Last Updated:June 13, 2025, 07:21 IST
Ahmedabad Air India Plane Crash: अहमदाबाद में 12 जून 2025 को एयर इंडिया का बोइंग 787-8 टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 242 में से केवल एक व्यक्ति बचा. हादसे का कारण पक्षियों का इंजन में टकराना ...और पढ़ें

लैंडिंग से ठीक पहले इस प्लेन के दोनों इंजन बर्ड हिट के चलते फेल हो गए थे. (एआई इमेज)
हाइलाइट्स
एयर इंडिया का बोइंग 787-8 अहमदाबाद में क्रैश हुआ.242 में से केवल एक व्यक्ति जीवित बचा.दुर्घटना का कारण पक्षियों का इंजन में टकराना हो सकता है.Ahmedabad Air India Plane Crash: 12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर प्लेन टेकऑफ के तुरंत बाद शहर के मेघानी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में 242 लोगों में से केवल एक व्यक्ति जीवित बचा, जबकि 232 यात्री और 10 चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई.
संकेत हैं कि इस दुर्घटना का कारण पक्षियों का इंजन में टकराना हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप इंजन में खराबी आई और प्लेन क्रैश हो गया. यह घटना हमें 2009 में हुई एक एक ऐसे ही एयर क्रैश की याद दिलाती है, जिसे ‘मिरेकल ऑन द हडसन’ के नाम से जाना जाता है. उस घटना में यूएस एयरवेज की फ्लाइट 1549 ने पक्षियों के टकराने के कारण दोनों इंजनों की शक्ति खो दी थी. हालांकि, पायलट की सूझबूझ ने सभी पैसेंजर्स की जान बचा ली थी.
जब बंद हो गए प्लेन को दोनों इंजन
15 जनवरी 2009 को यूएस एयरवेज की फ्लाइट 1549 ने न्यूयॉर्क के लागार्डिया एयरपोर्ट से नॉर्थ कैरोलिना के लिए उड़ान भरी थी. उड़ान भरने वाला प्लेन एयरबस A320 था. टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद प्लेन बर्ड हिट का शिकार हो गया. प्लेन से कनाडाई गीज़ (हंसों) के झुंड से टक्कर गया. इस टक्कर के कारण प्लेन के दोनों इंजनों ने काम करना बंद कर दिया. उस समय प्लेन में 150 यात्री और 5 चालक दल के सदस्य सवार थे. स्थिति बेहद गंभीर थी, क्योंकि प्लेन कम ऊंचाई पर था और आसपास कोई एयरपोर्ट लैंडिंग के लिए उपयुक्त नहीं था.
पायलट ने 155 जिंदगियों को बचाने के लिए प्लेन को हडसन रिवर में लैंड करा यिदा था. (फाइल फोटो)
प्लेन के कैप्टन ने लिया बड़ा फैसला, और फिर…
कैप्टन चेस्ली ‘सली’ सलेनबर्गर और को-पायलट जेफ्री स्काइल्स ने तुरंत फैसला लिया कि वे प्लेन को हडसन नदी पर उतारेंगे. यह एक अत्यंत जोखिम भरा निर्णय था, क्योंकि पानी पर प्लेन की लैंडिंग बहुत कम सफल होती है. सलेनबर्गर ने पैसेंजर्स को ‘ब्रेस फॉर इम्पैक्ट’ के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया. करीब 3:30 बजे प्लेन ने हडसन नदी पर सफल लैंडिंग की. प्लेन का पिछला हिस्सा पहले पानी से टकराया, जिससे उसमें छेद हो गया और पानी अंदर घुसने लगा, लेकिन प्लेन तैरता रहा.
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सुरक्षित बचा लिए गए सभी पैसेंजर
लैंडिंग के बाद, चालक दल ने तुरंत पैसेंजर्स को निकालने की प्रक्रिया शुरू की. पैसेंजर प्लेन के पंखों पर खड़े हो गए, जबकि कुछ राफ्ट्स पर सवार हुए. न्यूयॉर्क वॉटरवे की फेरी, पुलिस की नावें, फायरबोट्स और कोस्ट गार्ड की नावें कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंच गईं और सभी 155 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया. इस घटना में कोई मौत नहीं हुई, हालांकि 5 लोग गंभीर रूप से घायल हुए. न्यूयॉर्क के तत्कालीन गवर्नर डेविड पैटरसन ने इसे “मिरेकल ऑन द हडसन” का नाम दिया, और नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) ने इसे “प्लेनन इतिहास की सबसे सफल डिचिंग” करार दिया.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
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