Last Updated:May 27, 2025, 15:33 IST
Summer Vacation 2025: अप्रैल में नया सेशन शुरू होते ही स्टूडेंट्स समर वेकेशन पर लेटेस्ट अपडेट का इंतजार करने लगते हैं. हर साल की तरह 2025 में भी तय समय पर स्कूल बंद हो गए. लेकिन इस साल मौसम का पासा पलट गया. पिछ...और पढ़ें

Summer Vacation 2025: गर्मी के मौसम पर क्लाइमेट चेंज का असर देखा जा रहा है
हाइलाइट्स
मई में तापमान कम, फिर भी गर्मी की छुट्टियां जारी.गर्मी की छुट्टियां बच्चों के स्वास्थ्य और शैक्षिक कैलेंडर पर निर्भर.कम तापमान के बावजूद बच्चों की सुरक्षा के लिए छुट्टियां जरूरी.नई दिल्ली (Summer Vacation 2025). बच्चे हों या बड़े, गर्मी की छुट्टियों का इंतजार हर कोई करता है. जहां बच्चों को सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाने से फुर्सत मिल जाती है तो वहीं उनके मम्मी-पापा भी कई तरह की मॉर्निंग ड्यूटीज़ से फ्री हो जाते हैं. हर साल अप्रैल से ही इतनी भीषण गर्मी पड़ने लगती है कि स्कूलों को समय से पहले बंद करने का फैसला लेना पड़ता है. 15 मई तक तो देश के विभिन्न राज्यों में गर्मी की छुट्टियां शुरू हो ही जाती हैं. लेकिन इस साल मौसम ने सबको चकमा दे दिया है.
पिछले कई महीनों से मौसम विज्ञानी मई में बहुत भयंकर गर्मी का दावा कर रहे थे. मार्च से मई तक कई दिन गर्मी वाकई में बर्दाश्त से बाहर थी. इन्हीं सब फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां घोषित कर दी गईं. किसी को अंदाजा भी नहीं था कि मई की तपती गर्मी और लू के थपेड़ों वाले मौसम में अचानक से बारिश और आंधी-तूफान जैसे हालात बन जाएंगे. यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल समेत ज्यादातर राज्यों में पारा गिर गया है.
Schools Closed: गर्मी कम, फिर क्यों गर्मी की छुट्टियां?
मई 2025 में भारत के कई हिस्सों, जैसे राजस्थान, दिल्ली, झारखंड और हरियाणा में तापमान पिछले सालों की तुलना में कम दर्ज किया जा रहा है. मौसम विभाग के अनुसार, इस साल मई का औसत तापमान 35-37 डिग्री सेल्सियस रहा, जो पिछले सालों के 38-40 डिग्री से 2-3 डिग्री कम है. फिर भी, स्कूलों और कॉलेजों में मई-जून में गर्मी की छुट्टियां लागू की गई हैं. ऐसे में सवाल उठना वाजिब है कि जब गर्मी कम है, तो ये छुट्टियां क्यों?
Summer Holidays: सिर्फ तापमान पर निर्भर नहीं है समर वेकेशन
गर्मी की छुट्टियां सिर्फ तापमान पर नहीं, बल्कि पढ़ाई, बच्चों के स्वास्थ्य और सामाजिक कारणों पर भी निर्भर करती हैं. मई-जून में गर्मी की छुट्टियां बच्चों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए होती हैं, इसमें कोई शक नहीं है. लेकिन इन छुट्टियों के कई और महत्व भी हैं.
गर्मी की छुट्टियां स्कूलों के लिए किसी पुरानी परंपरा के समान हैं. मार्च-अप्रैल तक परीक्षाएं खत्म हो जाती हैं और स्कूल नया सत्र शुरू करने की तैयारी करते हैं. शिक्षक इस समय किताबें, कोर्स और स्कूल की मरम्मत का काम करते हैं. इस साल भले ही तापमान कम हो, लेकिन शैक्षिक कैलेंडर पहले से तय होता है. इसे बदलना आसान नहीं है क्योंकि लाखों छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की योजनाएं इसी से जुड़ी होती है. अगर छुट्टियां हटा दी जाएं तो स्कूलों को नया सत्र शुरू करने में दिक्कत हो सकती है. कम तापमान के बावजूद गर्मी का मौसम बच्चों के लिए जोखिम भरा हो सकता है. खासकर गांव के स्कूलों में, जहां पंखे, कूलर या पानी की अच्छी सुविधा नहीं होती है. गर्मी से बच्चों को लू लगने के साथ ही कई तरह की बीमारियों का भी खतरा रहता है. बिजली कटौती और पानी की कमी के कारण स्कूल को मैनेज करना मुश्किल हो सकता है. कम तापमान होने पर भी नमी और धूप बच्चों को परेशान कर सकती है. इसलिए, गर्मी की छुट्टियां बच्चों को सुरक्षित रखने का आसान तरीका हैं. गर्मी की छुट्टियां बच्चों और परिवारों के लिए खास हैं. यह समय परिवारों को एक साथ बिताने, रिश्तेदारों से मिलने या छुट्टियों में घूमने का मौका देता है. इस साल कम तापमान के कारण बच्चे बाहर खेल सकते हैं, पेंटिंग या नई स्किल्स सीख सकते हैं. यह बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और रचनात्मक विकास के लिए जरूरी है. वैसे भी मौसम हर दिन जिस तरह से रंग बदल रहा है, उस हिसाब से पहले से उसकी तैयारी कर पाना मुश्किल होता जा रहा है. किसी दिन बारिश हो रही है तो किसी दिन तेज धूप भी है.यह भी पढ़ें- 4 हफ्तों में सीख जाएंगे English, बोलने में नहीं होगी झिझक, जानिए मास्टर प्लान
क्या पढ़ाई का नुकसान होगा?
कई पेरेंट्स कह रहे हैं कि कम तापमान में स्कूल खुले रखने चाहिए ताकि पढ़ाई का नुकसान न हो. लेकिन इस मौसम में स्कूल खोलने के लिए एयर कंडीशनिंग और बिजली की जरूरत होगी, जो हर स्कूल में संभव नहीं. ऑनलाइन क्लासेस या समर कैंप के जरिए बच्चों को व्यस्त रखा जा सकता है. अगर किसी स्कूल का सिलेबस पिछड़ रहा है तो शिक्षक ऑनलाइन ट्यूटोरियल्स या प्रोजेक्ट्स के जरिए उसे कवर कर सकते हैं. वैसे स्कूलों का शैक्षिक कैलेंडर गर्मी की 2 महीने की छुट्टियों को ध्यान में रखकर ही तैयार किया गया है.
बदल सकता है हॉलिडे कैलेंडर
क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम बहुत तेजी से बदल रहा है. इस साल कम तापमान इसका उदाहरण है. हो सकता है कि भविष्य में सरकारें मौसम के हिसाब से हॉलिडे कैलेंडर फ्लेक्सिबल बनाने लगें. स्कूलों में कूलिंग सिस्टम और बिजली सुविधाएं बढ़ाने से गर्मी में भी पढ़ाई संभव हो सकती है. साल 2020 में कोविड 19 महामारी के बाद से ऑनलाइन एजुकेशन का ट्रेंड बढ़ गया है. अब मौसम अगर अचानक से बदलता है तो बच्चों को स्कूल न बुलाकर ऑनलाइन माध्यम से भी पढ़ाया जा सकता है.
Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...और पढ़ें
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