Last Updated:August 27, 2025, 08:06 IST
Data Protection Bill : भारत सरकार जल्द ही नया डाटा संरक्षण कानून लागू कर रही है, जिसका मकसद रिटेल स्टोर और दुकानदारों पर ग्राहकों के मोबाइल नंबर मांगने पर रोक लगाएगा. अभी रिटेल स्टोर इसे एकत्र करके बेच सकते ...और पढ़ें

नई दिल्ली. मॉल या रिटेल स्टोर में नमक की पैकेट भी खरीदने जाओ तो पहले आपका मोबाइल नंबर मांग लिया जाता है और फिर लाखों कस्टमर के इस नंबर को रिटेल कंपनियां उठाकर करोड़ों रुपये में बेच देती हैं. लेकिन, अब ऐसा नहीं चलेगा और रिटेल स्टोर सहित लगभग हर जगह ग्राहकों से मोबाइल नंबर मांगने पर रोक लगेगी. इसके लिए सरकार नया डाटा संरक्षण कानून लागू किया जाएगा. इससे आपके मोबाइल नंबर को सुरक्षित बनाया जा सकेगा और हर जगह इसके बांटने पर भी रोक लगेगी.
सरकार नया डाटा संरक्षण लागू करने जा रही है, जिसके बाद रिटेलर्स एंटरप्राइजेज अगर ग्राहकों से उनका मोबाइल नंबर मांगते हैं तो यह नियम का उल्लंघन माना जाएगा. अभी दुकानदार और रिटेल स्टोर वाले बिलिंग काउंटर पर ग्राहक से उनका मोबाइल नंबर जरूर मांगते हैं, ताकि उन्हें किसी लॉयल्टी स्कीम में शामिल किया जा सके या बिल मोबाइल पर भेजा जा सके. ग्राहक भी इसे जरूरी मानकर अपना मोबाइल नंबर दे देते हैं. लेकिन, मौजूदा कानून के तहत यह उल्लंघन माना जाएगा, क्योंकि सार्वजनिक स्थानों पर किसी का मोबाइल नंबर लेना इस कानून के तहत डाटा संरक्षण के हितों का उल्लंघन करता है.
क्या होगा इसका विकल्प
नया डाटा संरक्षण कानून प्रभावी होने के बाद इस तरह की प्रैक्टिस पर लगाम कसेगी और लॉयल्टी सिस्टम बाधित होगा. इसकी जगह पर कीपैड एंट्री जैसे सिस्टम लागू किए जा सकते हैं, जो गोपनीयता और सुरक्षा को बनाए रखने में कारगर होंगे. कानून इस बात का भी प्रावधान करता है कि उनका डाटा क्यों लिया जा रहा और कितने समय के लिए लिया जा रहा है, इसे कब हटाया जाएगा. इन सभी बातों की जानकारी अब ग्राहक को देना जरूरी होगा. अप्रत्यक्ष सहमति अब नहीं मानी जाएगी और किसी भी प्रकार की सहमति पूरी तरह स्पष्ट होनी चाहिए.
सर्विस से मना नहीं कर सकेंगे दुकानदार
नए डाटा संरक्षण कानून में स्पष्ट कहा गया है कि अगर कोई ग्राहक अपना मोबाइल नंबर साझा नहीं करना चाहता तो दुकानदार भी उसे सर्विस देने से इनकार नहीं कर सकता है. अभी मोबाइल नंबर नहीं देने पर रिटेल स्टोर वाले मना कर देते हैं. बिल भेजने के लिए रिटेलर्स को भौतिक रसीद या ईमेल पर रसीद भेजने जैसे विकल्प भी देने होंगे. इतना ही नहीं ग्राहकों से एकत्र किए गए डाटा की पुन: बिक्री पर भी रोक लगाई जाएगी, जो अभी धड़ल्ले से हो रही है.
कहां तक पहुंचाना कानून बनाने का काम
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) अधिनियम, 2023 डेटा गोपनीयता के लिए प्रमुख कानून है. अगस्त 2025 तक इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने अधिनियम के संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए डीपीडीपी नियम, 2025 का मसौदा जारी किया है. फोन नंबर जैसे व्यक्तिगत डेटा को केवल मूल उद्देश्य की सेवा के लिए आवश्यक अवधि के लिए अंतिम उपयोगकर्ता इंटरैक्शन से तीन साल तक या नियमों में दी गई डेडलाइन की अवधि तक रख सकेगा. एक बार उद्देश्य पूरा हो जाने या सहमति वापस ले ली जाने पर रिटेल स्टोर और अन्य दुकानदारों को डाटा हटाना होगा.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 27, 2025, 08:06 IST