Last Updated:March 29, 2025, 18:57 IST
Solapur: सोलापुर के रमेश चंद मीन पिछले 10 वर्षों से बेघर, बेसहारा और मानसिक रूप से बीमार लोगों की सेवा कर रहे हैं. वे इन्हें भोजन, कपड़े और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं.

सोलापुर बेघर सहायता
सोलापुर शहर में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और धार्मिक स्थलों के पास रहने वाले बेघर, बेसहारा, मानसिक रूप से बीमार और भिखारियों की आमतौर पर कोई परवाह नहीं करता. लोग इन्हें अनदेखा कर देते हैं, मानो वे समाज का हिस्सा ही न हों. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो इनकी पीड़ा को समझते हैं और इन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयास करते हैं. इन्हीं में से एक हैं सोलापुर के रमेश चंद मीन, जो पिछले 10 वर्षों से इन बेसहारा लोगों की सेवा कर रहे हैं.
राजस्थान से सोलापुर तक का सफर
रमेश चंद मीन मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं, लेकिन वर्तमान में वे सोलापुर के दमानी नगर में रहते हैं. वे सोलापुर के डीआरएम कार्यालय में कार्यालय अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं. उनकी इस सेवा भावना की शुरुआत एक यूट्यूब वीडियो देखने के बाद हुई, जिसमें बेघर और मानसिक रूप से बीमार लोगों की स्थिति दिखाई गई थी. यह वीडियो उनके मन को इतना छू गया कि उन्होंने इन लोगों की मदद करने की ठान ली. पिछले 10 वर्षों से वे जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं.
भोजन, कपड़े और स्वास्थ्य की पूरी जिम्मेदारी
रमेश चंद मीन न केवल सड़क किनारे रहने वाले लोगों को भोजन उपलब्ध कराते हैं, बल्कि उन्हें नहलाते हैं, उनकी दाढ़ी बनाते हैं और समय-समय पर उनकी स्वास्थ्य जांच भी करवाते हैं. उनके लिए साफ-सुथरे नए कपड़े भी लाते हैं, जिससे वे सम्मान के साथ जीवन जी सकें. इस नेक कार्य में उनकी पत्नी हेमा और मित्र मंगेश भी उनका पूरा सहयोग करते हैं.
200 से अधिक बेघर लोगों को मिला नया जीवन
रमेश चंद मीन अब तक 200 से अधिक बेघर और बेसहारा लोगों की मदद कर चुके हैं. वे भिखारियों और मानसिक रूप से बीमार लोगों को उनके परिवार तक पहुंचाने का भी काम कर रहे हैं. उनका मानना है कि इन लोगों को भी समाज में वही सम्मान मिलना चाहिए जो किसी और को मिलता है.
‘ना भीख, ना दया, सिर्फ प्रभु की कृपा’
रमेश चंद मीन के कार्यों की प्रेरणा उनका यह विश्वास है कि दया नहीं, बल्कि सेवा ही सच्ची भक्ति है. ‘ना भीख, ना दया, सिर्फ प्रभु की कृपा’ के विचार को जीवंत रखते हुए वे सोलापुर में जरूरतमंदों की सेवा कर रहे हैं. उनके इस प्रयास से सैकड़ों लोगों को एक नई राह मिली है, और वे समाज में एक नई पहचान बनाने में सफल हुए हैं.
First Published :
March 29, 2025, 18:57 IST