Last Updated:May 16, 2025, 18:23 IST
CJI Receive These Benefits and Pension After Retirement: जस्टिस संजीव खन्ना को सीजेआई के पद से रिटायर होने के बाद साल भर में 16.80 लाख रुपये पेंशन, मुफ्त टेलीफोन, 24/7 सुरक्षा, घरेलू सहायक, ड्राइवर और छह महीने ...और पढ़ें

सेवानिवृत्ति के दिन से जीवन भर के लिए घरेलू सहायक और ड्राइवर भी प्रदान किया जाता है.
हाइलाइट्स
रिटायरमेंट के बाद CJI को सालाना 16.80 लाख रुपये पेंशन मिलेगीसेवानिवृत्त CJI को 24/7 सुरक्षा. घरेलू सहायक और ड्राइवर मिलेगाछह महीने तक किराया-मुक्त टाइप-VII आवास मिलेगाCJI Receive These Benefits and Pension After Retirement: जस्टिस संजीव खन्ना मंगलवार 13 मई को भारत के मुख्य न्यायाधीश पद से रिटायर हो गए. जस्टिस संजीव खन्ना ने 11 नवंबर को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ ली थी. उनके स्थान पर जस्टिस बी. आर. गवई भारत के नए सीजेआई बने हैं. जस्टिस संजीव खन्ना का कार्यकाल लगभग छह महीने का रहा. भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने अंतिम दिन संजीव खन्ना ने कहा कि वह रिटायर होने के बाद कोई आधिकारिक पद ग्रहण नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, “मैं रिटायर होने के बाद कोई पद स्वीकार नहीं करूंगा… लेकिन शायद कानून के साथ कुछ करूंगा.”
आइए जानते हैं कि अब रिटायरमेंट के बाद जस्टिस संजीव खन्ना को कौन सी सुविधाएं मिलेंगी. केंद्र सरकार की नई अधिसूचना के बाद, जो 23 अगस्त, 2022 को संशोधित हुई है उसके अनुसार देश के सभी जीवित मुख्य न्यायाधीशों को कुछ खास सुविधाएं दी जाती हैं.
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कितनी मिलेगी पेंशन
रिटायर्ड सीजेआई को पेंशन के तौर पर जस्टिस संजीव खन्ना को हर साल 16.80 लाख रुपये मिलेंगे. सेवानिवृत्त सीजेआई या सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को आवास पर ‘मुफ़्त’ टेलीफोन के साथ-साथ मोबाइल फोन, ब्रॉडबैंड, मोबाइल डेटा या डेटा कार्ड के लिए 4,200 रुपये प्रति माह तक का भुगतान मिलता है. मुख्य न्यायाधीश को हमेशा के लिए एक दफ्तरी सहायक भी मिलता है.
आवास पर 24/7 सुरक्षा
भारत के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश को उनके आवास पर चौबीसों घंटे सुरक्षा मिलेगी. सेवानिवृत्ति की तारीख से पांच वर्षों तक 24/7 निजी सुरक्षा गार्ड की सुविधा मिलेगी. उन्हें सेवानिवृत्ति के दिन से जीवन भर के लिए घरेलू सहायक और ड्राइवर भी प्रदान किया जाएगा. सेवानिवृत्त सीजेआई और सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को हवाई अड्डों पर औपचारिक लाउंज की सुविधा मिलती है.
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किराया-मुक्त टाइप-VII आवास
सेवानिवृत्त सीजेआई को सेवानिवृत्ति की तिथि से दिल्ली में छह महीने तक (नामित आधिकारिक आवास के अलावा) किराया-मुक्त टाइप-VII आवास मिलेगा. ये आवास आम तौर पर मौजूदा सांसदों को दिए जाते हैं जो पहले केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. ये बंगले टाइप 8 बंगलों से छोटे होते हैं. इनमें तीन सर्वेंट क्वार्टर होते हैं. ये 3036 स्क्वायर फीट के होते हैं. इसमें दो गैराज और लान के साथ एक ड्राइव-वे भी होता है.
संजीव खन्ना कब बने CJI
जस्टिस संजीव खन्ना ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की जगह भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी. वह सुप्रीम कोर्ट की उन बेंचों का हिस्सा रहे हैं जिन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने सहित कई बड़े फैसले सुनाए हैं. संजीव खन्ना का जन्म 14 मई, 1960 को वकीलों के परिवार में हुआ था. उनके पिता देव राज खन्ना दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे और उनके चाचा न्यायमूर्ति हंस राज खन्ना सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे.
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पिता को उम्मीद थी सीए बनेंगे
अपने शुरुआती वर्षों में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के पिता को उम्मीद थी कि वह एक चार्टर्ड अकाउंटेंट बनेंगे. हालांकि, न्यायमूर्ति खन्ना को कथित तौर पर अपने चाचा से कानून में करियर बनाने की प्रेरणा मिली. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर में कानून की पढ़ाई की. स्नातक करने के बाद उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में करियर की शुरुआत की.
न्यायाधीश के रूप में करियर
25 जून 2005 को उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 20 फरवरी 2006 को वह स्थायी न्यायाधीश बने. दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्रों से जुड़े रहे. 18 जनवरी 2019 को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाले कॉलेजियम की सिफारिश पर न्यायमूर्ति खन्ना को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया. नवंबर 2024 में उन्होंने भारत के 51वें सीजेआई के रूप में पदभार संभाला.
Location :
New Delhi,Delhi