ममता बनर्जी के सिर पर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पड़े ओले, कैसे बदलेंगे हालात?

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Last Updated:August 27, 2025, 11:29 IST

Mamata Banerjee Tariff War: राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की सरकार की ओर से भारत पर लगाया गया अतिरिक्‍त 25 फीसद टैरिफ बुधवार 27 अगस्‍त 2025 से प्रभावी हो गया. इस तरह अमेरिका अब भारतीय प्रोडक्‍ट पर कुल मिलाकर 50 प्...और पढ़ें

ममता बनर्जी के सिर पर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पड़े ओले, कैसे बदलेंगे हालात?अमेरिका ने इंडियन प्रोडक्‍ट पर कुल मिलाकर 50 फीसद टैरिफ लगा दिया है. इसका असर पश्चिम बंगाल पर भी पड़ना तय है, ऐसे में मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

Mamata Banerjee Tariff War: डोनाल्‍ड ट्रंप ने जबसे अमेरिका की सत्‍ता दोबारा संभाली है, उनके रेडिकल पॉलीसीज ने दुनिया में उथल-पुथल मचा रखा है. ट्रंप सरकार की अटैकिंग टैरिफ नीतियों ने इकोनॉमिक कंडीशन को पूरी तरह से हिलाकर रख दिया है. भारतीय उत्‍पादों (इंडियन प्रोटक्‍ट्स) पर कुल मिलाकर 50 फीसद तक का टैरिफ लगा दिया गया है. 25 प्रतिशत का अतिरिक्‍त टैरिफ बुधवार 27 अगस्‍त 2025 से लागू हो गया है. साधारण शब्‍दों में समझें कि जो इंडियन प्रोडक्‍ट अमेरिका में 100 रुपये में मिलता था, अब वह 150 रुपये में मिलेगा. इससे भारत के निर्यात पर व्‍यापक प्रभाव पड़ने की आशंका गहरा गई है. पश्चिम बंगाल से अमेरिका के लिए सालाना हजारों करोड़ रुपये का एक्‍सपोर्ट होता है. एक्‍सपर्ट और ट्रेडर्स की मानें तो प्रदेश का 5000 से 6000 करोड़ रुपये तक का कारोबार इससे डायरेक्‍टली प्रभावित होगा. साथ ही 10000 नौकरियां इससे प्रभावित हो सकती हैं. बता दें कि पश्चिम बंगाल में साल 2026 में चुनाव होने हैं, ऐसे में यह मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के लिए कतई शुभ समाचार नहीं है. इस तरह ट्रंप के टैरिफ वॉर का राजनीतिक असर पश्चिम बंगाल पर पड़ सकता है.

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्‍त टैरिफ लगाने के फैसले ने पश्चिम बंगाल की निर्यात-आधारित अर्थव्‍यवस्‍था को गहरा झटका दिया है. खासकर राज्‍य के चमड़ा, इंजीनियरिंग और समुद्री उत्‍पाद (Marine Products) क्षेत्रों को भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है. यह कदम त्‍यौहारी सीजन से पहले उद्योग जगत की चिंताओं को और बढ़ा रहा है. नया टैरिफ बुधवार से प्रभावी हो गया है, जिससे भारत से अमेरिकी बाजार में जाने वाले उत्‍पादों पर कुल 50 प्रतिशत शुल्‍क लग गया है. यह कार्रवाई भारत की ओर से रूसी कच्‍चे तेल की खरीद के जवाब में की गई है. अनुमान है कि इससे देश के कम से कम 45,000 करोड़ रुपये मूल्‍य के निर्यात प्रभावित होंगे, जिसमें बंगाल सबसे ज्‍यादा प्रभावित राज्‍यों में होगा.

डोनाल्‍ड ट्रंप सरकान ने इंडियन प्रोडक्‍ट्स पर 50 फीसद टैरिफ लगा दिया है.

समुद्री उत्‍पादों पर सबसे बड़ा असर

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्‍सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन्‍स (FIEO) के पूर्वी क्षेत्रीय अध्‍यक्ष योगेश गुप्‍ता के अनुसार, ‘समुद्री निर्यातों का सबसे बड़ा हिस्‍सा चरमराने की कगार पर है.’ बंगाल देश के समुद्री उत्‍पाद निर्यात का 12 प्रतिशत हिस्‍सा अकेले करता है, जिसमें मुख्‍य रूप से उत्‍पादित झींगा (प्रॉन्‍स) शामिल हैं. सीफूड एक्‍सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ईस्‍ट) के चेयरमैन राजर्षि बनर्जी ने बताया कि राज्‍य के 8,000 करोड़ रुपये के कुल अमेरिकी निर्यात में से 5,000–6,000 करोड़ रुपये मूल्‍य का समुद्री उत्‍पाद सीधा प्रभावित होगा. इसके चलते 7,000–10,000 नौकरियां केवल प्रोसेसिंग यूनिट्स में खतरे में हैं, जबकि फार्म स्‍तर पर इससे कहीं ज्‍यादा लोगों की आजीविका प्रभावित होगी.

चमड़ा उद्योग पर दोहरी मार

कोलकाता का बंटाला लेदर हब (जो पांच लाख लोगों को रोजगार देता है) सबसे गंभीर संकट से गुजर रहा है. इंडियन लेदर प्रॉडक्‍ट्स एसोसिएशन के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट मो. अज़ार ने कहा, ‘सिर्फ भारत और ब्राजील पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है, जबकि दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों पर यह दर 19-20 प्रतिशत है. इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय निर्यात लगभग खत्‍म हो जाएगा.’ पश्चिम बंगाल भारत के लगभग आधे चमड़ा निर्यात के लिए जिम्‍मेदार है, जिसकी वार्षिक मूल्‍य 5,000–6,000 करोड़ रुपये है. इसमें 20 प्रतिशत निर्यात अकेले अमेरिका जाता है. चमड़े से बने जूते (फुटवियर) सबसे बड़ा निर्यात वर्ग हैं, जो वैश्विक चमड़ा निर्यात का 40 प्रतिशत हिस्‍सा हैं. वित्‍त वर्ष 2024-25 में भारत ने अमेरिकी बाजार में करीब 500 मिलियन डॉलर मूल्‍य के लेदर फुटवियर भेजे थे.

इंजीनियरिंग सेक्‍टर भी निशाने पर

इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (EEPC) के पूर्व चेयरमैन राकेश शाह ने कहा कि अमेरिका भारत के इंजीनियरिंग उत्‍पादों का लगभग 20–21 अरब डॉलर का बाजार है, जिसमें से एक अरब डॉलर का हिस्‍सा बंगाल से जाता है. उन्‍होंने कहा कि राज्‍य में फाउंड्री-आधारित उद्योगों से जुड़े 50,000 से 1 लाख रोजगार सीधे तौर पर इस व्‍यापार से जुड़े हुए हैं. चमड़ा उद्योग के अधिकारियों ने आशंका जताई है कि अमेरिकी टैरिफ का असर यूरोपीय बाजार पर भी पड़ेगा, क्‍योंकि कोलकाता निर्मित सामान अक्‍सर पहले यूरोप भेजे जाते हैं और वहां से अमेरिका निर्यात होते हैं. कई कंपनियां अब यूरोप में आंशिक उत्‍पादन कर ‘मेड इन यूरोप’ टैग लेकर अमेरिकी बाजार में घुसने की रणनीति पर विचार कर रही हैं.

Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

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Location :

Kolkata,West Bengal

First Published :

August 27, 2025, 11:29 IST

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