गुवाहाटी. असम के दीमा हसाओ जिले में सोमवार शाम से कोयला खदान में फंसे नौ मजदूरों के बचाव अभियान में अधिकारियों की सहायता के लिए भारतीय नौसेना के गोताखोरों को तैनात किया गया है. खदान में अचानक पानी भर जाने के बाद पानी का स्तर खतरनाक रूप से बढ़कर लगभग 100 फीट हो गया है. फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए विशाखापत्तनम से नौसेना के गोताखोरों को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की 30 सदस्यीय टीम और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की एक अन्य टीम की सहायता के लिए भेजा गया. इस टीम में आठ लोग शामिल हैं.
बचाव प्रयास जारी
इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कोयला खदान ‘अवैध रूप से संचालित’ हो रही थी और इस घटना की जांच के लिए खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मामले के सिलसिले में पुनीश नुनिसा नामक एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. बाढ़ की घटना के तुरंत बाद शुरू हुए बचाव प्रयासों में भारतीय सेना, असम राइफल्स और स्थानीय अधिकारियों सहित कई एजेंसियों के बीच सहयोग देखा गया है. सैपर, गोताखोर और चिकित्सा दल जैसे विशेषज्ञों को उन्नत उपकरणों के साथ साइट पर तैनात किया गया है.
सेना के इंजीनियर रात दिन जुटे
असम के दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो में खदान में फंसे खनिकों को बचाने के लिए भारतीय सेना और असम राइफल्स के गोताखोरों और इंजीनियरों वाली एक टास्क फोर्स ने दो बार गोता लगाया. एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि सेना के इंजीनियर मौजूदा वक्त में खदान से पानी निकालने और साइट पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करने में नागरिक प्रशासन की सहायता कर रहे हैं. संयुक्त बचाव प्रयास रात भर जारी रहेंगे जबकि कल सुबह फिर से तलाशी अभियान शुरू होगा.
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अब तक किसी कर्मचारी को नहीं बचाया जा सका
लगातार प्रयासों के बावजूद अभी तक फंसे हुए किसी भी कर्मचारी को बचाया नहीं जा सका है. शुरुआती रिपोर्टों से पता चला है कि जब खदान में अचानक पानी भर गया, तब लगभग 15 कर्मचारी खदान के अंदर थे, हालांकि अधिकारियों ने केवल नौ लोगों के नामों की पुष्टि की है. फंसे हुए मजदूरों की पहचान गंगा बहादुर श्रेठ, हुसैन अली, जाकिर हुसैन, सर्पा बर्मन, मुस्तफा शेख, खुशी मोहन राय, संजीत सरकार, लिजान मगर और सरत गोयरी के रूप में हुई है. प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और शुरुआती आकलन से संकेत मिलता है कि बाढ़ बिना किसी चेतावनी के आई, जिससे श्रमिक बच नहीं पाए.
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FIRST PUBLISHED :
January 7, 2025, 22:24 IST