Last Updated:May 22, 2025, 18:45 IST
Ahmedabad Chandola Lake Demolition : आपराधिक गतिविधियों के लिए भी कुख्यात और 'मिनी बांग्लादेश' कहलाने वाले अहमदाबाद के चंडोला तालाब क्षेत्र के इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठियों के अवैध निर्माण पर नगर निगम ने जब...और पढ़ें

अहमदाबाद में ‘मिनी बांग्लादेश’ पर बुलडोजर एक्शन, मिट्टी में मिलाए गए 10 हजार घर
अहमदाबाद. अहमदाबाद के चंडोला तालाब क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों के अवैध निर्माण पर नगर निगम ने बुलडोजर से 10 हजार से ज्यादा मकान ध्वस्त कर दिए हैं. इस क्षेत्र को ‘मिनी बांग्लादेश’ कहा जाता है. गुजरात पुलिस ने अतिक्रमण हटाने के लिए 50 बुलडोजर और 50 डंपर-25 हिताची मशीन का इस्तेमाल किया. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 3000 पुलिस जवानों की तैनाती की गई. क्राइम ब्रांच, SOG, साइबर क्राइम की टीमें भी इलाके में तैनात रहीं. 20 मई से बड़ी कार्रवाई शुरू की गई थी. झील के लगभग 2.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में बने 8,500 छोटे-बड़े मिट्टी और कंक्रीट के मकानों ध्वस्त कर दिए गए. इससे पहले, 20 और 30 अप्रैल को अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान चलाया गया था. तब करीब 3,000 अवैध मकान तोड़े गए थे.
चंडोला झील का यह इलाका 1200 हेक्टेयर में दानिलिमडा, इसनपुर और शाह-ए-आलम जैसे इलाक़ों में फैला हुआ है. पूरा इलाका आपराधिक गतिविधियों के लिए भी कुख्यात है. इलाके में इतनी छोटी-संकरी गलियां थीं कि साइकिल पर भी कोई नहीं गुजर सकता था. अवैध घुसपैठियों ने तालाब के ऊपर भी बांस-बल्लियों के जरिये कमरे बना लिए थे. बांग्लादेशी घुसपैठियों के चलते आसपास के भारतीय मुसलमानों को भी खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. पिछले 13 साल में यहां पर तेजी से अतिक्रमण बढ़ा.
गुजरात हाईकोर्ट ने ठुकरा दी थी याचिका
चंडोला तालाब क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर एक्शन को रुकवाने के लिए गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने खारिज की कर दी थी. याचिका में कहा गया था कि कानूनी प्रक्रिया और नियमों का पालन किए बिना तोड़फोड़ की जा रही है. याचिकाकर्ताओं ने यह भी दावा किया था कि यहां रहने वालों के बांग्लादेशी होने के ठोस सबूत नहीं हैं.
लल्ला बिहारी ने बसाया था अवैध बांग्लादेशियों को
चंडोला झील क्षेत्र में अवैध बांग्लादेशियों को मूल रूप से अजमेर का रहने वाला लल्ला बिहारी ने बसाया था. वह पैसे लेकर यहां अवैध बांग्लादेशियों को बसाता था. लल्ला बिहारी ने यहां शेड वाले छोटे कमरे, दुकानें और गोदाम बनवाए. वह उन्हें किराए पर उठाता था. बांग्लादेशियों के लिए छोटे-मोटे काम धंधे का इंतजाम भी करता था. परिवारों को बसाने के लिए 10-12 लाख रुपये लेता था. इस पैकेज में बांग्लादेशियों के लिए रहने से लेकर उनके फर्जी डॉक्यूमेंट्स भी तैयार करवाता था.
अहमदाबाद नगर निगम ने घोषणा की है कि साढ़े सात हज़ार रुपये देकर सरकारी आवास योजना के तहत वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. बुलडोजर कार्रवाई के बाद बेघर हुए लोगों के लिए 3,800 आवास इकाइयों हेतु फॉर्म भी वितरित किए गए.
An accomplished digital content creator and Planner. Creating enhanced news content for online and social media. Having more than 10 years experience in the field of Journalism. Done Master of Journalism from M...और पढ़ें
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