Last Updated:April 06, 2025, 08:02 IST
Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन बिल के समर्थन की वजह से बीजेडी दोफाड़ होने की स्थिति में पहुंच गई है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रताप जेना ने सस्मित पात्रा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग क...और पढ़ें

वक्फ बिल के समर्थन की वजह से बीजेडी में बवाल मचा हुआ है.
हाइलाइट्स
वक्फ बिल पर बीजेडी में मतभेद उभरे.पूर्व मंत्री प्रताप जेना ने सस्मित पात्रा पर कार्रवाई की मांग की.बीजेडी की छवि को नुकसान पहुंचने का खतरा.Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन बिल के समर्थन को लेकर एनडीए की सहयोगी जेडीयू में भगदड़ के बाद बीजेडी भी इस मसले पर दो फाड़ हो गई है. राज्यसभा में इस विधेयक को मंजूरी दिलाने में इस पार्टी के सांसदों की भूमिका काफी अहम रही. हालांकि बीजेडी अपने गृह राज्य ओडिशा में भाजपा के विरोध में खड़ी है. शनिवार को पार्टी के पूर्व मंत्री प्रताप जेना ने बीजेडी के राज्यसभा फ्लोर लीडर सस्मित पात्रा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की. जेना ने पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया कि वक्फ बिल पर पार्टी के आखिरी मिनट में बदले गए रुख के पीछे साजिश है. उन्होंने सस्मित के उस सोशल मीडिया पोस्ट पर सवाल उठाया, जिसमें सस्मित ने कहा था कि बीजेडी के राज्यसभा सांसद इस बिल पर अपनी अंतरात्मा की आवाज के आधार पर फैसला ले सकते हैं. सस्मित ने यह पोस्ट तब किया जब पार्टी महीनों से कहती आ रही थी कि वह राज्यसभा में इस विधेयक का विरोध करेगी.
गुरुवार को राज्यसभा में बहस के दौरान बीजेडी सांसद मुजिबुल्ला खान ने बिल का विरोध किया था. राज्यसभा में बीजेडी के सात सांसदों में से दो अल्पसंख्यक समुदाय से हैं- खान इकलौते मुस्लिम सांसद हैं, जबकि सस्मित पात्रा ईसाई समुदाय से आते हैं. जेना ने कहा कि आखिरी वक्त में फैसले में बदलाव समझ से परे है. हमारी पार्टी हमेशा से धर्मनिरपेक्ष रही है और यह साफ था कि हम वक्फ बिल का विरोध करेंगे. बीजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रफुल्ल समल ने भी सस्मित के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
सांसदों में मतभेद
बीजेडी के राज्यसभा सांसद देबाशीष समंतराय ने भी पार्टी नेतृत्व के सलाहकारों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि नवीन पटनायक ने दो बार साफ कहा था कि हम बिल का विरोध करेंगे. जिन लोगों ने आखिरी मिनट में यह बदलाव सुझाया, वे पार्टी के हित में काम नहीं कर रहे थे. समंतराय ने किसी मुख्य सलाहकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, लेकिन उसका नाम नहीं लिया. उनका कहना था कि सस्मित को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि उन्होंने नेतृत्व के निर्देशों का पालन किया होगा. लेकिन इस बदलाव ने पार्टी को शर्मिंदगी में डाल दिया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक सस्मित पात्रा इस वक्त उज्बेकिस्तान में एक अंतर-संसदीय संघ की बैठक में हिस्सा लेने गए हैं. इसलिए जेना के आरोपों पर उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी. शुक्रवार को उन्होंने कहा था कि वे पार्टी नेतृत्व के निर्देशों का पालन कर रहे थे. जेना के पत्र पर बीजेडी प्रवक्ता लेनिन मोहंती ने कहा कि हम हमेशा से धर्मनिरपेक्षता का सम्मान करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे.
जेडीयू में भी बवाल
बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में वक्फ बिल को लेकर हुए बवाल के बाद बीजेडी दूसरी पार्टी हैं जिसके अंदर भी विवाद गहराया है. जेडीयू के कई अल्पसंख्यक नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. बीजेडी में इस मुद्दे पर एकजुटता की कमी साफ दिख रही है. पार्टी के भीतर कुछ नेताओं का मानना है कि आखिरी मिनट में बदला गया फैसला बीजेडी की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है, जो लंबे समय से धर्मनिरपेक्षता और अल्पसंख्यक हितों की रक्षा का दावा करती रही है. जेना और समल जैसे वरिष्ठ नेताओं का सस्मित पर हमला इस बात का संकेत है कि पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ रहा है.
वक्फ बिल को लेकर बीजेडी का रुख शुरू से ही चर्चा में रहा है. पार्टी ने पहले इसे अल्पसंख्यक समुदाय के हितों के खिलाफ बताते हुए विरोध की बात कही थी. लेकिन राज्यसभा में बहस और वोटिंग के दौरान अचानक आए बदलाव ने सबको हैरान कर दिया. अब यह देखना होगा कि नवीन पटनायक इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या सस्मित पात्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है. बीजेडी के लिए यह एक ऐसा मौका है, जब उसे अपनी एकता और साख को फिर से साबित करना होगा.
First Published :
April 06, 2025, 08:02 IST