म्यांमार के'जामताड़ा' में फंसे भारतीय, शानदार नौकरी के बहाने बुलाकर करवा रहे थे गलत 'धंधा'

1 month ago

Myanmar Cybercrime Hub: भारत के राज्य झारखंड में मौजूद 'जामताड़ा' के बारे में बारे में तो आपने कई बार सुना होगा. जहां 'भारत की साइबर ठगी की राजधानी' के तौर पर भी जाना जाता है. यह इलाका साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों के लिए जाना जाता है. यहां से कई लोग फ़ोन कॉल के जरिए लोगों को बैंक अधिकारी या अन्य सरकारी अधिकारी बनकर ठगते हैं और उनके बैंक अकाउंट, एटीएम कार्ड, ओटीपी जैसी संवेदनशील जानकारी हासिल करके पैसे उड़ा लेते हैं. एक ऐसा ही मामला अब म्यामांर में सामने आया है. 

70 भारतीयों को बचाया

म्यांमार के म्यावाड़ी इलाके में मौजूद एक साइबर अपराध सेंटर से लगभग 70 भारतीयों को बचाया है, जिमें पांच महिलाएं भी शामिल हैं. म्यांमार की सेना और बॉर्डर गार्ड फोर्स (BGF) ने KK पार्क पर छापा मारा जो ऑनलाइन धोखाधड़ी का अड्डा माना जाता है. बचाए गए लोगों को थाईलैंड के बॉर्डर पर मौजूद सॉट शहर में ले जाया गया है.

भारत में कहां-कहां के लोगों को बचाया गया

थाईलैंड में भारतीय अधिकारी हालात पर नजर रख रहे हैं और इन लोगों को जल्द भारत लाने की कोशिश कर रहे हैं. बचाए गए लोगों में लगभग 15 गुजरात से, 20 राजस्थान से, 5 आंध्र प्रदेश से, 2 तेलंगाना से और कुछ लोग पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और कर्नाटक के बताए जा रहे हैं. पांच महिलाएं गुजरात और महाराष्ट्र की हैं.

भारत समेत कई देशों के नागरिक शामिल

रिपोर्टस में बताया जा रहा है कि जिनमें कहा गया था कि भारतीयों समेत कई विदेशी नागरिकों को अपराधी गिरोह जबरन साइबर धोखाधड़ी करने पर मजबूर कर रहे थे. खासतौर पर इन गिरोहों का संबंध चीन से जुड़े साइबर अपराधियों से बताया जाता है. पहले BGF पर आरोप था कि वह चीनी क्राइम नेटवर्क के साथ मिलकर काम कर रही है, लेकिन अब उसने ऐसे अपराधियों पर कार्रवाई का वादा किया है. इस छापे में कुछ संदिग्ध आयोजकों को गिरफ्तार किया गया है.

लगभग 2 हजार भारतीय शामिल

यह घटना फिर से दिखाती है कि कैसे भारतीयों को कंबोडिया, लाओस और म्यांमार जैसे देशों में आकर्षक सैलरी और अच्छे लाभ देने का झांसा देकर ले जाया जाता है, लेकिन वहां उनसे जबरन साइबर अपराध करवाया जाता है. बताया जा रहा है कि इसमें लगभग दो हजार भारतीय शामिल हैं.

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