Last Updated:January 11, 2025, 11:09 IST
Jharkhand Politics News:झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद 10 जनवरी शायद प्रदेश बीजेपी के लिए सबसे उत्साहित करने वाली तारीख रही. निराशा के भंवर में फंसी बीजेपी में आज रघुवर दास ने दूसरी बार एक्टिव पॉलिक्स में एंट्री मारी और आते ही कह दिया कि...और पढ़ें
रघुबर दास ने दोबारा भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.
हाइलाइट्स
राज्यपाल पद से इस्तीफा के बाद रघुवर दास झारखंड की राजनीति में एक्टिव हुए.झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दोबारा भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली.रांची. राजभवन का रास्ता छोड़ रघुवर दास ने एक बार फिर 10 जनवरी को अपनी दूसरी राजनीतिक पारी का आधिकारिक ऐलान कर दिया. रांची स्थित प्रदेश बीजेपी कार्यालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल रघुवर दास ने दूसरी बार पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और खुद को महज एक कार्यकर्ता बताते हुए एक्टिव पॉलिक्स में दूसरी बार एंट्री कर ली. सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम में रघुवर दास ने अपने एहसास का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी को अपनी मां बताया और कहा कि वह एक बार फिर अपनी मां के आंचल में लौट आये हैं. सियासी क्रीज पर रघुवर दास ने अपने पुराने फॉर्म दिखाते हुए कहा- We will back soon. साथ ही राज्य सरकार को पांच से छह महीने का वक्त दिया…और कहा कि जनादेश के अनुसार वादे पूरे नहीं हुए तो फिर सड़क से सदन तक आंदोलन किया जाएगा. इस दौरान पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ताओं ने उनका पा्र्टी में जोरदार स्वागत किया.
सदस्यता ग्रहण करने के समय मंच पर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, सांसद मनीष जायसवाल, आदित्य साहू, विधायक सीपी सिंह समेत पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। सदस्यता ग्रहण के बाद रघुवर दास ने प्रदेश बीजेपी कार्यालय में बकायदा एक प्रेस कॉंफ्रेंस कर अपने इरादे जाहिर कर दिए. उन्होंने खुद को महज एक कार्यकर्ता बताते हुए फिट एंड फाइटिंग भाजपा को अपना मिशन बताया. उन्होंने घुसपैठ और धर्मांतरण का मुद्दा उठाते हुए इसे राज्यहित के लिए खतरनाक बताया। जब उनसे विधानसभा चुनाव में हार की वजह पूछी गयी तब उन्होंने इशारों में कहा कि पार्टी इसकी समीक्षा और मूल्यांकन कर चुकी है और अब 2024 से सबक लेकर 2025 में नयी ऊर्जा से काम करना है.
रघुवर दास ने कहा कि पार्टी आदिवासियों को अपना वोट बैंक नहीं मानती बल्कि परिवार का हिस्सा मानती है. उन्होंने कहा कि राज्य में PFI नक्सली संगठन की गतिविधियां फिर से बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि अगर जनादेश का सम्मान नहीं हुआ तो वह सड़क से सदन तक आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे. हालांकि रघुवर दास की जिम्मेदारी क्या होगी. इस पर फिलहाल खामोशी है. लेकिन, रघुवर दास ने अपनी नयी एंट्री पर यह जाहिर कर दिया है कि उन्हें झारखंड में ही जिम्मेदारी पसंद है और अब वह बस करने वाले नहीं है.