नई दिल्ली. क्या इंडिया गेट का नाम भी बदला जाएगा? दरअसल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर यह मांग की है. उन्होंने पीएम मोदी से मांग करते हुए कहा कि इंडिया गेट का नाम बदलकर ‘भारत माता द्वार’ किया जाए. इंडिया गेट को ‘भारत माता द्वार’ करने से उस स्तंभ पर दर्ज हजारों शहीद देशभक्तों के नाम को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
जमाल सिद्दीकी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा, ‘आपके नेतृत्व में भारत के 140 करोड़ भारतीय भाई-बहनों के दिल में राष्ट्र प्रेम एवं भारतीय संस्कृति के प्रति प्यार में समर्पण की भावना बढ़ी है. जिस प्रकार से आपके कार्यकाल में मुगल आक्रांता एवं लुटेरे अंग्रेजों द्वारा दिए गए घाव को भरा गया है एवं गुलामी के दाग को धोया गया है, इससे पूरे भारत में खुशी है.’
उन्होंने आगे लिखा, ‘महोदय आपने क्रूर मुगल औरंगजेब के नाम पर बनी रोड का नाम बदलकर एपीजे. कलाम रोड किया, इंडिया गेट पर लगे किंग जॉर्ज पंचम की मूर्ति हटाकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाई और राजपथ का नाम कर्तव्य पथ करके भारत की संस्कृति से जोड़ा है. उसी प्रकार से इंडिया गेट का नाम बदलकर ‘भारत माता द्वार’ करने की कृपा करें.’ उन्होंने आगे लिखा, ‘इंडिया गेट को ‘भारत माता द्वार’ करने से उस स्तंभ पर दर्ज हज़ारों शहीद देशभक्तों के नाम को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरे प्रस्ताव पर विचार कर नाम को ‘भारत माता द्वार’ करने की कृपा करें.’
इंडिया गेट की 10 खास बातें
इंडिया गेट को सर एडविन लुटियन ने डिज़ाइन किया था. इसका निर्माण 1921 में शुरू हुआ और 1931 में पूरा हुआ. यह स्मारक प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्धों में शहीद हुए 84,000 भारतीय सैनिकों की स्मृति में बनाया गया था. इंडिया गेट की ऊंचाई 42 मीटर है और यह बलुआ पत्थर से निर्मित है। इसकी वास्तुकला इंडो-यूरोपियन शैली का उदाहरण है. 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, शहीद सैनिकों की स्मृति में इंडिया गेट के नीचे अमर जवान ज्योति प्रज्वलित की गई. इंडिया गेट भारत के राष्ट्रीय स्मारकों में से एक है और स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर यह प्रमुख स्थल बनता है. इंडिया गेट के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाया गया है, जो आधुनिक भारतीय सैनिकों की बहादुरी को सम्मानित करता है. यह स्मारक पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है और हर दिन सैकड़ों लोग इसकी सुंदरता का आनंद लेने के लिए यहां आते हैं. इंडिया गेट के आसपास का क्षेत्र हरियाली से भरा हुआ है और पास में बोट क्लब भी है, जो परिवारों और बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र है. इंडिया गेट पर उन सैनिकों के नाम लिखे गए हैं जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया. रात में इंडिया गेट रोशनी से जगमगाता है, जो इसे और भी भव्य और आकर्षक बनाता है. इंडिया गेट भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक प्रतीक है, जो देशभक्ति और बलिदान की भावना को दर्शाता है.बता दें कि हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर परेड निकाली जाती है, जहां तीनों सेनाओं के कमांडर परेड निकालते हैं. इस दौरान देश के अलग-अलग राज्यों के सांस्कृतिक कार्यकर्मों की विभिन्न प्रकार की झांकियां भी देखने को मिलती हैं.
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FIRST PUBLISHED :
January 6, 2025, 19:58 IST