नई दिल्ली. हरियाणा के रेवाड़ी के प्राणपुरा में जन्मे विकास यादव अब संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) द्वारा गुरपवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में वांछित हैं. अमेरिकी अभियोग पत्र में कहा गया है कि 39 साल के पूर्व भारतीय सरकारी कर्मचारी विकास यादव को ‘विकास’ और ‘अमानत’ के उपनाम से भी जाना जाता है. अमेरिकी एजेंसी एफबीआई के अभियोग पत्र में कहा गया कि विकास यादव भारत का नागरिक और निवासी है. वह काफी समय भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत था. जिसमें भारत की विदेशी खुफिया सेवा, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का मुख्यालय है.
रॉ कैबिनेट सचिवालय की एक शाखा है. अमेरिकी अभियोग में कहा गया है कि विकास यादव ने अपना पद ‘वरिष्ठ फील्ड ऑफिसर’ बताया है. जिसकी जिम्मेदारी ‘सुरक्षा प्रबंधन’ और ‘खुफिया’ है…उसने अपने नियोक्ता का पता नई दिल्ली में सीजीओ कॉम्प्लेक्स बताया है, जहां रॉ का मुख्यालय है. इस अभियोग पत्र में यह भी कहा गया है कि यादव भारत के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल, भारत के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में सेवा दे चुका है. अमेरिकी अभियोग में कहा गया है कि उसने वहां अपना पद ‘सहायक कमांडेंट’ के रूप में बताया है, जिसके पास 135 सदस्यों वाली कंपनी की कमान होती है.
विकास यादव पूरी तरह ट्रेंड
विकास यादव ने काउंटर इंटेलिजेंस, बैटल क्राफ्ट, हथियार और पैराट्रूपर ट्रेनिंग हासिल करने की सूचना दी है. अमेरिकी अभियोग में सैन्य वर्दी में विकास यादव की एक तस्वीर भी प्रकाशित की गई है. भारत ने कहा है कि विकास यादव ने अपनी मर्जी से काम किया होगा और उसे सेवा से निकाल दिया गया है. अमेरिका ने पहले एक बयान में कहा था कि यादव अभी भी फरार है. अमेरिकी अभियोग में दावा किया गया है कि यादव और निखिल गुप्ता (कथित तौर पर यादव द्वारा नियुक्त हत्यारा) की शुरुआती योजना कानूनी सलाह हासिल करने की आड़ में पन्नू से संपर्क करना और उसे ऐसी जगह पर फुसला कर लाना था जहां उसे आसानी से मार दिया जा सके.
पन्नू के मर्डर का प्लान लीक
फिलहाल बाद में योजना को बदलकर पन्नू को उसके घर, ऑफिस या अक्सर जाने वाले कैफे पर निशाना बनाने की थी. अमेरिका ने दावा किया कि उसने चेक गणराज्य में गुप्ता को गिरफ्तार करके हत्या की साजिश को विफल कर दिया. अभियोग में दावा किया गया है कि यादव ने गुप्ता को साजिश में शामिल किया. जिसने बदले में अमेरिका में एक आपराधिक सहयोगी से संपर्क किया, जो वास्तव में अमेरिकी अधिकारियों के साथ काम करने वाला एक गोपनीय सोर्स था. अमेरिका ने कहा कि सौदा 1,00,000 डॉलर में तय हुआ और 9 जून को यादव के एक सहयोगी के जरिये इस हत्यारे को 15000 डॉलर का एडवांस भुगतान किया गया.
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FIRST PUBLISHED :
October 18, 2024, 16:14 IST