हाइलाइट्स
हिन्दू संत चिन्मय कृष्ण दास जेल में बंद हैंचिन्मय कृष्ण दास की तबीयत बेहद खराब हैमोहम्मद यूनुस सरकार पर गंभीर आरोप लग रहे हैं
ढाका. बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपदस्थ करने के बाद से पड़ोसी देश में हिंसा और लूटपाट का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. अराजकता का माहौल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अल्पसंख्यकों का जीना दुश्वार हो चुका है. खासकर हिन्दुओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है. उनकी संपत्तियों को लूटा जा रहा है और महिलाओं के साथ बर्बरता की जा रही है. आवाज उठाने वाले हर शख्स को जेल के अंदर ठूंस दिया जा रहा है. संत चिन्मय कृष्ण दास भी ऐसा ही नाम है, जिनपर बेइंतहा जुल्म ढाए जा रहे हैं. हिन्दू अल्पसंख्यकों के पक्ष में आवाज उठाने पर उन्हें गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि वह गंभीर रूप से बीमार हैं, लेकिन उनका समुचित इलाज नहीं कराया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार, जेल में बंद हिन्दू संत चिन्मय कृष्ण दास की तबीयत बेहद खराब है. बांग्लादेश में सक्रिय हिन्दू संगठनों का कहना है कि चिन्मय कृष्ण दास जेल में गंभीर रूप से बीमार हैं, लेकिन बांग्लादेश सरकार उनका सही से इलाज नहीं करवा रही है. हिन्दू संगठनों ने समुदाय के लोगों से अपील की है कि वे 1 जनवरी 2025 को सभी मंदिरों में चिन्मय कृष्ण दास के अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूजा करें. बता दें कि बांग्लादेश में सैकड़ों हिन्दू लोगों की संपत्तियों को तबाह कर दिया गया है. उनके घर-मकान के साथ ही दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया गया है. अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के खिलाफ हिंसा करने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. इसके बावजूद मोहम्मद यूनुस की अगुआई वाली अंतरिम सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है.
हिन्दुओं के लिए उठाई आवाज तो मिली जेल
बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ जारी अत्याचार को लेकर संत चिन्मय कृष्ण दास ने आवाज उठाई थी. इसके बाद उन्हें 25 नवंबर 2024 को गिरफ्तार कर जेल में ठूंस दिया गया. उनपर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया है. अब जेल में उनकी तबीयत खराब हो गई है. हिन्दू संगठन बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत ने बताया कि चिन्मय कृष्ण दास की हालत खराब है. बताय जाता है कि चिन्मय कृष्ण दास को दो बार अस्पताल में भर्ती भी कराया गया है. इसके बावजूद वह स्वस्थ नहीं हो पा रहे हैं.
कौन हैं संत चिन्मय कृष्ण दास?
चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के ISKCON मंदिर के प्रमुख हैं. वहां ISKCON मंदिर को पुंडरीक धाम के नाम से भी जाना जाता है. पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्ण दास का पूरा नाम चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी है. पहले इनका नाम चंदन कुमार धर था. संत चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता भी हैं. उनकी अगुवाई में ही चटोग्राम रैली में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए आवाज उठाई गई थी. वह लगातार हिंदुओं से जुड़े मुद्दे उठाते रहते हैं. शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद चिन्मय कृष्ण दास ने हिंदुओं को एकजुट करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. एक रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में ISKCON के 77 से अधिक मंदिर हैं और 50,000 से अधिक लोग इससे जुड़े हुए हैं. संत चिन्मय दास का संबंध अंतरराष्ट्रीय कृष्ण चेतना समाज से भी है. वह इस्कॉन के प्रवक्ता भी रह चुके हैं.
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FIRST PUBLISHED :
December 29, 2024, 23:33 IST