Last Updated:August 22, 2025, 12:42 IST
Supreme Court on Stray Dogs: दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. अब आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में नहीं रखा जाएगा. जो कुत्ते बीमार और हिंसक हैं, उन्हें छोड़कर सबको रिहा किया...और पढ़ें

Supreme Court Stray Dogs Verdict: दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखा जाएगा या खुले में रहेंगे? इस सस्पेंस से पर्दा हट गया. सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों पर अपना फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को अनिश्चितकाल तक शेल्टर होम में रखने संबंधि आदेश पर रोक लगा दी है. इसका मतलब है कि अब आवार कुत्ते शेल्टर होम में नहीं रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से डॉग लवर से लेकर हेटर तक खुश हो जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शेल्टर होम में रखे गए कुत्ते छोड़े जाएंगे. हालांकि, इसमें उन्होंने कुछ शर्तें रखी हैं. इसकी वजह से ही डॉग हेटर को राहत मिल सकती है. चलिए विस्तार में जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या है और कैसे यह डॉग लवर और हेटर दोनों के लिए राहत वाली खबर है.
सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गौर करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि आवारा कुत्ते छोड़े जाएंगे, मगर कुछ शर्तों के साथ. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शेल्टर होम में हमेशा के लिए आवारा कुत्तों को नहीं रखा जा सकता. आवारा कुत्तों पर नगर निगम की कार्रवाई जारी रहेगी. अगर किसी को कुत्ते गोद लेने हैं तो वह एमसीडी को आवेदन कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में बदलाव करते हुए कहा कि वैक्सीनेशन के बाद कुत्तों को उनके मूल इलाकों में ही छोड़ा जाएगा. अब जानते हैं कि डॉग लवर और हेटर दोनों के लिए कैसे राहत भरा है यह सुप्रीम फैसला
डॉग लवर के लिए कैसे राहत?
डॉग लवर की मांग यही थी कि आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में कैद न किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी बात मान ली. सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में साफ कर दिया कि हमेशा के लिए आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में नहीं रखा जा सकता. अब जितने भी आवार कुत्ते शेल्टर होम में रखे गए हैं, सबको रिहा किया जाएगा. हालांकि, इसमें कुछ शर्तें हैं. और यही शर्तें डॉग हेटर्स के लिए राहत वाली खबर है. डॉग लवर्स के लिए आदेश में कहा गया है कि वे खुले में कहीं भी कुत्ते को नहीं खिला सकते हैं.
डॉग हेटर के लिए क्या राहत?
डॉग हेटर आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान हैं. वे चाहते हैं कि हिंसक कुत्तों को शेल्टर होम में रखा जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इनकी भी बात मान ली है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि बीमार यानी रेबीज पीड़ित कुत्तों या आक्रामक यानी हिंसक कुत्तों को नहीं छोड़ा जाएगा. ऐसे कुत्ते शेल्टर होम में ही रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले में साफ है कि वैक्सीनेशन और बधियाकरण के बाद ही कुत्तों को उनके मूल इलाके में छोड़ा जाएगा. इससे डॉग लवर को बीमारी या काटने का जो खतरा था, वह भी कम हो गया.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की खास बातें
दरअसल, तीन जजों की बेंच, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजारिया, ने यह निर्णय लिया है. इसके साथ ही देशभर की सभी अदालतों में लंबित संबंधित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने का भी आदेश दिया गया है. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट का आदेश केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित था, लेकिन अब इसे पूरे भारत में लागू करने का निर्णय लिया गया है. अदालत ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण यह समस्या बढ़ी है, इसलिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है. देशभर की अदालतों में लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने से एकरूपता सुनिश्चित होगी और नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा.
पहले क्या था फैसला
11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक को लेकर फिक्र जाहिर करते हुए एमसीडी और न्यू दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल (एनडीएमसी) को तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी आवारा कुत्तों को पकड़ने और हटाने का निर्देश दिया था. अपने फैसले में कहा था कि बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है.
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
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First Published :
August 22, 2025, 11:20 IST