वो मेरी बेटी को रोज पीटता है…वारदात पर जज भी सहमे! चाहकर भी नहीं दे पाए साथ!

1 day ago

हाइलाइट्स

तेलंगाना हाईकोर्ट से बुजुर्ग ने संपर्क किया.बेटी को मारपीट से बचाने के लिए याचिका लगाई गई.पिता ने बेटी की शादी एक डॉक्‍टर से कराई थी.

नई दिल्‍ली. तेलंगाना की रहने वाली एक 84 साल की महिला ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. महिला ने जज साहब से कहा कि मेरी बेटी अपने पति के साथ अमेरिका में रहती है. दामाद पेश से डॉक्‍टर है. वो मेरी बेटी को रोज पीटता है. बुजुर्ग की फरियाद जानकर जज साहब ने भी उनके साथ अपनी पूरी संवेदनाएं दिखाई. वो इस महिला की मदद तो करना चाहते थे लेकिन कानून की बंदिशों के कारण वो ऐसा नहीं कर पा रहे हैं. याचिका को अभी खारिज नहीं किया गया है.

तेलंगाना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इस रिट पिटीशन पर विचार करने से इनकार कर दिया. बुजुर्ग चाहती थी कि अदालत पुलिस को दामाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दे. इससे पहले पुलिस ने भी बुजुर्ग की फरियाद को नहीं सुना था. जांच के दौरान पता चला कि बेटी पहले ही अमेरिका में पति के खिलाफ मारपीट के मामले को आगे बढ़ा रही है. न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी की बेंच ने याचिका की स्थिरता पर सवाल उठाए. जज साहब ने याचिकाकर्ता के वकील से यह भी पूछा कि रिट याचिका को कैसे बनाए रखा जा सकता है.

जज ने समझी बुजुर्ग की संवेदना
हाईकोर्ट ने कहा कि इस अदालत की प्रथम दृष्टया राय है कि यह रिट याचिका मेंटेन नहीं करती है. बुजुर्ग की फरियाद को देखते हुए हालांकि कोर्ट ने रिट याचिका की स्थिरता पर सुनवाई 8 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है. एसआर नगर में रहने वाले 84 वर्षीय रिटायर्ड  सरकारी कर्मचारी ने एसआर नगर पुलिस को अपने दामाद पर गंभीर आरोप लगाए. कहा गया कि वो अमेरिका के कैलिफोर्निया के न्यू जर्सी में रहता है. दामाद उनकी बेटी को परेशान कर रहा था. मारपीट से तंग आकर पत्‍नी पति से अलग रह रही है. फिर भी वो जबरन उसके घर में घुस आता है और उसे धमकाता है.

बेटी ने दूतावास से किया संपर्क
महिला का कहना है कि पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने से इनकार करना अवैध, मनमाना, अन्यायपूर्ण और संविधान के विपरीत है. इसपर जज साहब ने याचिकाकर्ता को अमेरिका में भारतीय दूतावास और अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी. इसपर उन्‍हें बताया गया कि बेटी पहले से ही अमेरिका में इस मामले को आगे बढ़ा रही है और उसने विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय महिला आयोग से संपर्क किया है. वकील ने कहा कि एक भारतीय नागरिक के रूप में उसे सुरक्षा मांगने का अधिकार है. हालांकि, न्यायाधीश इस बात से सहमत नहीं थे और उन्होंने सवाल किया कि याचिकाकर्ता पुलिस के हस्तक्षेप की मांग कैसे कर सकता है.

Tags: America News, Hyderabad News, Telangana High Court

FIRST PUBLISHED :

January 5, 2025, 10:26 IST

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