Last Updated:March 26, 2025, 19:06 IST
ATAGS GUN FOR ARMY: कारगिल की लड़ाई के बाद कभी एसा मौका ही नही आया जब तोपों का इतने बड़े पैमाने में इस्तेमाल किया गया हो. भविष्य में ऐसा नहीं होगा यह कहना गलत है. लेहाजा लेकिन दो तरफा लड़ाई की नौबत आने पर हमारी...और पढ़ें

48 किलोमीटर करता है मार.. LAC-LOC पर तैनाती के लिए तैयार
हाइलाइट्स
भारतीय सेना ने 307 नई ATAGS तोपों की खरीद की.ATAGS तोपें 48 किमी तक मार करने में सक्षम हैं.तोपों का उत्पादन भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स करेगी.ATAGS GUN FOR ARMY: भारत टू फ्रंट वॉर की संभावनाओं के तहत अपनी ताकत में इजाफा कर रहा है. भारतीय सेना अपनी आर्टेलरी रेजिमेंट की आधुनिकिकरण के दौर से गुजर रही है. इसके लिए स्वदेशी तोप की खरीद पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है.इसी कड़ी में बुधवार को रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदी में सेना के लिए 6900 करोड़ रुपये की डील भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के साथ साइन हुई. इस कीमत से 307 ATAGS यानी एडवांसड टोड आर्टीलरी गन सिस्टम और इन गन सिस्टम को खींच कर ले जाने वाली 327 हाई मोबिलिटी 6X6 वेहिकल की खरीद पर दस्तखत हुए.
स्वदेशी ATAGS चीन पाकिस्तान सीमा पर होंगे तैनात
सेना की ताकत को इजाफा करने के लिए सरकार फास्ट ट्रैक मोड पर खरीदारी में जुटी है. हफ्ते पहले ही केंद्र सरकार की केबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने भारतीय सेना के लिए ATAGS यानी एडवांसड टोड आर्टीलरी गन सिस्टम की खरीद को मंजूरी दे दी थी. और हफ्ते बाद ही डील साइन हो गई.ATAGS को देश में ही डिजाईन और डेवलप किया गया है. इनका उत्पादन प्राइवेट कंपनी भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स करेगी.307 गन के उत्पादन को दोनों कंपनियों में बांट दिया है. भारत फोर्ज लोअस्ट बिडर था तो उसे 60 फीसदी तोप डिलिवर करनी है. टाटा एजवांस्ड को 40 फीसदी का निर्माण करना है.
ATAGS की मार 48 Km पार
दुनिया में ATAGS ही ऐसे तोप है जो 48 किलोमीटर दूर तक मार करती है. यानी की दुनिया की सबसे ज्यादा रेंज वाली तोप बन गई है. 155 mm 52 कैलिबर की इस तोप से 15 सेकंड में 3 राउंड गोले दागे जा सकते है. 3 मिनट में 15 राउंड गोले और लगातार 60 मिनट में 60 राउंड गोले दाग सकती है. हर मौसम में इस्तेमाल में लाए जाने के लिए इसे डिजाइन किया गया है. इसके परिक्षण पोखरण के रेगिस्तान से लेकर लद्दाख और सिक्किम की पहाड़ियों के इलाकों पर ट्रायल किया गया. सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद अब सेना के लिए खरीदी जा रही है.
कारगिल की जंग के बाद शुरू हुआ ट्रांसफॉर्मेशन
1999 में शुरू हुए सेना के आधुनिकीकरण प्लान में आर्टीलरी तोपें सबसे अहम था. आने वाले समय में जंग उंची पहाड़ियों पर ही लड़ी जानी है. जिसके पास जितनी ताकतवर तोप होगी जंग के नतीजे उसी ओर झुक जाएगा. सेना अपनी सभी छोटी कैलिबर की तोप को 155 mm तोप से बदला जा रहा है. साल 2027 तक 2800 तोपें भारतीय सेना में शामिल करने का लक्ष्य है. इसमें 155 mm की अलग अलग कैलिबर की तोपें शामिल है.
First Published :
March 26, 2025, 19:06 IST