Last Updated:August 27, 2025, 17:47 IST
Bihar News: दिल्ली पुलिस ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग गैंग का भंडाफोड़ कर सूरज, सलीम, तालिब, रतनदीप सिंह को गिरफ्तार किया, तीन बच्चों को बचाया और एक फर्जी एजेंसी का पर्दाफाश किया है. नाबालिग लड़के की कीमत 20 हजार और लड...और पढ़ें

नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में घरेलू नौकर उपलब्ध कराने के लिए यूपी-बिहार व देश के अन्य हिस्सों से बच्चों की तस्करी के एक गिरोह का दिल्ली पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग के एक गैंग को दिल्ली पुलिस ने धर दबोचा है। आउटर नॉर्थ जिला पुलिस ने इस गिरोह से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जो नाबालिग बच्चों को घाटी में घरेलू काम और मजदूरी के लिए बेचने का धंधा कर रहे थे. पुलिस ने इस कार्रवाई में तीन मासूमों को भी छुड़ाया है, जिनमें दो किशोरियां शामिल हैं.
प्लेसमेंट एजेंसी के नाम पर अवैध धंधा
दिल्ली पुलिस के मतुताबिक जांच में सामने आया कि यह गिरोह खासतौर पर यूपी, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों से गरीब परिवारों के बच्चों को बहला-फुसलाकर दिल्ली लाता था. फिर बच्चों को बस या ट्रेन के जरिए श्रीनगर भेजा जाता, जहां उन्हें अलग-अलग एजेंसियों और परिवारों को मोटी रकम में बेचा जाता. डीसीपी आउटर नॉर्थ हरेश्वर स्वामी ने कहा, “यह बेहद संवेदनशील मामला है. हमारी कोशिश है कि और बच्चों को सुरक्षित घर वापस लाया जाए और पूरे नेटवर्क को तोड़ा जाए.”
लड़का 20 हजार, लड़की 45 हजार में
पुलिस का खुलासा है कि घाटी में लड़कों की कीमत करीब 20 हजार रुपये और लड़कियों की कीमत 45 हजार रुपये तय की जाती थी. वहां इन मासूमों से घरेलू काम, मजदूरी और कई बार बंधुआ मजदूरी तक करवाई जाती थी. आरोपियों की यह करतूत दिसंबर 2024 में दर्ज एक शिकायत से उजागर हुई, जब भलस्वा डेरी इलाके से दो बच्चियों के किडनैपिंग केस की जांच शुरू हुई.
बस अड्डो से उठाए जाते थे बच्चे
पुलिस ने बताया कि सूरज और सलीम नाम के दो आरोपी रेलवे स्टेशन और बस अड्डों से बच्चों को उठाकर उन्हें कश्मीर ले जाते थे. वहां पहुंचकर वे इन्हें बेच देते. सलीम का अपना एक नेटवर्क भी था, जो “VA मैनपावर” नाम की फर्जी एजेंसी चलाता था. पुलिस की 20 सदस्यीय टीम पांच दिन श्रीनगर में रुकी और वहां से एक और 16 वर्षीय लड़के को बरामद किया, जो गाज़ियाबाद से लापता था. गिरफ्तार आरोपियों में सूरज, सलीम, तालिब और रतनदीप सिंह शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि यह गिरोह बड़े पैमाने पर बच्चों की तस्करी में शामिल था और अब इसके नेटवर्क को खंगाला जा रहा है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
August 27, 2025, 17:42 IST