Last Updated:August 18, 2025, 06:26 IST
India Defence News: भारत की सीमाएं एक तरफ पाकिस्तान तो दूसरी तरफ चीन से लगती हैं. पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देने के लिए कुख्यात है तो चीन की विस्तारवादी नीतियों के बारे में पूरी दुनिया जानती है. ऐसे में भा...और पढ़ें

India Defence News: भारत लगातार अपने डिफेंस सिस्टम को अपग्रेड कर रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदले सामरिक हालात में भारत की तीनों सेनाएं कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं. वहीं, सरकार भी देश की सुरक्षा में फंड की कमी नहीं आने दे रही है. देसी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के साथ ही विदेशी तकनीक और वेपन के इंपोर्ट पर भी फोकस किया जा रहा है. भारत एक तरफ जहां फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिए 5th जेनरेशन फाइटर जेट खरीदने पर विचार कर रहा है तो वहीं इंडीजेनस टेक्नोलॉजी के जरिये पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान घरेलू स्तर पर डेवलप भी किया जा रहा है. इसके लिए AMCA प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया है, जिसके लिए 15000 करोड़ रुपये का फंड जारी भी कर दिया गया है. मल्टीरोल तेजस फाइटर जेट पर भी तेजी से काम चल रहा है. अब इंडियन एयरफोर्स बड़ी प्लानिंग कर रही है. तेजस लड़ाकू विमान के Mk1A और Mk2 वैरिएंट में SCALP-EG (स्टॉर्म शैडो) लॉन्ग रेंज एयर लॉन्च्ड स्टील्थ क्रूज मिसाइल को इंटीग्रेट की प्लानिंग पर काम चल रहा है. बता दें कि SCALP-EG यह वही मिसाइल है, जिसके प्रचंड प्रहार की दहशत से पाकिस्तान अभी भी कांप रहा है.
ऑपरेशन सिंदूर में अपनी सटीक मारक क्षमता और गुपचुप घुसपैठ की क्षमता दिखाने के बाद भारतीय वायुसेना (IAF) अब SCALP-EG (Storm Shadow) लंबी दूरी की स्टील्थ एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल को अपने अन्य लड़ाकू विमानों पर भी लगाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है. अभी यह मिसाइल केवल राफेल बेड़े में शामिल है, लेकिन वायुसेना की योजना इसे स्वदेशी तेजस Mk1A और तेजस Mk2 पर भी इंटीग्रेट करने की है. इस कवायद का मकसद सीमित राफेल स्क्वॉड्रन की क्षमता बढ़ाना और पाकिस्तान व चीन के बढ़ते खतरे के बीच गहरी मारक क्षमता हासिल करना है.
SCALP मिसाइल ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपने प्रचंड प्रहार से पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था.
SCALP-EG मिसाइल का जलवा
IAF के राफेल विमानों से दागी गई SCALP-EG मिसाइल ने हालिया ऑपरेशन में पाकिस्तान की गहराई में स्थित अहम ठिकानों को तबाह किया. इनमें जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय (बहावलपुर), नूर खान (चकला) का कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर और किराना हिल्स में संदिग्ध परमाणु भंडारण स्थल शामिल थे. यह मिसाइल 560 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है और 450 किलोग्राम का वारहेड ले जाती है. स्टील्थ डिजाइन और लो-एल्टीट्यूड टेरेन-फॉलोइंग क्षमता की वजह से यह पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को चकमा देकर सीधे लक्ष्य पर सटीक प्रहार करने में सफल रही.
चीन ने भी माना इसका लोहा
भारतीय स्टार्टअप कावास्पेस और चीनी MizarVision से मिले उपग्रह आंकड़ों ने भी इस ऑपरेशन की सफलता की पुष्टि की. तस्वीरों में पाकिस्तान वायुसेना के कंट्रोल सेंटर की एचवीएसी शाफ्ट और शाहबाज (जेकबाबाद) एयरबेस के हैंगर पर सीधा प्रहार दिखाई दिया. सबसे अहम यह रहा कि मिसाइल पाकिस्तान की चीनी सप्लाई की HQ-9 सतह से हवा में मार करने वाली प्रणाली और डेटा लिंक 17 नेटवर्क को भी चकमा देने में कामयाब रही.
तेजस Mk1A और तेजस Mk2 में SCALP-EG लॉन्ग रेंज एयर लॉन्च्ड मिसाइल को इंटीग्रेट किया जाएगा. (फोटो: पीटीआई)
तेजस में इंटीग्रेशन की चुनौती
अब वायुसेना इस मिसाइल को तेजस Mk1A और Mk2 पर लगाने के लिए यूरोपीय निर्माता कंपनी MBDA के साथ बातचीत कर रही है. हालांकि, तकनीकी और लॉजिस्टिक चुनौतियां बड़ी हैं. SCALP का नेविगेशन सिस्टम (जो इनर्शियल नेविगेशन, जीपीएस, टेरेन-रेफरेंस नेविगेशन और इमेजिंग इंफ्रारेड सीकर पर आधारित है) उसे होस्ट एयरक्राफ्ट के एवियोनिक्स और वेपन मैनेजमेंट सिस्टम से पूरी तरह संगत बनाना होगा. जहां राफेल का RBE2 AESA रडार पहले से इसके अनुरूप है, वहीं तेजस Mk1A का EL/M-2052 AESA रडार और Mk2 का प्रस्तावित उत्तम AESA रडार इस एकीकरण के लिए सॉफ्टवेयर अपग्रेड और इंटरफेस मॉडिफिकेशन मांगेंगे.
क्यों है यह कदम अहम?
IAF के पास केवल 36 राफेल हैं, जबकि 83 तेजस Mk1A और लगभग 324 तेजस Mk2 के आने की योजना है. यदि स्कैल्प मिसाइल इन स्वदेशी विमानों से भी लॉन्च की जा सके, तो IAF दुश्मन के गहरे ठिकानों को निशाना बनाने में अधिक लचीली और संख्या के हिसाब से मजबूत हो जाएगी. यह विशेष रूप से अहम है, क्योंकि पाकिस्तान अब चीनी J-20 स्टेल्थ फाइटर और HQ-9 मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात कर रहा है. वहीं, चीन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपने मिसाइल भंडार को लगातार बढ़ा रहा है.
भविष्य की तस्वीर
राफेल की गिनती सीमित है, लेकिन तेजस की संख्या कहीं ज्यादा होगी. ऐसे में यदि भारत अपने स्वदेशी प्लेटफॉर्म पर भी स्कैल्प जैसे अत्याधुनिक हथियार तैनात कर देता है, तो यह फोर्स मल्टिप्लायर साबित होगा. हल्के और अपेक्षाकृत कम खर्चीले विमान भी उन मिशनों को अंजाम दे पाएंगे, जो अभी तक केवल राफेल या सुखोई-30 जैसे भारी लड़ाकू विमानों तक सीमित हैं.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 18, 2025, 06:26 IST