महागठबंधन में तनातनी, CPI MLने कांग्रेस की स्क्रीनिंग प्रक्रिया पर उठाए सवाल

6 hours ago

Last Updated:August 27, 2025, 15:38 IST

Bihar Chunav 2025: बिहार की सियासत में महागठबंधन के भीतर खटपट शुरू हो गई है! भाकपा-माले के विधायक अरुण सिंह ने कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी पर निशाना साधा है जो राजद और माले की जीती सीटों पर भी उम्मीदवारों के आ...और पढ़ें

महागठबंधन में तनातनी, CPI MLने कांग्रेस की स्क्रीनिंग प्रक्रिया पर उठाए सवालकांग्रेस के स्क्रीनिंग कमेटी की सदस्य महाराष्ट्र की संसद प्रीणीति शिंदे और भाकपा माले के विधायक अरुण सिंह.

सासाराम. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन में तनाव की खबरें सामने आ रही हैं. भाकपा-माले के काराकाट विधायक अरुण सिंह ने कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी पर निशाना साधा है क्योंकि वह राजद और माले की जीती सीटों पर भी उम्मीदवारों के आवेदन ले रही है. अरुण सिंह ने इसे गठबंधन धर्म के खिलाफ बताया और कहा कि कांग्रेस को केवल अपनी तय सीटों पर ही प्रत्याशी चयन करना चाहिए. बता दें कि प्रीणीति शिंदे के नेतृत्व में कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी,सासाराम से उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है. प्रीणीति ने कहा कि सीट बंटवारा अभी तय नहीं हुआ, इसलिए सभी विधानसभा सीटों के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं. लेकिन माले ने इसे गठबंधन की एकता के लिए नुकसानदायक बताया है. अरुण सिंह ने साफ कहा कि राजद और माले की मौजूदा विधायक वाली सीटों पर कांग्रेस की दावेदारी ठीक नहीं.

40 सीटों पर उम्मीदवारी की भाकपा माले की मांग

अरुण सिंह ने दावा किया कि माले का पिछले विधानसभा चुनाव में स्ट्राइक रेट सबसे बेहतर था जिसमें 19 में से 12 सीटें जीतीं. लोकसभा चुनाव 2024 में भी माले ने तीन में से दो सीटें हासिल कीं. उन्होंने मांग की कि माले को कम से कम 40 सीटें मिलनी चाहिए और हर जिले में एक सीट जरूरी है. माले का मानना है कि उसका मजबूत जनाधार, खासकर गरीब, पिछड़े और अल्पसंख्यक वोटरों में गठबंधन को मजबूती देगा.

कांग्रेस का आक्रामक रुख, क्या है रणनीति?

कांग्रेस ने 2020 में महागठबंधन में 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार 50-55 सीटों की उम्मीद है. फिर भी पार्टी ने सभी 243 सीटों के लिए आवेदन मंगवाकर आक्रामक रणनीति अपनाई है. स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन 13-14 अगस्त को पटना में दावेदारों से मिले थे. प्रीणीति शिंदे ने कहा कि यह प्रक्रिया समय पर प्रचार शुरू करने के लिए जरूरी है. लेकिन माले इसे गठबंधन के सिद्धांतों का उल्लंघन मानता है.

गठबंधन की एकजुटता पर सवाल

माले का तर्क है कि उसकी जीती सीटों काराकाट और तरारी पर कांग्रेस की दावेदारी से गठबंधन में अविश्वास पैदा होगा. रोहतास जिले में कांग्रेस को पिछले चुनाव में सिर्फ करगहर और चेनारी सीटें मिली थीं. अरुण सिंह ने सुझाव दिया कि कांग्रेस इन्हीं सीटों पर फोकस करे. माले का मानना है कि उसकी मजबूत उपस्थिति ने शाहाबाद क्षेत्र में एनडीए को लोकसभा में हराया और यह ताकत विधानसभा में भी गठबंधन को फायदा देगी.

ध्रुवीकरण और टकराव, सियासी जोखिम

कांग्रेस की इस रणनीति से महागठबंधन में दरार की आशंका बढ़ रही है. माले और राजद के बीच पहले से मजबूत समन्वय रहा है, लेकिन कांग्रेस का यह कदम गठबंधन की एकता को कमजोर कर सकता है. अगर सीट बंटवारे में सहमति नहीं बनी तो बीजेपी इसका फायदा उठा सकती है. जानकारों का मानना है कि माले की नाराजगी राजद-कांग्रेस के बीच नेतृत्व की होड़ को भी उजागर करती है.

Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें

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Location :

Sasaram,Rohtas,Bihar

First Published :

August 27, 2025, 15:38 IST

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