शिमला. हिमाचल प्रदेश के शिमला के संजौली की मस्जिद में अवैध निर्माण गिराने के मामले में नगर निगम आयुक्त की कोर्ट में सुनवाई हुई. शनिवार को सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड जमीन के मालिकान हक को लेकर रिकॉर्ड नहीं पेश कर पाया. वहीं, उधर, अब तक इस मस्जिद के ऊपरी फ्लोर में हुए निर्माण को ही गिराया जा सका और अब अवैध निर्माण गिराने का काम पैसों की कमी के चलते रुक गया है.
शनिवार को जमीन के मालिकाना अधिकार को लेकर वक्फ बोर्ड कोर्ट में रेवेन्यू रिकॉर्ड पेश नहीं कर पाया तो वक्फ बोर्ड के वकील बीएस ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि रेवेन्यू करेक्शन को लेकर अधिकारियों से आग्रह किया जाए. वक्फ बोर्ड ने मस्जिद जमीन का रिकॉर्ड पेश करने के लिए समय की मांग की और अब अगली सुनवाई अगले साल 15 मार्च को तय की गई है.
कोर्ट में संजौली मस्जिद निर्माण कमेटी ने करीब 50 प्रतिशत अवैध निर्माण गिराने का दावा किया. इस पर कोर्ट ने 15 मार्च तक मस्जिद में अवैध निर्माण गिराकर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया. इधर, संजौली के स्थानीय लोगों की तरफ से साल 2010 में नगर निगम को शिकायत देकर मस्जिद को अवैध बताया गया है.
इससे पहले, प्रदेश हाईकोर्ट ने भी आयुक्त कोर्ट को मस्जिद की निचली दो मंजिलों पर निर्णय के लिए 20 दिसंबर का समय दिया है. अभी तक संजौली मस्जिद की तीन मंजिलों को तोड़ने के आदेश आयुक्त कोर्ट ने पहले ही दिए थे. बीते पांच अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद की तीन मंजिलें तोड़ने को स्वीकृति दी थी. उधर, मस्जिद कमेटी ने पूरा विवाद पर खुद ही अवैध निर्माण गिराने की बात कही थी और अवैध निर्माण को तोड़ना भी शुरू कर दिया था. अब तक दो मंजिलों को तोड़ा जा चुका है.
तीन मंजिलें गिराने के आदेश
संजौली मस्जिद की तीन मंजिलें गिराने के आदेश दिए गए हैं. यह अवैध रूप से बनाई गई है. गौरतलब है कि शिमला में ढाई मंजिल से ऊपर निर्माण पर रोक है. इस मस्जिद को लेकर सितंबर महीने में खासा बवाल हुआ था.
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FIRST PUBLISHED :
December 21, 2024, 13:54 IST