वो क्या जानें चुप रहकर भी की जाती हैं तकरीरें..निशांत के समर्थन में लगे पोस्टर

8 hours ago

Agency:News18 Bihar

Last Updated:February 23, 2025, 08:36 IST

Bihar Politics News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की बिहार की राजनीति में एंट्री को लेकर सियासी चर्चा गर्म है.एक ओर जहां नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ऐसे किसी फैसले का स्वागत करने की बात कही ह...और पढ़ें

वो क्या जानें चुप रहकर भी की जाती हैं तकरीरें..निशांत के समर्थन में लगे पोस्टर

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने को लेकर चर्चा गर्म.

हाइलाइट्स

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री पर चर्चा.जेडीयू ऑफिस के बाहर लगे पोस्टर, निशांत से राजनीति में आने का आग्रह.तेजस्वी यादव ने किया नीतीश कुमार के बेटे निशांत का राजनीति में स्वागत

पटना. मेरी ख़ामोशियों पर दुनिया मुझ को तअन (गुस्से में सांस फुलाकर छोड़ना जिससे क्षोभ और बेबसी दिखे) देती है, ये क्या जाने कि चुप रह कर भी की जाती हैं तकरीरें (भाषण या फिर मैसेजिंग) …सीमाब अकबराबादी की यह शायरी, बिहार की राजनीति में अभी जो हो रहा है उस पर बिल्कुल सटीक बैठती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के बिहार की राजनीति में एंट्री को लेकर चर्चा गर्म है. जीतन राम मांझी, महेश्वर हजारी जैसे नेताओं के बाद अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उन्हें अपना छोटा भाई बताते उनकी पॉलीटिकल एंट्री का स्वागत करने की बात कही है. जदयू, भाजपा, राजद और कांग्रेस समेत सभी दलों के नेता इस पर लगातार अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. इन सब के बीच बड़ी बात यह कि जिनके बारे में चर्चा हो रही है, उन्होंने खुद खामोशी अख्तियार कर रखी है. जी हां, निशांत कुमार और खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रहे. शुक्रवार को जब पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों ने निशांत कुमार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने सीएम नीतीश को फिर जिताने की अपील तो की, लेकिन अपनी राजनीतिक एंट्री की चर्चा की बात को टालते हुए आगे बढ़ गए. भले निशांत कुमार कुछ न बोल रहे हों, पर पटना की सड़कों पर उनकी राजनीति में आने को लेकर अब पोस्टरबाजी भी शुरू हो गई है. जनता दल यूनाइटेड के कुछ उत्साहित कार्यकर्ताओं ने निशांत कुमार के समर्थन में बड़ा सा पोस्टर लगा दिया है और निशांत कुमार से राजनीति में आने का आग्रह किया है. इस पोस्टर में साफ तौर पर लिखा है कि- ‘बिहार करे पुकार, आइये निशांत कुमार’.

पटना के वीरचंद पटेल मार्ग स्थित जनता दल यूनाइटेड कार्यालय के बाहर लगे इस पोस्टर में निशांत कुमार से निवेदन किया गया है कि वह राजनीति में आएं और बिहार के नवनिर्माण में अपनी भूमिका निभाएं.पोस्टर में जिन जदयू कार्यकर्ताओं के नाम है, उनमें अभय पटेल, चंदन पटेल, सुनील सिंह और वरुण कुमार की तस्वीर भी साथ लगाई गई है. इन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश का जनमानस का रहा है कि बिहार को नवीं फेल नेता नहीं, बल्कि एक पढ़ा-लिखा इंजीनियर नेता चाहिए, जो राज्य का नवनिर्माण कर सके. इन लोगों ने कहा कि इसी को देखते हुए यह पोस्टर लगाया गया है और निशांत कुमार से राजनीति में आने का आग्रह किया गया है.

सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने के समर्थन में पटना जदयू कार्यालय के पास पोस्टर लगाए गए.

जदयू के इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि निशांत कुमार सिर्फ नीतीश कुमार के बेटे नहीं, बल्कि उनमें बिहार का नेतृत्व प्रदान करने की पूरी क्षमता है. जेडीयू कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि पोस्टर लगाने के लिए उन्हें किसी नेता ने नहीं कहा, बल्कि जन भावना का आदर करते हुए उन लोगों ने यह काम किया है. निशांत कुमार पिता नीतीश कुमार की तरह ही इंजीनियर हैं और उनकी सोच सकारात्मक है. उनके राजनीति में आने से बिहार का अच्छा होगा.

बता दें कि इससे पहले शनिवार को ही मंत्री विजय कुमार चौधरी ने निशांत कुमार की राजनीति में आने की खबरों पर कहा था कि यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निर्भर करता है कि वह क्या चाहते हैं. उन्होंने का नीतीश कुमार ने जनता दल यूनाइटेड को न सिर्फ बनाया है, बल्कि अपनी मेहनत से सींचा भी है. निशांत पार्टी के माध्यम से राजनीति में आएंगे या नहीं, इसका फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही करेंगे. वह जो भी तय करेंगे वह सब को स्वीकार होगा.

वहीं, इस पूरे प्रकरण पर राजनीति के जानकार इसे अलग दृष्टि से भी देखते हैं. वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार शर्मा कहते हैं कि नीतीश कुमार और निशांत कुमार, दोनों ने ही इस मुद्दे पर खामोशी बनाकर रखी है. लेकिन, यह भी जान लीजिये कि जो मैसेजिंग दी जा रही है वह किसी राजनीतिक रणनीति से कम नहीं है. निशांत कुमार को लेकर जो भी चर्चा छिड़ी है उसे ‘ऐसे ही’ वाले अंदाज में नहीं लेना चाहिये. दरअसल, नीतीश कुमार राजनीति के माहिर हैं और उन्हें समझ पाना इतना भी आसान नहीं.

First Published :

February 23, 2025, 08:36 IST

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