नई दिल्ली. भारत में सोमवार को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामले सामने आने के बाद से लोगों की टेंशन बढ़ गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इसे लेकर बयान जारी किया है. उन्होंने लोगों से चिंता न करने को कहते हुए बताया कि सरकार हालात पर करीब से नजर रख रही है और चिंता की कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और देश में किसी भी सांस की परेशानी वाले मरीजों में कोई उछाल नहीं देखा गया है.
जेपी नड्डा ने एक वीडियो मैसेज में कहा कि चीन में एचएमपीवी की हालिया रिपोर्टों के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर, देश की शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान संस्था और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) चीन और अन्य पड़ोसी देशों में स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने ‘स्थिति का संज्ञान लिया है और जल्द ही रिपोर्ट हमारे साथ साझा करेगा’.
हालात पर सरकार की नजर
नड्डा ने कहा, ‘आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के पास उपलब्ध श्वसन वायरस के लिए देश के आंकड़ों की भी समीक्षा की गई है और भारत में किसी भी सामान्य श्वसन वायरस रोगजनकों में कोई उछाल नहीं देखा गया है.’ इस स्थिति की समीक्षा के लिए 4 जनवरी को डीजीएचएस की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी बैठक आयोजित की गई थी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘देश की स्वास्थ्य प्रणाली और निगरानी नेटवर्क यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क है कि देश किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौती का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार है. चिंता करने की कोई बात नहीं है, हम स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि एचएमपीवी वायरस कोई नया वायरस नहीं है. इसकी पहली बार पहचान 2001 में हुई थी और यह पूरी दुनिया में फैल रहा है. नड्डा ने कहा कि एचएमपीवी सांस के ज़रिए हवा के ज़रिए फैलता है. उन्होंने कहा कि यह सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है. यह वायरस सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीनों में ज़्यादा फैलता है.
भारत में HMPV के कितने केस
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, कर्नाटक में दो शिशु, गुजरात में एक शिशु, और तमिलनाडु में दो बच्चे HMPV से संक्रमित पाए गए हैं. ICMR ने कर्नाटक में दो HMPV मामलों का पता लगाया है.
इस वायरस के खिलाफ भारत में कैसी तैयारियां
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि HMPV का प्रचलन भारत सहित पूरी दुनिया में पहले से है और विभिन्न देशों में इससे जुड़े श्वसन रोगों के मामले सामने आते रहे हैं. ICMR पूरे वर्ष HMPV के प्रसार के रुझानों को ट्रैक करता रहेगा.
मंत्रालय ने कहा, ‘हाल ही में देशभर में किए गए तैयारी अभ्यास से यह साबित हुआ है कि भारत किसी भी संभावित श्वसन बीमारी में वृद्धि को संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार है और जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप तुरंत लागू किए जा सकते हैं.’
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FIRST PUBLISHED :
January 6, 2025, 20:59 IST