श्रीलंकाई लुटेरों का समुद्र में कहर, 11 मछुआरों को दरांती से काटा, लूटी नाव

2 weeks ago

Last Updated:October 06, 2025, 15:17 IST

श्रीलंका के समुद्री लुटेरों ने नागपट्टिनम के 11 मछुआरों पर अचानक समुद्र में हमला कर दिया. उन्होंने दरांती व रॉड से हमला कर मछुआरों की नाव, जीपीएस और मछलियां लूट लीं. इस हमले में एक मछुआरे की हालत नाजुक बताई जा रही है और स्थानीय लोग सरकार से सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.

श्रीलंकाई लुटेरों का समुद्र में कहर, 11 मछुआरों को दरांती से काटा, लूटी नावप्रतिकात्मक तस्वीर

Tamil Nadu: समुद्र में मछली पकड़ने का काम तमिलनाडु के तटीय गांवों के लोगों की आजीविका का आधार है, लेकिन यह काम खतरों से भरा हुआ भी है. दरअसल, हाल ही में नागपट्टिनम जिले के नाम्बियार नगर गांव के 11 मछुआरों पर श्रीलंका से आए समुद्री लुटेरों ने क्रूर तरीके से हमला कर दिया. यह हमला इतना भयानक था कि सभी मछुआरे गंभीर रूप से घायल हो गए और उनमें से एक की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है. लुटेरों ने न केवल मछुआरों से मारपीट की, बल्कि उनकी नाव, मछली और कीमती उपकरण भी लूटकर ले गए. यह घटना मछुआरों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा करती है. स्थानीय लोग और मछुआरा संगठन सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

हमले का भयावह दृश्य

दरअसल, यह दर्दनाक घटना तब हुई, जब नाम्बियार नगर के 11 मछुआरे रोजाना की तरह नाव लेकर अरब सागर में मछली पकड़ने निकले थे. पुलिस के अनुसार, यह हमला समुद्र के बीच हुआ, जब श्रीलंका की ओर से आए समुद्री लुटेरे अचानक उनकी नाव के पास पहुंचे. लुटेरों ने मछुआरों पर धारदार दरांती, लोहे की रॉड और मोटे लकड़ी के डंडों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया. मछुआरे इस अचानक हमले के लिए तैयार नहीं थे और उन्हें बचाव का मौका भी नहीं मिला. हमलावरों ने बेरहमी से उन पर प्रहार किए, जिससे सभी मछुआरे बुरी तरह घायल हो गए.

10 का चल रहा इसाल, एक की हालत नाजुक

हमले में घायल मछुआरों की पहचान ससी कुमार, उदयशंकर, शिवशंकर, किरुबा, कमलेश, विग्नेश, विमल, सुब्रमण्यम, तिरुमुरुगन, मुरुगन और अरुण के रूप में हुई है. इन सभी को गंभीर चोटें आई हैं, जिनमें कटाव, हड्डियों में चोट और गहरे घाव शामिल हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित शिवशंकर की हालत गंभीर है, क्योंकि उनके बाएं हाथ पर गहरी चोट लगी है. उन्हें हमले के तुरंत बाद तंजावुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है. बाकी 10 मछुआरों का इलाज नागपट्टिनम के स्थानीय सरकारी अस्पताल में चल रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि घायलों को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह का आघात पहुंचा है.

पकड़ी हुई मछलियां तक लुटेरों ने नहीं छोड़ी

बता दें हमलावरों ने मछुआरों को घायल करने के बाद उनकी नाव को पूरी तरह लूट लिया. उन्होंने नाव का इंजन, जो मछुआरों के लिए सबसे जरूरी है, जीपीएस डिवाइस, वॉकी-टॉकी सेट, मछली पकड़ने के लिए इस्तेमाल होने वाले महंगे जाल और उस दिन पकड़ी गई सारी मछलियां लूट लीं. ये सामान मछुआरों की रोजी-रोटी का आधार हैं, और इस लूट ने उन्हें आर्थिक रूप से भी भारी नुकसान पहुंचाया है. लुटेरे हमले के बाद इन सामानों को लेकर श्रीलंका की ओर भाग गए.

तट तक लौटने की जंग

हमले के बाद मछुआरों की नाव बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी. इंजन लूट लिया गया था, जिसके कारण तट तक वापस लौटना उनके लिए बेहद मुश्किल हो गया. घायल अवस्था में, दर्द से कराहते हुए, उन्होंने किसी तरह हिम्मत जुटाई और तट तक पहुंचे. इस दौरान उन्हें शारीरिक और मानसिक कष्ट झेलना पड़ा. स्थानीय लोगों ने उन्हें देखकर तुरंत पुलिस और मेडिकल मदद बुलाई, जिसके बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया.

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

दरअसल, यह पहली बार नहीं है जब तमिलनाडु के मछुआरों को श्रीलंकाई समुद्री लुटेरों का निशाना बनना पड़ा है. पिछले साल फरवरी और अप्रैल 2024 में भी नागपट्टिनम के मछुआरों पर ऐसे ही हमले हुए थे. उन हमलों में भी लुटेरों ने मछुआरों को मारपीट कर उनका सामान लूट लिया था. बार-बार हो रही इन घटनाओं ने मछुआरों में डर पैदा कर दिया है. वे अब समुद्र में जाने से पहले दो बार सोचते हैं, क्योंकि उनकी जान और माल दोनों खतरे में हैं.

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही नागपट्टिनम पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है. घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया और उनके बयान दर्ज किए गए है. पुलिस ने भारतीय दंड संहिता के तहत हमला, लूट और जान को खतरे में डालने की धाराओं में मामला दर्ज किया है. जांच के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं, जो समुद्री सीमा पर निगरानी और लुटेरों की तलाश में लगी हैं. हालांकि, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. पुलिस श्रीलंका के समुद्री अधिकारियों से भी संपर्क करने की कोशिश कर रही है, ताकि लुटेरों की पहचान हो सके.

मछुआरों और स्थानीय लोगों की मांग

नाम्बियार नगर के मछुआरा संगठनों और स्थानीय ग्रामीणों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. उन्होंने तमिलनाडु सरकार और केंद्र सरकार से मांग की है कि मछुआरों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं. उनकी मांग है कि समुद्र में गश्त बढ़ाई जाए, ताकि लुटेरों को रोका जा सके. साथ ही वे चाहते हैं कि श्रीलंका सरकार के साथ इस मुद्दे पर बातचीत हो और दोषियों को सख्त सजा दी जाए. मछुआरों ने यह भी कहा कि उनकी आजीविका को बचाने के लिए सरकार को मुआवजा और नई नावों की व्यवस्था करनी चाहिए.

Kunal Jha

कुणाल झा एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में तीन साल से ज्यादा का अनुभव है. वह नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के कई अलग-अलग मुद्दों को कवर करते हैं. करियर, एजुकेशन, जॉब और स्पोर्ट्स जैसी फील्ड में...और पढ़ें

कुणाल झा एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में तीन साल से ज्यादा का अनुभव है. वह नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के कई अलग-अलग मुद्दों को कवर करते हैं. करियर, एजुकेशन, जॉब और स्पोर्ट्स जैसी फील्ड में...

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First Published :

October 06, 2025, 15:17 IST

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