विजयन ने केरल को बताया 'अत्यधिक गरीबी से मुक्त', तो विपक्ष ने बताया धोखाधड़ी

7 hours ago

तिरुवनंतपुरम. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को विधानसभा में घोषणा की कि राज्य से अत्यधिक गरीबी का उन्मूलन हो चुका है. विजयन ने केरल के ‘पिरवी’ या स्थापना दिवस के अवसर पर बुलाए गए सदन के विशेष सत्र में यह घोषणा की. कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने राज्य सरकार के दावे को ‘पूरी तरह से धोखाधड़ी’ करार दिया और इसके विरोध में सत्र का बहिष्कार किया.

विशेष विधानसभा सत्र शुरू होते ही राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि नियम 300 के माध्यम से मुख्यमंत्री का बयान ‘पूरी तरह से धोखाधड़ी’ और सदन के नियमों की ‘अवमानना’ है. सतीशन ने कहा, ‘इसलिए हम इसमें शामिल नहीं हो सकते और सत्र का पूरी तरह से बहिष्कार कर रहे हैं.’ विपक्ष ने इसके बाद ये नारे लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया कि यह दावा ‘धोखाधड़ी’ है और यह ‘शर्मनाक’ है.

मुख्यमंत्री ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यूडीएफ जब ‘धोखाधड़ी’ शब्द कहता है तो वह अपने ही व्यवहार की बात कर रहा होता है. उन्होंने कहा, “हम केवल वही कहते हैं जो हम लागू कर सकते हैं. हमने जो कहा था, उसे लागू किया है. विपक्ष के नेता को यही हमारा जवाब है.”

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य से अत्यधिक गरीबी उन्मूलन के साथ, केरल “कल्याणकारी पहलों की प्रयोगशाला” के रूप में राष्ट्र के सामने ऐसा नया मॉडल प्रस्तुत कर रहा है जिसका अन्य राज्य अनुकरण कर सकते हैं और लाभ उठा सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह परियोजना जनभागीदारी और विभिन्न सरकारी विभागों एवं स्थानीय निकायों के समन्वित प्रयासों से सफलतापूर्वक पूरी हुई.

विजयन ने कहा कि लगभग 62 लाख परिवारों को कल्याणकारी पेंशन, लगभग 4.70 लाख बेघर परिवारों को घर, लगभग 6,000 सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित करना, 43 लाख परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा और चार लाख परिवारों को जमीन उपलब्ध कराना जैसे उपायों से “केरल में अत्यधिक गरीबी की सीमा और तीव्रता को काफी हद तक कम करने में मदद मिली है.”

उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि ने साबित कर दिया है कि अगर लोग आगे आकर उद्देश्यपूर्ण भावना के साथ आगे बढ़ें, तो कुछ भी असंभव नहीं है. विजयन ने कहा, “लेकिन यह अंत नहीं है, यह एक नई शुरुआत है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अत्यधिक गरीबी फिर से न सामने आए. अत्यधिक गरीबी-मुक्त स्थिति को बनाए रखने के लिए अब सतर्क कार्रवाई की आवश्यकता है.”

मार्क्सवादी नेता ने कहा, “इसके लिए समय-समय पर उचित निरीक्षण किए जाने की आवश्यकता है. सरकार इसके लिए कदम उठाएगी. विभिन्न स्तरों पर गतिविधियों का खाका तैयार किया गया है.” मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य से अत्यधिक गरीबी उन्मूलन के साथ, राज्य ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा परिकल्पित सतत विकास सूचकांक में प्रगति की है.

उन्होंने कहा, “अत्यधिक गरीबी उन्मूलन की प्रक्रिया सार्वभौमिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली को लागू करने और लोगों के भूमिहीन एवं बेघर होने की स्थिति को दूर करने के लिए पहले उठाए गए कदमों की अगली कड़ी है.” विजयन ने कहा कि हालांकि इस लक्ष्य को हासिल करना कठिन था, लेकिन इसे जनभागीदारी से समयबद्ध तरीके से पूरा किया गया. उन्होंने कहा कि राज्य से अत्यधिक गरीबी उन्मूलन का निर्णय 2021 में दूसरी वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार की पहली कैबिनेट में लिया गया था.

उन्होंने कहा, “सामाजिक कल्याण योजनाओं, शैक्षणिक सुविधाओं, ग्रामीण रोजगार गारंटी और आजीविका वितरण के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि कहीं भी भूखमरी न रहे. केरल ने अत्यधिक गरीबी उन्मूलन पर 1,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं.”

विधानसभा का बहिष्कार करने के बाद विपक्षी नेताओं ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि विशेष सत्र बुलाने के लिए लाखों रुपये केवल इसलिए खर्च किए गए ताकि ‘‘अत्यधिक गरीबी उन्मूलन की घोषणा की जा सके, जिसका विज्ञापन पहले ही करोड़ों रुपये खर्च करके समाचार मीडिया में दिया जा चुका है.’’

सतीशन ने कहा, “इसलिए हमने विधानसभा का बहिष्कार किया.” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की घोषणा एक “धोखाधड़ी” है क्योंकि तिरुवनंतपुरम जिले में एक छप्पर में अकेली रहने वाली एक महिला की कथित तौर पर भूख से मौत हो गई. उन्होंने कहा, “क्या वह अत्यंत गरीब लोगों की सूची में नहीं थीं?”

सतीशन ने इस घोषणा को आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए ‘जनसंपर्क’ की प्रक्रिया बताया. उन्होंने कहा कि सदन का बहिष्कार करने का एक अन्य कारण, सबरीमला में सोना गायब होने के मुद्दे पर राज्य के देवस्वओम मंत्री वी एन वासवन के इस्तीफे और त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) को भंग करने की मांग को लेकर विपक्ष का जारी विरोध प्रदर्शन है.

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