Last Updated:August 27, 2025, 11:06 IST
Multiplex Ticket Price : मल्टीप्लेक्स में मूवी देखना अब सस्ता हो सकता है. संगठन ने इसके लिए सरकार से जीएसटी घटाने की सिफारिश की है. इस सिफारिश को मंजूर कर लिया जाता है तो हर टिकट पर 25 से 30 रुपये की बचत हो...और पढ़ें

नई दिल्ली. पीएम मोदी की ओर से जीएसटी की दरों में बदलाव का ऐलान होने के बाद देश के तमाम सेक्टर्स अपनी सेवाओं और प्रोडक्ट पर जीएसटी दरें कम करने की सिफारिशें सरकार को भेजने लगे हैं. इस कड़ी में मल्टीप्लेक्स संचालकों ने भी सरकार को टिकट पर जीएसटी दरें घटाने की मांग की है. उनका कहना है कि अभी टिकट पर जीएसटी काफी ज्यादा है और इसके दायरे को बढ़ाकर 300 रुपये किया जाना चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं को सस्ती टिकट उपलब्ध हो सके. इससे कोरोनाकाल से ही प्रभावित चल रहे सिनेमा उद्योग को फिर से पटरी पर लाने में मदद मिलेगी.
सिनेमा और मल्टीप्लेक्स संचालकों ने सरकार से 300 रुपये से कम कीमत वाले फिल्म टिकट को नई माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत सबसे 5 प्रतिशत के स्लैब में रखने का आग्रह किया है. मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमएआई) ने कहा कि इस कदम से आम जनता के लिए सिनेमा देखना अधिक किफायती हो जाएगा और फिल्म प्रदर्शन उद्योग को मदद मिलेगी, जो महामारी के बाद से वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहा है.
कितने रुपये की होगी बचत
ज्ञानचंदानी के अनुसार, 100 रुपये के स्लैब को अब कम माना जाता है और यह बात वित्त मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के समक्ष भी रखी गई थी, लेकिन पिछले साढ़े सात साल में इसमें कोई बदलाव नहीं आया है. उन्होंने कहा कि 300 रुपये के स्लैब से सिनेमा टिकट और भी किफायती हो जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि भारत में औसत टिकट की कीमत लगभग 170-175 रुपये है. अगर सरकार टिकट की कीमतें 5 प्रतिशत के स्तर पर 300 रुपये से कम रखने की हमारी सिफारिश मान लेती है, तो आपको औसत टिकट की कीमत में कम से कम 20-25 रुपये की कमी की उम्मीद करनी चाहिए.
खाने-पीने के सामान पर नहीं मिला आईटीसी
एमएआई देश के 9,000 से ज्यादा स्क्रीन का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है, जिनमें से 4,000 मल्टीप्लेक्स स्क्रीन और 5,000 सिंगल स्क्रीन हैं. संगठन का कहना है कि सिनेमा प्रदर्शन उद्योग जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने के लिए एक ‘उपयुक्त मामला’ है. सिनेमा हॉल में खाने-पीने की चीजो को ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) रहित रेस्तरां सेवा’ माना जाता है और एमएआई के अनुसार इससे सामग्री, पैकेजिंग, उपयोगिताओं और सेवाओं जैसे इनपुट पर क्रेडिट अवरुद्ध हो जाता है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 27, 2025, 11:06 IST