Last Updated:November 01, 2025, 14:00 IST
ओडिशा में जैतून रिडले कछुओं की सुरक्षा के लिए 7 महीने मछली पकड़ने पर बैन, 11 हजार परिवारों को 15K राहत, OTFWU ने ज्यादा सहायता और कम प्रतिबंध की मांग की है.
समंदर में मछली पकड़ने पर लगी रोक. Odisha News: ओडिशा सरकार ने समंदर में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने खतरे में घिरे जैतून रिडले कछुओं (ओलिव रिडले टर्टल) के संरक्षण कार्यक्रम के तहत ये नियम लगाया है. शनिवार को सरकार की ओर से नोटिस जारी किया गया कि धामरा, देवी और रुसीकुल्या नदियों के मुहानों के पास 20 किलोमीटर समुद्री क्षेत्र में 7 महीने का सागरीय मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया. अधिकारियों ने बताया कि यह प्रतिबंध 1 नवंबर से 31 मई तक लागू रहेगा, जो कछुओं के प्रजनन और संभोग मौसम के दौरान समुद्री जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. वहीं, गहिरमठा तट पर तो पूरे साल मछली पकड़ने पर रोक बनी हुई है. इसे दुनिया का सबसे बड़ा कछुआ कॉरिडोर माना जाता है.
यह प्रतिबंध ओडिशा समुद्री मछली रेगुलेशन एक्ट (OMFRA), 1982 की धारा 2, 7 और 4 तथा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत लगाया गया है. एक अधिकारी ने कहा, ‘हर साल की तरह इस बार भी सख्ती से अमल होगा, क्योंकि ये संकटग्रस्त प्रजातियां मछली पकड़ने के जाल में फंसकर या ट्रॉलर प्रोपेलर से टकराकर बड़ी संख्या में मर जाती हैं.’
मल्टी-लेयर पैट्रोलिंग होंगी
प्रभावी निगरानी के लिए भद्रक, राजनगर, पुरी और बेरहामपुर के चार वन्यजीव मंडलों में 61 तटीय और 5 अपतटीय कैंप स्थापित किए गए हैं. वन, मत्स्य, समुद्री पुलिस और कोस्ट गार्ड की संयुक्त टीमें मल्टी-लेयर पैट्रोलिंग करेंगी. राजनगर मैंग्रोव (वन्यजीव) वन मंडल के डीएफओ सुदर्शन गोपीनाथ यादव ने बताया, ‘5 हाई-स्पीड नावें, 13 ट्रॉलर और सपोर्ट बोट्स अवैध मछली पकड़ने को रोकने के लिए तैनात हैं. सशस्त्र पुलिस भी पैट्रोलिंग टीमों के साथ रहेगी.’
एकमुश्त 15,000 रुपये की आजीविका
प्रतिबंध से करीब 11,000 मछुआरा परिवार प्रभावित होंगे, जिन्हें आय के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार एकमुश्त 15,000 रुपये की आजीविका सहायता देगी. लेकिन, ओडिशा ट्रेडिशनल फिश वर्कर्स यूनियन (OTFWU) ने मांग की है कि राशि 30,000 रुपये की हो और इसमें छोटे मछली व्यापारियों समेत सभी मछली-निर्भर परिवार शामिल हों. यूनियन के महासचिव के येलय्या ने कहा, ‘प्रतिबंध अवधि 7 से घटाकर 5 महीने, क्षेत्र 20 किलोमीटर से घटाकर 5 किलोमीटर और सभी प्रभावित परिवारों को वैकल्पिक रोजगार सहायता दी जाए.’
अरिबाडा नामक दुर्लभ घटना
जैतून रिडले कछुए रात के अंधेरे में घुसकर ‘अरिबाडा’ नामक दुर्लभ घटना में अंडे देती हैं. अंडे देने के बाद वे समुद्र लौट जाती हैं, और 45-60 दिनों बाद बच्चे निकल आती हैं. बिना मां के ही पलकर. ओडिशा का यह क्षेत्र कछुओं का प्रमुख घोंसला स्थल है, जहां हर साल लाखों कछुए आते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रयास वैश्विक स्तर पर संरक्षण का मॉडल है, लेकिन मछुआरों की आजीविका को मजबूत बनाने की जरूरत है. सरकार ने अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किए हैं.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
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First Published :
November 01, 2025, 14:00 IST

20 hours ago
