Last Updated:August 27, 2025, 09:10 IST
West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. अब बीजेपी खेमे से बड़ी खबर सामने आ रही है.

West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष में भी राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इस बार बीजेपी के खेमे से बड़ी खबर सामने आई है. पहली घटना प्रदेश में भाजपा की दिग्गज नेता और महासचिव लॉकेट चटर्जी से जुड़ी है. दूसरा मामला बीजेपी नेता भारती घोष से जुड़ा हुआ है. इन दोनों के साथ कुछ ऐसी घटना घटी कि इसकी गूंज पार्टी के टॉप लीडरशिप तक पहुंच गई. इसके साथ ही चुनावी माहौल में पार्टी के अंदर मची खींच-तान के संकेत भी मिलने लगे हैं. अब यह ममता बनर्जी के लिए कितना बड़ा राजनीतिक मौका हो सकता है, यह तो वक्त ही बताएगा, पर फिलहाल बीजेपी का इंटरनल माहौल इन दोनों घटनाओं से गर्माया हुआ है.
दरअसल, जैसे-जैसे 2026 विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, पश्चिम बंगाल भाजपा में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आने लगी है. पार्टी की दो प्रभावशाली नेताओं (लॉकेट चटर्जी और भारती घोष) को हाल ही में दो अहम कार्यक्रमों से बाहर रखे जाने से विवाद गहरा गया है. सूत्रों के मुताबिक, दमदम में प्रधानमंत्री की सभा के दौरान भाजपा की प्रदेश महासचिव लॉकेट चटर्जी को मंच पर नहीं बुलाया गया. इसी तरह, महिला शक्ति सम्मेलन में पूर्व आईपीएस और नेता भारती घोष को आमंत्रित नहीं किया गया. दोनों नेताओं ने इस मामले को लेकर दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत की है.
दूर तक गई गूंज
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने दावा किया है कि यह सब उनकी जानकारी के बिना हुआ, लेकिन विवाद का असर काफ़ी दूर तक गया है. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी राज्य नेतृत्व से पूछा है कि आखिर दमदम की सभा में लॉकेट चटर्जी को क्यों नहीं बुलाया गया? यह पहला मौका नहीं है जब वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी हुई हो. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को लगातार तीन बार प्रधानमंत्री की सभाओं में नहीं बुलाया गया. दमदम दौरे के वक्त दिलीप घोष बेंगलुरु में थे, लेकिन उन्होंने इसके बाद संकेत दिया कि वे एक बार फिर ख़ड़गपुर से चुनाव लड़ने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि उनका वहां पारिवारिक नाता है और वे खुद उस क्षेत्र के मतदाता हैं.
पश्चिम बंगाल भाजपा में चुनाव से पहले…
इन घटनाओं ने साफ कर दिया है कि बंगाल भाजपा में गुटबाज़ी अपने चरम पर पहुंच चुकी है. ज़िला स्तर पर भी बैनर पॉलिटिक्स देखने को मिल रही है. हाल ही में तामलुक संगठनात्मक ज़िला बैठक के बैनर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की तस्वीरें थीं, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य का चेहरा गायब था. आमतौर पर प्रदेश अध्यक्ष की तस्वीर अनिवार्य रूप से लगाई जाती है, जिससे पार्टी हलकों में सवाल खड़े हो रहे हैं.
चुनाव से पहले यह कैसा संकेत
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की गुटबाज़ी 2026 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है. हालांकि, केंद्रीय नेतृत्व बार-बार राज्य इकाई को एकजुट होकर काम करने का निर्देश दे रहा है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर मतभेद लगातार बढ़ते दिख रहे हैं.
(न्यूज18 बंगाली)
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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Location :
Kolkata,West Bengal
First Published :
August 27, 2025, 09:06 IST