Last Updated:October 22, 2025, 07:49 IST
Bihar Chunav Valmikinagar Vidhansabha Seat : वाल्मिकीनगर से जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी दीर्घनारायण प्रसाद का विधायक बनने का सपना एक कागजी गलती से अधूरा रह गया. पेशे से शिक्षक रहे दीर्घनारायण ने जनसुराज के टिकट पर सियासत में उतरने की ठानी थी, लेकिन नामांकन पत्र की जांच के दौरान उनकी छोटी-सी लापरवाही ने पूरा खेल बिगाड़ दिया.

बेतिया. वाल्मिकीनगर के एक शिक्षक का राजनीति में कदम रखना सुर्खियां बन गया था, लेकिन बिहार विधानसभा पहुंचे के सफर का ये सपना नामांकन जांच की मेज पर ही समाप्त हो गया. जनता के बीच ‘ईमानदार उम्मीदवार’ की छवि बनाने निकले शिक्षक का यह ख्वाब अब सिर्फ अधूरी कहानी बनकर रह गया. दरअसल, पश्चिम चम्पारण के 9 विधानसभा क्षेत्रों में 25 प्रत्याशियों का नामांकन को निरस्त कर दिया गया है. इनमें वाल्मिकीनगर से जनसूराज प्रत्याशी दीर्घनारायण प्रसाद भी शामिल हैं जो शिक्षक की नौकरी छोड़कर विधायक बनने की राह पर चले थे. लेकिन, उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया. नामांकन जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण कॉलम अधूरे पाए गए जिसके चलते उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया. ऐसे में अब वाल्मिकीनगर में सियासी जंग एनडीए बनाम महागठबंधन के बीच और भी रोचक हो चली है.
नामांकन जांच के दौरान यह भी पाया गया कि दीर्घनारायण ने जो दो सेट दाखिल किए थे, उनमें कई कॉलम अधूरे थे. निर्वाचन नियमों के अनुसार, यदि किसी उम्मीदवार के दस्तावेज अपूर्ण या गलत हों तो नामांकन खारिज किया जा सकता है. इस तकनीकी गलती ने शिक्षक से जनसेवक बनने की उनकी राह रोक दी. जनसुराज का प्रत्याशी मैदान से बाहर होने के बाद मुकाबला और दिलचस्प हो गया है.
एनओसी की चूक पड़ी भारी
जिला निर्वाचन कार्यालय की जांच में सामने आया कि दीर्घनारायण प्रसाद ने शिक्षकीय पद से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति (BRS) के लिए आवेदन तो दे रखा था, मगर विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं लिया था. जब निर्वाचन अधिकारी ने दस्तावेज मांगे तो यह साफ हुआ कि उनका BRS आवेदन अभी स्वीकृत ही नहीं हुआ है. इस स्थिति में वे अब भी सरकारी कर्मचारी की श्रेणी में ही माने गए और यही उनके नामांकन के निरस्तीकरण की वजह बनी.
पूरा मामला समझिए
जानकारी के अनुसार, दीर्घ नारायण प्रसाद पूर्व में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे और उन्होंने बीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) के लिए आवेदन दिया था. लेकिन, जब निर्वाचन कार्यालय द्वारा एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) की मांग की गई तो यह स्पष्ट हुआ कि शिक्षा विभाग ने उनका बीआरएस आवेदन अभी तक स्वीकृत नहीं किया है. ऐसे में वे सरकारी कर्मचारी की श्रेणी में ही माने गए. नामांकन पत्र दो सेट में दाखिल किया गया था, लेकिन दोनों ही सेटों में कई कॉलम अपूर्ण थे.
क्या कहता है नियम
निर्वाचन नियमों के अनुसार, यदि कोई प्रत्याशी आवश्यक शर्तें पूरी नहीं करता या दस्तावेज अधूरे होते हैं तो नामांकन निरस्त किया जा सकता है. जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि वैध अभ्यर्थियों की अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे.
वाल्मिकीनगर में नया मोड़
पश्चिम चम्पारण जिले के कुल 9 विधानसभा क्षेत्रों में इस बार 25 प्रत्याशियों के नामांकन रद्द किए गए हैं. इनमें दीर्घनारायण प्रसाद का नाम भी शामिल है. उनके बाहर होने के बाद वाल्मिकीनगर की लड़ाई अब सीधे एनडीए और महागठबंधन के बीच सिमट गई है.अब इस सीट पर जेडीयू के वर्तमान विधायक धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह और कांग्रेस के उम्मीदवार सुरेन्द्र कुशवाहा के बीच सीधी भिड़ंत तय है.
निर्वाचन आयोग ने कसी कमर
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि वैध अभ्यर्थियों की अंतिम सूची जल्द जारी की जाएगी और उसके बाद चुनाव चिह्न आवंटन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. उन्होंने कहा कि निर्वाचन की सभी तैयारियां शांतिपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए पूरी कर ली गई हैं.
अब मैदान में सीधी टक्कर होगी
एक गलती ने शिक्षक से नेता बनने की पूरी कहानी बदल दी. वाल्मिकीनगर में जनसूराज के प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने के बाद एनडीए और महागठबंधन में लड़ाई आमने सामने है. दीर्घनारायण प्रसाद का नामांकन रद्द होने के बाद वाल्मिकीनगर की लड़ाई अब दो पुराने प्रतिद्वंद्वियों जेडीयू के धीरेन्द्र प्रताप सिंह और कांग्रेस के सुरेन्द्र कुशवाहा के बीच सिमट गई है.
Location :
Bettiah,Pashchim Champaran,Bihar
First Published :
October 22, 2025, 07:49 IST