Agency:आईएएनएस
Last Updated:February 23, 2025, 08:15 IST
Kolkata RG Kar Doctor Rape Case: आरजी कर मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर बेटी की हत्या और रेप के बाद पिता को न्याय नहीं मिला. मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. उन्होंने पीएम मोदी से मिलने की ...और पढ़ें
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डॉक्टर बेटी की हत्या पर पिता का दर्द, ममता बनर्जी सरकार पर सवाल
Kolkata RG Kar Doctor Rape Case: डॉक्टर बेटी की अस्पताल में हत्या हुई. उसकी अस्मत को तार-तार किया गया. उसके लिए पूरा देश सिहर उठा. बावजूद इसके उस बेटी का बाप इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहा है. उसे न तो बेटी की रेप-हत्या का इंसाफ मिला है और न ही प्रमाण पत्र. जी हां, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल की डॉक्टर बिटिया के पिता का दर्द एक बार फिर छलका है. जूनियर डॉक्टर की पिता के आरोपों से एक बार फिर ममता बनर्जी की सरकार और उनके प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं. डॉक्टर बिटिया के पिता मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं.
दरअसल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दरिंदगी का शिकार हुई ट्रेनी महिला डॉक्टर के पिता ने गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़िता के पिता का कहना है कि उनकी बेटी की मृत्यु के बाद अस्पताल से मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने में उन्हें अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल के अधिकारियों ने कई बार उन्हें यह कहा कि प्रमाण पत्र जल्द ही जारी किया जाएगा, लेकिन महीनों बीतने के बावजूद उन्हें अब तक मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं मिला.
पीड़िता के पिता ने बताया कि उन्होंने शुरुआत में अस्पताल के एमएसवीपी से संपर्क किया और मृत्यु प्रमाणपत्र की मांग की. उन्होंने कहा कि ठीक है, मैं आपको दे दूंगा. लेकिन उन्होंने छह महीने तक यही कहा. इसके बाद मैंने एमएसवीपी को लिखित सूचना दी. उन्होंने कहा कि जब मैंने फिर से संपर्क किया तो एमएसवीपी ने कहा कि वह मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं जारी कर सकते. इसके बाद उन्हें संबंधित ब्योरे के लिए दफ्तर जाने की सलाह दी गई. 20-21 दिन बीतने के बाद, मुझे यह बताया गया कि विशेष अनुमति से स्वास्थ्य विभाग से सोमवार को प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. इस पर मैंने कहा कि अगर सोमवार तक प्रमाणपत्र नहीं मिला, तो मुझे लिखित कारण बताना होगा कि क्यों नहीं दिया जा सका.
उन्होंने कहा कि कोर्ट में जब वकील ने मृत्यु प्रमाणपत्र के बारे में पूछा तो अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने मृत्यु सूचना प्रमाण पत्र दिया था, लेकिन यह स्वीकार किया कि कोई मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं जारी किया गया. वह कोर्ट में एक बात कहते हैं और बाहर आकर दूसरी बात करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि 9 अगस्त को जब वह अस्पताल पहुंचे, तब उन्हें तीन घंटे तक अस्पताल में अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई.
उन्होंने आगे कहा, ‘मेरी बेटी उस समय जीवित थी. उन्हें मेरी बेटी के मरने का इंतजार था और फिर हमें अंदर भेजा गया. मुझे लगता है कि उन्होंने उस समय मेरी बेटी को मृत घोषित नहीं किया था और इसलिए मुझे मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं दिया.’ पीड़िता के पिता ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की इच्छा जताई है. उन्होंने कहा कि वह इस घटना के बारे में प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से बात करना चाहते हैं ताकि उन्हें न्याय मिल सके और इस तरह की घटना भविष्य में न घटे.
Location :
Kolkata,West Bengal
First Published :
February 23, 2025, 08:15 IST