का मकसद था. पाक को लगता था कि महज कुछ हजार रुपये के ड्रोन को गिराने के लिए भारतीय सेना लाखों की एयर डिफें...और पढ़ें

भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 600 ड्रोन मार गिराए, चुन-चुन कर बनाया निशाना

पाकिस्तानी ड्रोन की बना दी कब्र

हाइलाइट्स

भारतीय सेना ने पाक के 600 से अधिक ड्रोन गिराए.आकाश तीर सिस्टम ने हर एरियल टार्गेट को मॉनिटर किया.L-70, Zu-23mm और शिल्का गन ने पाक के ड्रोन विफल किए.

ARMY AIR DEFENCE: भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया. इस ऑपरेशन में पहली बार भारत ने कामिकाजी सुसाइडल ड्रोन का इस्तेमाल किया. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के कई मिलिट्री ठिकानों और सिविल इलाकों पर ड्रोन से हमले की कोशिश की. पाकिस्तान के ड्रोन लगातार घुसपैठ कर रहे थे और भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम उन्हें रोक रहा था. सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना के एयर डिफेंस गन और मिसाइल सिस्टम ने पाक के 600 से ज्यादा ड्रोन को मार गिराया. अगर हम पाकिस्तान से लगती वेस्टर्न बॉर्डर पर थलसेना के एयर डिफेंस सिस्टम की बात करें तो LoC से लेकर IB तक लगभग 1000 से ज्यादा एयर डिफेंस गन या एंटी एयरक्राफ्ट गन मौजूद हैं. इसके अलावा बड़े टार्गेट को नष्ट करने के लिए 750 से ज्यादा शॉर्ट रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात हैं.

आकाश तीर ने साधा निशाना
आकाश तीर सिस्टम ने भारत की सरहद के अंदर घुसपैठ करने वाले हर एरियल टार्गेट को मॉनिटर किया, ट्रैक किया और उसकी जानकारी एयर डिफेंस बैटरी तक पहुंचाई. फिर शुरू हुआ एक-एक को चुन-चुन कर मार गिराने का काम. कुछ महीने पहले आकाश तीर प्रोजेक्ट के तहत आकाश तीर और वायुसेना का इंटीग्रेटेड एरियल कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) को जोड़ा गया है. जैसे ही कोई पाकिस्तान मिसाइल या ड्रोन भारतीय एयर स्पेस में दाखिल हो रहा था, इसकी जानकारी सीधे IACCS से आकाश तीर के कमांड पोस्ट पर पहुंचती थी. खतरे को किस तरह के एयर डिफेंस सिस्टम से एंगेज करना है, वह भी रीयल टाइम में सॉफ्टवेयर के जरिए पहुंच रही थी. ऑर्डर के मुताबिक हर एरियल खतरे को एंगेज किया गया.

एयर डिफेंस गन ने पाक के अटैक को किया विफल
L-70 एयर डिफेंस गन, रूस की Zu-23mm और शिलका गन ने एक भी ड्रोन को उसकी साजिश में कामयाब नहीं होने दिया. L-70 गन की बात करें तो यह गन 70 के दशक में स्वीडन से ली गई थी. इसका रेट ऑफ फायर एक मिनट में 300 राउंड से ज्यादा है. इसकी रेंज 3 से 4 किलोमीटर है और इसे रडार के जरिए भी ऑपरेट किया जा सकता है. हाल ही में इन गन को आज की तकनीक जैसे कि दिन और रात दोनों समय ऑपरेट करने के लिए हाई रिजॉल्यूशन सेंसर, कैमरे और रडार सिस्टम से अपग्रेड किया गया है. दूसरी गन Zu-23mm रूसी गन है जो 80 के दशक की शुरुआत में रूस से ली गई थी. यह एक डबल बैरल गन है. हर बैरल से 1600 से 2000 राउंड प्रति मिनट फायर कर सकती है. यानी एक गन 4000 राउंड फायर कर सकती है. यह गन मैनुअल इस्तेमाल की जाती है. 2 से 2.5 किलोमीटर में आने वाले किसी भी संभावित टार्गेट को छलनी कर देती है. तीसरी गन है शिल्का. यह ZU-23mm का ही दूसरा रूप है. इस सिस्टम में ZU-23mm ट्रैक गाड़ी पर माउंट किया गया है। हर वेहिकल में 2 ZU-23mm गन हैं यानी कि यह सिस्टम एक मिनट में 8000 राउंड फायर कर सकती है. चूँकि यह ट्रैक्ड गन सिस्टम है तो इसका इस्तेमाल किसी भी तरह के इलाकों में आसानी से किया जा सकता है.

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