Last Updated:August 27, 2025, 10:56 IST
Bihar Chunav 2025: बिहार में मंगलवार (26 अगस्त) की सुबह पटना में सियासी हलचल अचानक तेज हो गई, जब केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. दो घंटे की इस गुप्त बैठक में उपराष्ट्र...और पढ़ें

पटना. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. मंगलवार (26 अगस्त) को दो घंटे की लंबी बैठक को बिहार की राजनीति में एक बड़े संकेत के रूप में देखा जा रहा है. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की मौजूदगी ने इस मुलाकात को और महत्वपूर्ण बना दिया. कहा तो जा रहा है कि मुलाकात के दौरान आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव, एनडीए गठबंधन की एकजुटता और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति पर गहन चर्चा हुई. लेकिन धर्मेंद्र प्रधान की नीतीश कुमार से मुलाकात को बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि, धर्मेंद्र ने इसे ‘आत्मीय भेंट’ कहा है, लेकिन जानकार बताते हैं कि धर्मेंद्र प्रधान को भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक माना जाता है, और बिहार में जब भी बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन में कोई मतभेद या तनाव की स्थिति आती है तो धर्मेंद्र प्रधान अक्सर ‘संकटमोचक’ की भूमिका में सामने आते हैं. ऐसे में नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे से पहले यह मुलाकात बेहद महत्व की थी.
बिहार की सियासत के संकटमोचक
धर्मेंद्र प्रधान का बिहार से गहरा नाता रहा है. वर्ष 2012 में वे बिहार से राज्यसभा सांसद चुने गए और 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में अहम रणनीतिकार रहे थे. जब भी बीजेपी और जदयू के बीच तनाव की स्थिति बनी तो धर्मेंद्र ने संकटमोचक की भूमिका निभाई. राजनीति के जानकार कहते हैं कि धर्मेंद्र प्रधान की मुख्यमंत्री नीतीश से नजदीकी और बिहार की जमीनी समझ उन्हें एनडीए के लिए महत्वपूर्ण बनाती है. इस मुलाकात को भी गठबंधन में समन्वय और विश्वास बहाली की कवायद के रूप में देखा जा रहा है.
उपराष्ट्रपति चुनाव और एनडीए की एकजुटता
बता दें कि आगामी 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को जदयू का समर्थन पहले ही मिल चुका है. बताया जा रहा है कि धर्मेंद्र प्रधान और नीतीश कुमार की मुलाकात में इस समर्थन को और मजबूत करने पर जोर दिया गया. इसके अलावा, एनडीए के भीतर छोटे सहयोगी दलों-जैसे चिराग पासवान की लोजपा, जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा के साथ तालमेल पर भी चर्चा हुई. जाहिर है धर्मेंद्र-नीतीश की मुलाकात बिहार में एनडीए गठबंधन की एकता को बताने का भी संदेश देती है.
विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे की उलझन
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें जल्द ही घोषित की जा सकती है और एनडीए के सामने सीट बंटवारा अभी भी एक बड़ी चुनौती है. बीजेपी और जदयू, दोनों ही अधिक सीटों पर दावा कर रहे हैं. वहीं, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टियों के भी अपने-अपने दावे हैं. सूत्रों के की खबर के अनुसार, इस मुलाकात में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर प्रारंभिक चर्चा हुई. ऐसे में कहा जा रहा है कि धर्मेंद्र प्रधान का दौरा इस बात का संकेत है कि बीजेपी शीर्ष नेतृत्व नीतीश को सीएम चेहरा घोषित करने और गठबंधन की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए गंभीर है.
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात को बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है जो आगामी चुनावों में एनडीए की रणनीति को आकार देने में मदद कर सकता है. साथ में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और सांसद संजय कुमार झा.
विपक्ष की चुनौती और एनडीए की रणनीति
जानकार कहते हैं कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा ने एनडीए के सामने चुनौती खड़ी की है. विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए एनडीए को एकजुट और आक्रामक रणनीति की जरूरत है. धर्मेंद्र प्रधान की नीतीश कुमार से मुलाकात इस दिशा में एक कदम माना जा रहा है. विपक्ष के ‘वोट चोरी’ के आरोपों का जवाब देने के लिए एनडीए विकास कार्यों और सामाजिक समीकरणों पर फोकस कर रहा है.
बिहार की शिक्षा और विकास पर फोकस
बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री के रूप में धर्मेंद्र प्रधान का बिहार दौरा शिक्षा से जुड़े मुद्दों की ओर भी इशारा करता है. उन्होंने ज्ञान भवन में बीजेपी युवा मोर्चा के यूथ कॉन्क्लेव में हिस्सा लिया जहां उन्होंने शिक्षा और रोजगार के अवसरों पर जोर दिया. नीतीश कुमार के साथ उनकी चर्चा में बिहार के लिए केंद्रीय योजनाओं, जैसे- मखाना बोर्ड और कोसी नहर परियोजना के कार्यान्वयन पर भी बात हुई. यह दौरा विकास और चुनावी वादों को जोड़ने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है.
बिहार की सियासत में क्या बदलेगा?
जानकारों की नजर में धर्मेंद्र प्रधान का बिहार दौरा और सीएम नीतीश कुमार से उनकी मीटिंग केवल एक मुलाकात भर नहीं, बल्कि बिहार की सियासत में एनडीए की रणनीति को मजबूत करने का प्रयास है. नीतीश कुमार की दिल्ली यात्रा के बीच उनकी मुलाकात से सीट बंटवारे और सीएम चेहरे पर अंतिम फैसला हो सकता है. धर्मेंद्र प्रधान की भूमिका गठबंधन के भीतर संतुलन बनाए रखने और विपक्ष के हमलों का जवाब देने में अहम होगी. यह दौरा बिहार में एनडीए की सियासत के लिहाज से नए परिणाम ला सकती है.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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First Published :
August 27, 2025, 10:56 IST